आईजीएनटीयू कुलपति को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का नोटिस

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आईजीएनटीयू को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का नोटिस
मामला स्थानीय जनजाति के छात्रों को प्रवेश से वंचित करने व पीएचडी प्रवेश में गडबडी का
अनूपपुर। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में बीते वर्षो में हुए विभिन्न गडबडियों को लेकर स्थानीय संगठन ने स्थानीय स्तर से लेकर दिल्ली तक ज्ञापन सौपते हुए विसंगतियों को अवगत कराया था, जिसके बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामले को संज्ञान लेते हुए कुलपति को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है।
15 दिन में देना होगा जवाब
भारत सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के पत्र के अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में स्थानीय जनजाति के छात्रों को कथित रूप से प्रवेश से वंचित करने तथा पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी के संबंध में रोशन, ग्राम बरसोत, पुष्पराजगढ़ के 02 अगस्त 2021 का अभ्यावेदन के अनुरूप नोटिस दिया गया है। चूंकि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को 02.08.2021 का अभ्यावेदन प्राप्त हुआ और आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के अन्तर्गत उसे प्रदत्त शक्तियों का अनुसरण करते हुए इस मामले का अन्वेषण / जांच करने का निश्चय किया है। अत: कुलपति से एतदद्वारा अनुरोध किया गया है कि इस सूचना / पत्र के प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर अधोहस्ताक्षरी को डाक से या स्वयं उपस्थित होकर या किसी अन्य सचार साधन से सभी तथ्य तथा आरोपों / मामलों पर की गई कार्रवाई से संबंधित सूचना प्रस्तुत करेंने का नोटिस जारी किया गया है।
समन हो सकता है जारी
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उप निदेशक आर.के. दुबे ने नोटिस जारी करते हुए उल्लेख किया कि कृपया ध्यान रखें कि यदि नियत अवधि में आयोग को उत्तर प्राप्त नहीं होता है तो वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के खण्ड (8) के अन्तर्गत उसे प्रदत्त दीवानी अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है तथा व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए आपको समन जारी कर सकता है। गौरतलब हो कि इस पूरे मामले में पहली पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।