OMG….इस संक्रमण कॉल में भी क्रिकेट का सट्टा @ जुआ छोड़ फिर पुराने कारोबार में नज्जिर

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नज्जिर ने क्रिकेट के सट्टे को लगाये पंख
विराट धरा पर फिर शुरू हुआ अवैध कारोबार

शहडोल। लॉकडाउन की वजह से क्रिकेट सट्टा बाजार भी पिछले करीब पांच महीने से बंद था। संचार के नए साधनों के आने के साथ ही सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग इतना बड़ा धंधा हो गया है कि सोचा नहीं जा सकता, इसका नेटवर्क बुहत ही व्यापक है, मटका सट्टा से जुड़े बुकी का कहना है कि इसमें कैश से काम होता है और ये सीधा मुंबई से जुड़ा है। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही ये काम बंद हो गया था, लेकिन इसे फिर शुरू कर दिया गया है।
कारोबार को लगे पंख
विराट नगरी में कई इलाकों में मटका के नाम से चलने वाले सट्टा कारोबार गैरकानूनी है, लेकिन सच ये है कि जिले में व्यापक तौर पर क्रिकेट का सट्टा नज्जिर द्वारा चलाया जा रहा है, माना जाता है कि हर रोज लाखों का टर्नओवर होता है और रोज लगभग सैकड़ो सटोरी सट्टा लगाते हैं। ज्यादातर कैश पर चलने वाला यह सट्टा और लॉटरी बाजार लॉकडाउन के कारण रूक था, लेकिन नज्जिर ने इस कारोबार में फिर पंख लगा दिये हैं।
ऐसे होता है खेल
सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है, सट्टे पर पैसे लगाने वाले को फंटर कहते हैं। जो पैसे का हिसाब किताब रखता है, उसे बुकी कहा जाता है। सट्टा लगाने वाले फंटर 2 शब्द खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं। यानी किसी टीम को फेवरिट माना जाता है तो, उस पर लगे दांव को लगाना कहते हैं, ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो, उसे खाना कहते हैं। इस खेल में डिब्बा अहम भूमिका निभाता है। डिब्बा मोबाइल का वह कनेक्शन है,जो मुख्य सटोरियों से फंटर को कनेक्शन देते हैं। जिस पर हर बॉल का रेट बताया जाता है। पूरे मैच के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से 3 हजार में मिलता है। डिब्बे का कनेक्शन एक खास नंबर होता है , जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है।

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