OMG…..PM आवास के किश्त से 10 हजार डकार गयी पुलिस !

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जे.सी.बी.को जप्त करने के नाम से 15 हजार लिये प्रधान आरक्षक अशोक गुप्ता

प्रधान आरक्षक अशोक गुप्ता बने जिले के वरिष्ट अधिकारी

(ज्ञानचंद जयसवाल)

वैसे तो कई मामले खुलासे करने के लिए पुलिस को महीनों बीत जाते हैं लेकिन जब बात मलाई छानने की होती है, तो पुलिस न शिकायत का इंतजार करती है न ही किसी के आदेश का खुद बा खुद मौके में पहंच मामले को रफा-दफा करने में जुट जाती है। यूतो पुलिस का यह नया मामला नही है इससे पहले भी पुलिस के दामन पर कई आरोप लग चुके हैं, लेकिन जब गरीब को कार्यवाही का भय दिखाकर और जे सी बी को की बात मे रिश्वत लेने की बात आये तो यह कहां तक जायज है।

अनूपपुर। जिले की देश भक्ति जन सेवा के नाम से जानी जाती है पुलिस लेकिन जब यह पुलिस देश भक्ति जन सेवा छोड कार्यवाही का भय आम जनता को दिखाये तब आप क्या कहेंगे । ऐसा ही मामला अनूपपुर जिले के कोतवाली में आया है जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास की गई है । जानकारी के अनुसार कोतवाली में पदस्थ मंगला दुबे ए.एस.आई एवं अशोक गुप्ता प्रधान आरक्षक के द्वारा फरियादी से 10 एवं 15 हजार कार्यवाही का भय दिखा कर रिश्वत ली गई।

यह है शिकायत

एस.पी. को सौंपे गये शिकायत में बताया गया कि परमा नायक पिता अनिदिया नायक ग्राम जमुडी(सकरा) का निवासी है जो अपने पीएम आवास के लिए पट्ठे की जमीन से जेसीबी से मिट्ठी निकलवाकर पीएम आवास भवन में मिट्ठी पटवाने का काम करवा रहा था। तभी कोतवाली से मंगला दुबे एवं अशोक गुप्ता दोनो पुलिस वाले आये और बोले कि तुम सरकारी जमीन में घर बनवा रहे हो तुम सब लोगो को जेल हो जायेगी । मौके में जेसीबी और टैक्टर को जप्त कर थाने ले जाने के बात कहने लगे । जबकि हम अपने निजी पट्ठे की जमीन से मिट्ठी निकालकर स्वीकृत पीएम आवास के घर का समतली करण करवा रहे थे। हम लोग मंगला दुबे अशोक गुप्ता से हाथ जोडकर कार्यवाही न करने की बात कहे तब मंगला दुबे अशोक गुप्ता ने 10 हजार रूपये मौके में ही लेकर जे.सी.बी. को साथ लेकर थाने की ओर चल दिए । सवाल यह उठता है कि जब निजी पट्ठे की जमीन में भवन का समतलीकरण कराया जा रहा था तो इन्हें कार्यवाही का आदेश किसने दिया।

जानिये अशोक गुप्ता को

जानकारी के अनुसार अशोक गुप्ता की पदस्थापना कोतमा थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर है । इससे पूर्व जब नरेंद्र पाल राजेन्द्रग्राम मे टी.आई. के पद पर पदस्थ थे तब अपनी सेवा राजेन्द्रग्राम में भी दे चुके हैं। सूत्रो की माने तो वर्तमान में अशोक गुप्ता को एक मामले की जांच में आपसी तौर पर कोतवाली बुलाया गया वह मामले की जांच तो जो कर रहे होगे सो वही जाने लेकिन शिकायत के बाद सामने आया कि कोतवाली क्षेत्र में आकर वसूली को अंजाम देते है । बताया गया कि कोतवाली थाना प्रभारी के भी अशोक गुप्ता से मधुर संबंध हैं । सवाल यह उठता है कि कोतमा में पदस्थापना होने के बाद कोतवाली क्षेत्र में आकर कार्यवाही का आदेश इन्हें किसके द्वारा दिया गया है।

यह ली रिश्वत की रकम

जे.सी.बी. संचालक को कार्यवाही का भय दिखाकर प्रधान आरक्षक अशोक गुप्ता ने पुलिस कोतवाली में बुलाकर गैलरी में 15 हजार रूपये रिश्वत ली । अगर 6 जुलाई की शाम कोतवाली में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कराई जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा । जे.सी.बी. संचालक ने बताया कि मौके पर पहंचे पुलिस ने हमसे कहा कि आप जे.सी.बी. थाने ले चलो आपकी जेसीबी राजसात हो जायेगी तब मैने अशोक गुप्ता और मंगला दुबे के हांथ पाव जोडे तब जाकर अशोक गुप्ता ने 50 हजार से शुरू किये और 15 हजार रूपये में सहमति बनी और यह बोला गया कि शाम को पैसा लाकर दे देना तब जाकर मैने लगभग 7ः30 से 8 बजे रात्रि के बीच थाने की गैलरी में अशोक गुप्ता के हांथ में 15 हजार रूपये दी।

तो पत्रकार के विरूद्ध रच रहे षडयंत्र

शिकायत कर्ता ने जब मामले के संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी उसके बाद उक्त संबंध में पत्रकारो द्वारा अपने तरीके से जानकारी जुटाई जाने लगी तब कोतवाली के कोतवाल ने अपने विशेष गुप्तचर से कहा कि ये पत्रकार पुलिस वालो के पीछे पड गये है इनके खिलाफ किसी आदिवासी को पकडकर मार-पीट का मुकदमा कायम कर एसटीएससी में गसवा दो ताकि दोबारा ये पुलिस की तरफ नजर उठाकर न देखें। सवाल यह उठता है कि पुलिस की रिश्वत खोरी के खबर को लेकर कोतवाल साहब पत्रकारो से नाराज दिख रहे है या फिर यू कहे कि पुलिस को लूटने दे और पत्रकार इस ओर अपनी नजर न दिखाये। बहरहाल सारे मुद्दो की शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास की गई है अब सब जांच में ही सामने आयेगा

इनका कहना है

शिकायतकर्ता के द्वारा की गई शिकायत की जांच कराई जायेगी और सत्यता पाई गई तो परेशान करने वाला या रिश्वत लेने वाला कोई भी हो व्यक्ति क्यों न हो कार्यवाही अवश्य की जायेगी।

एम.एल.सोलंकी
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर

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