श्रावण के तीसरे सोमवार पर भक्तिभाव में डूबी अमरकंटक नगरी, नर्मदा उद्गम व जालेश्वर धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

गिरीश राठौड़
श्रावण मास के तीसरे सोमवार नर्मदा उद्गम व जालेश्वर धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
अमरकंटक। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को मां नर्मदा की पावन उद्गम स्थली अमरकंटक में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। अलसुबह से ही संपूर्ण नगरी हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों से गूंज उठी। नर्मदा मंदिर प्रांगण, जालेश्वर धाम, कपिलधारा और अन्य धार्मिक स्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और पूजन-अर्चन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।कांवड़ यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी से पवित्र जल भरकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। इस दौरान पूरे दिन भर नर्मदा मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन, शिव भक्ति, पूजन पाठ और जल अर्पण का सिलसिला चलता रहा। स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत अन्य राज्यों से आए भक्तों ने अमरकंटक पहुंचकर भगवान शिव और मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की।
नर्मदा मंदिर में दर्शन हेतु श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर प्रांगण से बाहर तक लगी रहीं। वहीं, जालेश्वर धाम में भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग श्रद्धा भाव से लाइन में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते नजर आए। चारों ओर शिव नाम की गूंज और भक्तों की आस्था का अद्भुत नजारा पवित्र नगरी को अलौकिक बना रहा था।नर्मदा मंदिर के पुजारी पं. जुगुल किशोर द्विवेदी ने बताया कि श्रावण मास में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। अब अंतिम सोमवार बचा है, जिसमें भी हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष सावन मास में अमरकंटक नगरी भक्तिभाव से सराबोर रहती है और यह परंपरा वर्षों से निरंतर जारी है।श्रावण सोमवारों में उमड़ रही भारी भीड़ ने अमरकंटक को धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र बना दिया है, जिससे नगरवासियों और प्रशासन दोनों में विशेष सक्रियता दिखाई दे रही है।
अमरकंटक श्रवण उपाध्याय