शिकायत के डेढ़ बरस, नतीजा फिर भी सिफर
संभागायुक्त भी नहीं दिला पाये रोजगार सहायक से मुक्ति
लाखों का भ्रष्टाचार, जिम्मेदारी धेले भर की नहीं
शहडोल। जिले की बड़ी पंचायतों में शुमार केशवाही में सरकारी धन की होली तो खेली ही जा रही है, बाजार बैठकी व अन्य माध्यमों से पंचायत को होने वाली आय भी रोजगार सहायक, सरपंच व जनपद में बैठे तथाकथित जिम्मेदार, आरईएस के उपयंत्री मिलकर निपटा रहे हैं। 4 जुलाई 2019 को तथाकथित रोजगार सहायक शैलेन्द्र तिवारी के खिलाफ संभागायुक्त को शिकायत की गई थी, लेकिन यह शिकायत भी संभागायुक्त कार्यालय में बैठे बाबुओं व जांच अधिकारियों ने निपटा दी।
चंद रूपयो में रसीद
ग्राम पंचायत केशवाही में पशु बाजार लगा करता था, लेकिन कोरोना काल के चलते बाजार लगाने पर शासन ने प्रतिबंध लगाया है, पदस्थ रोजगार सहायक पशु तस्करों के अवैध कारोबार में ढाल बनकर चंद रूपयों के खातिर बेजुबान जानवरों को कत्लगाह तक पहुंचाने का काम कर रहा है। पशु तस्करी का नेटवर्क केशवाही, जैतपुर, कोतमा, लहसुई, गोहपारू, जयसिंहनगर, ब्यौहारी-देवलोंद होते हुए रीवा से उत्तरप्रदेश तक है, सप्ताह भर में जिले के थानों में पशु तस्करी से जुड़े मामले सामने आते हैं, काम का पैतरा बदल चुके तस्करों ने इस बार नया तरीका अपनाया है, केशवाही बंद पड़े बाजार की चंद रूपयो में रसीद रोजगार सहायक से लेने के बाद अवैध कारोबार को वैध कर लेते हैं।
अवैध कारोबार हो रहा वैध
अक्सर जब पशु तस्करी के वाहन या मवेशी पकड़े जाते हैं तो, खरीदी बिक्री की रसीद और पंचायत में जमा की गई राशि तस्करों के लिए ढाल बन जाती है, अगर पुलिस मामला कायम भी करती है तो, अदालत में तस्करों को आसानी से छूटने में रसीद काम आ जाती है, कुल मिलाकर पशु तस्करी के इस अवैध कारोबार में जितने दोषी तस्कर है, उतना ही कथित रोजगार सहायक भी है, जो कि अवैध कारोबार को वैध कर देता है।
लागत से अधिक राशि निकाली
ग्राम पंचायत केशवाही में कई ऐसे निर्माण कार्य हैं, जिन्हें आधा-अधूरा बनाकर राशि पूर्ण आहरित कर ली गई है, लेकिन शिकायत के बावजूद जिम्मेदारों ने आज तक जांच की जहमत नहीं उठाई, बस्ती के अंदर बाबूलाल नामदेव के घर से मो. गुलजार के घर तक कांक्रीट मार्ग का अधूरा निर्माण कार्य कराया गया और लागत से अधिक राशि निकाल ली गई है। प्रतिक्षालय भी अधूरा ग्राम पंचायत केशवाही में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, ग्राम पंचायत में नया बस स्टैण्ड स्वीकृत हुआ था, तीन वर्ष पूर्व यात्री प्रतिक्षालय की नींव डाली गई, राशि आहरित हो गई, लेकिन निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत अंतर्गत बाजार क्षेत्र में शासकीय भूमि अनाधिकृत रूप से लेन-देन कर मकान बनवा दिया जाता है, जिस पर भीकोई कार्यवाही नहीं हुई।
मजदूरी में भी गड़बड़झाला
रोजगार सहायक शैलेन्द्र तिवारी मनरेगा अंतर्गत मस्टर रोल में ऐसे व्यक्तियों का नाम भरा जाता है, जो कभी भी कार्य नहीं करते और उनको मजदूरी दिलाया जाता है, पंचायत द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य में कहीं गुणवत्ता नजर नहीं आती है, लगभग निर्माण कार्यो की अगर जांच हो जाये तो, रोजगार सहायक द्वारा किये गये काले कारनामें खुलकर सामने आ सकते हैं।
शराब पीकर करते हैं मारपीट
शिकायतकर्ता ने रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि रोजगार सहायक शराब पीकर लड़ाई, झगड़ा करने पर आमदा हो जाता है, जिससे ग्रामीणजन परेशान है, मजदूर अपनी सही मजदूरी नहीं पाता, पीएम आवास बिना पैसे के स्वीकृत नहीं होता साथ ही कमीशन बांधा हुआ है। कथित रोजगार सहायक द्वारा हितग्राही मूलक कार्य चाहे सामुदायिक कार्य हो सभी में जमकर गड़बड़झाला किया गया है।
इनका कहना है…
मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, पूरे मामले की जांच कराई जायेगी, जो भी दोषी होगा सख्त कार्यवाही होगी।
पार्थ जायसवाल
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत, शहडोल