वर्षों से मिल रही बच्चों की बूंदी अमृत महोत्सव पर ओपीम ने रोक दी..!!

शहडोल। पूरा जिला और प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, ऐसे में जिले के ख्यातिप्राप्त कागज के कारखाने ओरियंट पेपर मिल के द्वारा बच्चों को बीते कई दशकों से मिल प्रबंधन के मुखिया के द्वारा चालू की गई 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस को दी जाने वाली बूंदी की परंपरा अब रोक दी गई है।
मिल प्रबंधन का मानना है कि मिल भारी घाटे में मिल चल रही है, ऐसे में फिजूलखर्चीयों को रोक दिया जाए।
सवाल ये उठता है कि जिस आदिवासी क्षेत्र में कागज का कारखाना संचालित है, जिन प्रभावित ग्रामों के बच्चे ओरियंट पेपर मिल के आसपास के गिनती के 4 से 6 विद्यालयों में पढ़ते हैं, उन्हें बिरला जी के द्वारा चालू की गई यह परंपरा का प्रतिसाद मिलना बंद क्यों कर दिया गया है, मिल प्रबंधन दो से ₹4000 की बूंदी जो केवल गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर दी जाती थी, उसे रोक कर अपने घाटे को पूरा करेगा।
यह सुनने में अटपटा लग रहा हो लेकिन यह सच है कि प्रबंधन ने घाटे का हवाला देते हुए अपने प्रभावित और मिल के आसपास के गिनती के विद्यालयों में साल में सिर्फ दो बार दी जाने वाली बूंदी बंद कर दी है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस बार बच्चों को बूंदी मिल प्रबंधन की ओर से नहीं मिलेगी…!!!