साढ़े 8 करोड़ की सड़क को ठेकेदार लगा रहा पलीता

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पीएमआरवाई की 17 किलोमीटर सड़क शहडोल से केलमनिया तक निर्माणाधीन

(अमित दुबे) – 7000656045

शहडोल। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क की शहडोल से केलमनिया तक 17.70 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य को संबंधित ठेकेदार पलीता लगा रहा है, एमेशन की जगह जला मोबीआइल डाला जा रहा है, बिना सफाई किये किया जा रहा डामरीकरण, पुरानी सड़क को ठीक से उखाड़े बिना उसी के ऊपर सड़क बनाई जा रही है, प्राक्कलन के हिसाब से डामरीकरण सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं थिकनेस कम है, पुलिया निर्माण में ठीक ढंग से फाउडेंशन नहीं डाला जा रहा है तथा फाउडेंशन फिलिंग में गड़बड़ी की जा रही है, पुलिया का स्लैप डालने में सीमेंट की मात्रा कम मिलाई जा रही है, इस तरह से गुणवत्ताहीन सड़क एवं पुलिया के निर्माण के कारण कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ जायेगी, डामर पिघल जायेगा और पुलिया क्षतिग्रस्त हो जायेगी।

अधिकारी ने भी माना गड़बड़ी

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के महाप्रबंधक जी.के. गुप्ता ने राज एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने शहडोल से केलमनिया तक निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया था, जिसमें कुछ कमियां पाई गई थी और जो कमियां पाई गई थी, उसे सुधारने का निर्देश ठेकेदार को दिया गया है।

महाप्रबंधक के निर्देश का नहीं हुआ पालन

शहडोल से केलमनिया निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण करने के बाद महाप्रबंधक जी.के. गुप्ता द्वारा पाई गई कमियों को ठेकेदार द्वारा सुधारा नहीं गया है और न ही सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण साढ़े 18 करोड़ की सड़क घटिया स्तर की बन रही है।

सैकड़ों गांव से है संपर्क

उक्त सड़क का संपर्क सैकड़ों गांवों से है, जहां से प्रतिदिन हजारों ग्रामवासी संभागीय मुख्यालय शहडोल आते-जाते हैं। जहां एक ओर किसानों का आना-जाना प्रतिदिन लगा रहता है, वहीं विभिन्न वर्ग के मजदूरों का भी रोजाना इसी मार्ग से आना-जाना होता है, शासकीय कर्मचारी, शिक्षक, अस्पताल के कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारियों का इसी मार्ग से प्रतिदिन आना-जाना होता है, लोगों को उम्मीद थी कि अनेक वर्षाे बाद इस सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरी करण हो जाने से आमजनता को आवागमन में सुविधा मिलने लगेगी, लेकिन जिस ढंग से ठेकेदार सड़क एवं पुलिया का घटिया निर्माण करा रहा है, उससे ऐसा लगता है कि कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ जायेगी। इससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होगी।

एसडीओ-उपयंत्री नहीं देते ध्यान

साढ़े 18 करोड़ की निर्माणधीन सड़क जिस एसडीओ एवं जिस उपयंत्री को देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे कभी उक्त सड़क का निरीक्षण नहीं करते हैं, इनकी लापरवाही के कारण ही ठेकेदार मनमानी पर उतारू है।

इनका कहना है…
उक्त सड़क का निरीक्षण मैनें किया था और निर्माण कार्य में कुछ  कमियां पाई गई थी, जिसको सुधारने के निर्देश मैनें ठेकेदार को दिये हैं।

जी.के.गुप्ता
महाप्रबंधक
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, शहडोल

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