जमानत की मोहलत या फिर छोटे पड़ गये कानून के हाथ

1 करोड़ से अधिक के गबन का आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर
पुत्र और भाई सहित अन्य अभी पुलिस रडार से दूर
शहडोल। मंगलवार की देर शाम बुढ़ार पुलिस ने शहडोल स्थित निलंबित बीईओ अशोक शर्मा के घर पर दबिश दी, लेकिन गबन का आरोपी पहले ही यहां से रफूचक्कर हो चुका था, गौरतलब है कि बुढ़ार पुलिस ने बुढ़ार बीईओ बी.के. निगम की शिकायत पर पूर्व बीईओ अशोक शर्मा के खिलाफ 1 करोड़ से अधिक के गबन के आरोप प्रमाणित होने के बाद एफआईआर दर्ज की थी, इस मामले में माननीय बुढ़ार न्यायालय ने आरोपी की ओर से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। 15 जून को इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सप्ताह भर से अधिक का समय बीत चुका है, बावजूद इसके अभी भी आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर हैं और अपने रसूख और रूपयों के दम पर मामले की जांच और अन्य पक्षों को प्रभावित करने में जुटा हुआ है।
पुत्र व भाई अभी भी जांच से दूर
अशोक शर्मा के द्वारा किये गये गबन के एक मामले पुलिस ने प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है, यह माना जा रहा है कि पुलिस इस मामले के तारों को लेकर अशोक शर्मा के कार्यकाल के दौरान हुए 10 करोड़ से अधिक के गबन और इस दौरान उसके द्वारा क्रय की गई अकूत संपत्ति आदि को भी जांच के दायरे में ले सकती है, गौरतलब है कि बीईओ रहने के दौरान अपने भाई गोपाल शर्मा के सहारा ट्रेवल्स नामक फर्म तथा पुत्र अभिषेक शर्मा की पतंजलि नामक प्रतिष्ठान के अलावा पत्नी के नाम पर पंजीकृत एनजीओ के खातों में लाखों रूपये सरकारी खाते से हस्तांतरित किये थे। इन मामलों में भी पूर्व में जांचे हो चुकी हैं, संभवत: पुलिस हाथ में आये कुछ तारों को टटोलते हुए आने वाले समय में पूरे मामले से पर्दा जरूर उठायेगी।
उपायुक्त ने भी मूंदी थी आंखे
जनजातीय कार्य विभाग के उपायुक्त जे.पी. सरवटे भी फरार बीईओ के द्वारा किये गये व्यापक भ्रष्टाचार में साझेदार रहे हैं। शहडोल पदस्थापना के बाद से ही जे.पी. सरवटे और अशोक शर्मा की जोड़ी जनजातीय कार्य विभाग में शहडोल से लेकर भोपाल तक साथ नजर आती रही है, जिस मामले में अशोक शर्मा के ऊपर अपराध दर्ज किया गया है, इसके अलावा दर्जनों अन्य मामले, जो जांच में है, उन सभी मामलों में जे.पी. सरवटे ने भी नियमों से परे हटकर शासकीय धन की न सिर्फ होली खेली है, बल्कि अपने पद का खुलकर दुरूपयोग भी किया है। इस मामले में पुलिस अशोक शर्मा व उसके रिश्तेदारों के अलावा जे.पी. सरवटे की भूमिका पर जांच केन्द्रित करे तो, चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
इनका कहना है…
बीती रात ही हमने अशोक शर्मा को पकडऩे के लिए घर पर दबिश दी थी, उसने अपना सेल फोन भी बंद कर लिया है, यदि जल्द नहीं मिलता है तो, ईनाम घोषित करवाने सहित अन्य कानूनी प्रक्रिया की जायेगी। इस मामले में जो भी संलग्न पाया जायेगा, कार्यवाही निष्पक्ष की जायेगी।
महेन्द्र सिंह चौहान
थाना प्रभारी, बुढ़ार