नियमोंं के विपरीत खुल रहे पेट्रोल पंप
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नियमोंं के विपरीत खुल रहे पेट्रोल पंप
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का नही रखा जा रहा ध्यान
विद्यालय, महाविद्यालय, चिकित्सालय और जल निकायों के समीप एनओसी
जिले में संचालित होने वाले व नवीन पेट्रोल पंप की अनुमति प्रदान करने में जिला प्रशासन सजग नही है, मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फ़ैक्ट्री में धमाके के बाद नियमों पर ध्यान नही दिया जा रहा है। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन द्वारा निर्धारित अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को लागू करना अनिवार्य कहा है साथ ही किसी भी स्थिति में स्कूलों, अस्पतालों, आवासीय क्षेत्रों, हाई टेंशन लाइन रिटेल आउटलेट के ऊपर से नहीं गुजरेगी।
अनूपपुर। सुरक्षा के दृष्टिकोण व मानकों के अनुसार पेट्रोल पंप का संचालित किया जाता है, लेकिन विभागों से मिलने वाली अनुमति जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद कर बांट रहे है। दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आज भी दर्जनों पेट्रोल पंप संचालित हो रहे है, लेकिन उन तक पहुंच कर न तो कार्यवाही की जाती है और न ही जागरूकता के लिए निर्देश दिये जाते है, यही कारण है कि लगातार जिले में नवीन खुलने होने वाले पेट्रोल पंप मनमाने तरीके से कहीं भी संचालित किये जाने की योजना लोग बना लेते है।
नए पेट्रोल पंपों की स्थापना के लिए दिशानिर्देश
पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने के संचालन से लेकर आस-पास के स्थितियों पर किस तरह के उपायों का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए बाकायदा दिशा-निर्देश जारी किये गये है, गाइडलाइन के अनुरूप तेल विपणन कंपनी द्वारा किए गए उपायों का विवरण सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा और विरोधाभासी दृष्टिकोण के मामले में, राज्य/केंद्रीय भूजल बोर्ड/प्राधिकरण का दृष्टिकोण मान्य होगा। किसी समस्या पर 24 घंटे के भीतर सीपीसीबी को सूचित करते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पीईएसओ और जिला प्रशासन को रिपोर्ट करना होता है, लेकिन ऐसा नही किया जाता है।
श्रमिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा नही
संचालन पर लगे सभी श्रमिकों को ईएसआई के तहत कवर किया जा सकता है। ओएमसी डीलर श्रम कानूनों के अनुसार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) लागू किया जाता है, श्रमिकों को वीओसी उत्सर्जन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए ओएमसी डीलरों द्वारा नियमित अंतराल पर श्रमिकों के लिए आईईसी (सूचना शिक्षा संचार) गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए। लेकिन जिले में संचालित पेट्रोल पंप में किसी भी तरह की गतिविधियों का संचालन नही किया जाता है।
यह है नियम
नये पेट्रोल पंपों के लिए स्थान मानदंड के मामले में नए खुदरा आउटलेट स्कूलों, अस्पतालों (10 बिस्तरों और ऊपर) और निर्दिष्ट आवासीय क्षेत्रों से 50 मीटर (भरण बिंदु / वितरण इकाइयों / वेंट पाइप से जो भी निकटतम हो) की रेडियल दूरी के भीतर स्थित नहीं होने चाहिए। स्थानीय कानूनों के अनुसार 50 मीटर की दूरी प्रदान करने में बाधाओं के मामले में, रिटेल आउटलेट को पीईएसओ द्वारा निर्धारित अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। किसी भी स्थिति में स्कूलों, अस्पतालों (10 बिस्तरों और उससे अधिक) और स्थानीय कानूनों के अनुसार निर्दिष्ट आवासीय क्षेत्र से नए रिटेल आउटलेट के बीच की दूरी 30 मीटर से कम नहीं होगी। रिटेल आउटलेट के ऊपर से कोई भी हाईटेंशन लाइन नहीं गुजरेगी, ये दिशानिर्देश सभी मौजूदा प्रासंगिक नियमों, दिशानिर्देशों के पूरक हैं। लेकिन जिले में निर्देशो के विपरीत अनेको पेट्रोल पंप संचालित है।
सीपीसीबी के भी नियम दनकिनार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अब उन्हें जल निकायों से भी समान दूरी बनाए रखने के लिए कहा है। इस कदम का उद्देश्य जल निकायों को डीजल या पेट्रोल के रिसाव के कारण किसी भी संभावित संदूषण से बचाना है। उन्होंने कहा कि कि यह नाजुक क्षेत्र में पास के जल चैनल को दूषित कर देगा। इनमें झीलें, तालाब, नदियाँ,ँ, आर्द्रभूमि, समुद्र और कोई भी अन्य शामिल हैं। खुदरा दुकानें जल निकायों के निकटतम बिंदु से 50 मीटर की दूरी के भीतर स्थित नहीं होनी चाहिए। जलधाराओं और नदियों के मामले में, दूरी को बाढ़ के मैदान से माना जाएगा। 50 मीटर की दूरी प्रदान करने में बाधाओं के मामले में, खुदरा दुकानों को पीईएसओ (पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन) द्वारा निर्धारित अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को लागू करना होगा। किसी भी स्थिति में, स्कूलों, अस्पतालों और आवासीय क्षेत्रों से नए खुदरा दुकानों के बीच की दूरी कम नहीं होगी।
इनका कहना है
मुझे इसकी जानकारी उपलब्ध करा दीजिए, मै निगरानी के लिए जाऊंगा, हालाकि इसमें अनुमति के रूप में जिला प्रशासन पहले देता है।
श्रेयस पांडेय, कनिष्ठ वैज्ञानिक
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल