जमीनी क्रियान्वयन के आधार पर हों, योजनाओं की समीक्षा : राज्यपाल

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भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि योजनाओं की समीक्षा जमीनी क्रियान्वयन के आधार पर की जानी चाहिए। अधिकारी क्षेत्र का सतत भ्रमण करें। उन्होंने कहा कि योजना की मंशा के व्यवहारिक रूप के आधार पर क्रियान्वयन कार्य की समीक्षा की जानी चाहिए।
राज्यपाल पटेल आज राजभवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। पंचायत और ग्रामीण विकास राज्य रामखेलावन पटेल भी उपस्थित थे।ने अधिकारियों से कहा है कि योजना की मंशा और सफलता, उसके जमीनी स्वरूप के आधार पर तय की जानी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि योजना के क्रियान्वयन की अधिकारी मौकें पर जाकर समीक्षा करें। गाँव वालों के साथ संवाद कायम कर जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया। निर्माण के विभिन्न चरणों में कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जरूरत बताई। अधिकारियों से कहा कि ऐसा करने से यदि कार्य में कमी अथवा गड़बड़ी मिलती है तो प्रारम्भिक अवस्था में ही उसे सुधारा जा सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता में कार्य करने वालें की भावना बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद के लिए किए गये कार्यों से अपार आत्म-संतुष्टि और आनंद प्राप्त होता है। पटेल को बताया गया कि प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन भूमि हक प्रमाण-पत्र धारक परिवारों को वर्ष में 150 दिवस का रोजगार और अन्य को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। योजना में रोजगार के साथ स्थायी परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए 162 प्रकार के कार्य कराए जाते है। रोजगार सृजन में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होना भी अनिवार्य किया गया है।
बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव, आयुक्त मनरेगा परिषद श्रीमती सूफिया फारूकी वली, संचालक पंचायतराज आलोक कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरआरडीए एवं संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसआरएलएम एल.एम. बेलवाल, राज्य कार्यक्रम अधिकारी एसबीएम एवं संचालक आरजीएम श्रीमती निधि निवेदिता मौजूद थे।

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