बच्चों के भविष्य के साथ किया खिलवाड़ नहीं पहुंचा ऑनलाइन कक्षा 5 के पेपर
जय प्रकाश शर्मा 8839473963
मानपुर। म.प्र. राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आज दिनांक 23जून को संचालित की जा रही कक्षा पांचवी और आठवीं की पूरक परीक्षाओं में हो रही भारी अनियमितता यहां पर उजागर हुई है जिम्मेदारों द्वारा की जा रही इस लापरवाही की पोल आज अल सुबह से हुई विद्युत कटौती ने खोल कर रख दी जब मामले की जानकारी लेने मानपुर स्थित शाला संकुल केंद्र जो की परीक्षा केन्द्र भी है पहुंच कर ली गई तो वहां पर कार्यरत शिक्षकों ने बताया कि उक्त पूरक परीक्षाएं जो कि सुबह 9:00 बजे से 11:30 बजे तक नियमानुसार संचालित की जा रही जिनमें कक्षा 5 और कक्षा आठवीं की पूरक परीक्षाएं ली जा रही हैं जिसमें से कक्षा आठवीं के छात्र-छात्राएं तो अपना प्रश्न पत्र दे रहे हैं लेकिन कक्षा पांचवी का प्रश्न पत्र प्राप्त ना हो पाने की वजह से बच्चे कक्षाओं में ही बैठे हुए हैं पेपर मिलते ही उनकी भी परीक्षाएं ले ली जाएंगी वहीं जब इस विषय में परीक्षा केंद्र प्रभारी एवं संकुल प्राचार्य श्री रवि कुमार मानिकपुरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र जो हमें प्राप्त हुए थे उनमें कुछ कमियां थी जिनमें सुधार किया जा रहा है जब संबंधित कमियों के विषय में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र कम संख्या में प्राप्त हुए थे जैसी कुछ कमियां थी जिन्हें सुधारा जा रहा है इस बावत जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती पीबी प्रजापति से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त परीक्षाएं राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा संचालित की जा रही है जिसका संपूर्ण दायित्व डीपीसी और बीआरसीसी का है। वहीं इस बाबत जब जिला शिक्षा अधिकारी श्री उमेश धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने भी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह सारी व्यवस्था डीपीसी और बीआरसीसी की है मैंने उन्हें बता दिया है उनके द्वारा परीक्षा संचालन की व्यवस्थाएं करवाई जा रही है। वहीं जब मामले की जिम्मेदार डीपीसी श्रीमती सुमित्रा दत्ता से बात की गई तो उन्होंने अपने पद का रौब झाड़ते हुए सीधे तौर पर कह दिया कि पेपर नहीं हो रहा तो इसमें आपको क्या परेशानी है इसमें किसी का कोई रोल नहीं है भोपाल से पेपर नहीं आए हैं जब पेपर आ जाएंगे तब परीक्षा ले ली जाएगी बच्चे तो बैठे हैं ना उनकी परीक्षा तो होगी चाहे जब हो।अब भोपाल से पेपर नहीं भेजे गए तो हम क्या करें।इस विषय में जब बीआरसीसी मानपुर से मिलकर मामले के संदर्भ की जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र से जिला शिक्षा केंद्र को प्रश्न पत्र प्राप्त होते हैं जो कि हमें दिए जाते हैं और परीक्षाओं का संचालन कराया जाता है चूंकि परीक्षा एक संवेदनशील कार्यक्रम है जिसके प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्रों के पैकेट्स खोलकर जांच पड़ताल नहीं की जा सकती जब आज निर्धारित समय पर प्रश्न पत्रों के पैकेट खोले गए तब जाकर इस बात की जानकारी लगी जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाकर मार्गदर्शन लिया जा रहा है उसके अनुरूप ही संबंधित परीक्षा संचालन की कार्यवाही की जाएगी। कुल मिलाकर इस पूरे मामले में परीक्षा केंद्र प्रभारी से परीक्षा ड्यूटीरत शिक्षक समेत शिक्षा विभाग के स्थानीय और जिले तक के जिम्मेदार अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं अब परीक्षा जैसे संवेदनशील मैटर पर हुई इस घोर लापरवाही की जिम्मेवारी उठाने को कोई तैयार नहीं तो प्रश्न यह उठता है कि निर्धारित समय सीमा पर प्रश्न पत्र न मिल पाने की वजह से संबंधित परीक्षार्थी जोकि परीक्षा समय 9:00बजे से पूर्व ही परीक्षा केंद्रो में पहुंच चुके हैं और घंटों व्यतीत हो जाने के पश्चात भी प्रश्न पत्र प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तथा परीक्षाएं नहीं दे पा रहे हैं ऐसे में उनके अभिभावक और बच्चे दोनों को हो रही इस परेशानी का क्या। और इन जिम्मेदारों के इन गोल मटोल जवाबों से क्या परीक्षा जैसे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हुई इस बड़ी लापरवाही को नज़र अंदाज किया जा सकता है। जहां एक तरफ सरकार प्रदेश भर में राइट टू एजुकेशन, सर्व शिक्षा अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन करने में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है ऐसे में इस व्यवस्था के जिम्मेदार पदों पर बैठे इन नुमाइंदों का यह रवैया इस अभियान को किस दिशा में ले जा रहा है यह बात यहां पर साफ होती नजर आ रही है ।अब देखना यह होगा कि परीक्षा जैसे संवेदनशील विषय में हुई इस लापरवाही के मामले में इन जिम्मेदारों पर कब तलक कितनी और क्या कुछ कार्रवाई हो पाती है अथवा ये जिम्मेदार बनकर मोटा वेतन लेकर अच्छा खासा बजट खर्च कर सरकारी कुर्सियां तोड़ रहे इन गैर जिम्मेदारों को आगे भी ऐसी ही लापरवाहीयां बरतते रहने के लिए खुल्ला छोड़ दिया जाता है।