पुलिस ने किया अंधी हत्याकाण्ड का खुलासा

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सिर में प्रहार कर की थी महिला की हत्या
शहडोल। स्थानीय बिजली आफिस के समीप रहने वाली सरिता सोनवानी 38 वर्ष की मौत के मामले में पुलिस ने
खुलासा कर आरोपियों को दबोच लिया है। महिला के सिर पर संाघातिक प्रहार कर उसकी हत्या की गई। इस मामले
में पुलिस ने धारा 302, 201 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। महिला को शराब पिलाने के बहाने सिंदुरी के जंगल में ले
जाया गया और फिर उससे दुराचार करने का प्रयास किया गया था। पुलिस को सूचना देने वालों ने बताया था कि
सिंदुरी ददरी टोला जंगल के पास करीबन 10 बजे रोड के किनारे झाड़ी में एक महिला मृत अवस्था में पड़ी है। जब
उसके समीप जाकर देखा गया तो सांवले रंग की महिला उम्र करीब 38 वर्ष काले रंग का कुर्ता सलवार बदन में पहने,
औंधे मुंह मृत हालत में पड़ी देखी गई।
पुलिस ने बताया कि मृतिका का आखिरी बार अपनी मां को बताकर लक्ष्मण गुप्ता के साथ जाना पाया गया। उक्त
तथ्य की पुष्टि एवं जांच हेतु रवाना होकर लक्ष्मण गुप्ता की पता तलाश कर पूछताछ की जिसके द्वारा सन्देहास्पद
जवाब मिलने से सन्देही से पूछताछ करने पर लक्ष्मण गुप्ता ने अपने दोस्त मुन्ना सिंह के साथ मिलकर मृतिका
सरिता सोनवानी पति पिंंटू बैरागी को शराब पिलाने के बहाने मोटर सायकल से सिन्दुरी के जंगल ले जाया गया था।
उसने अपने दोस्त मुन्ना के साथ सरिता के साथ गलत करने का प्रयास किया गया। जिस पर सरिता द्वारा पुलिस
को बता देने की धमकी दी गई थी। इससे डर कर सरिता की हत्या कर दी गई। इसके बाद छिपाने की नियत से मृतिका
के शव को झाडियों में फेंक दिया गया। प्रकरण के दोनो आरोपी लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता पिता बद्री प्रसाद गुप्ता उम्र 42

वर्ष निवासी बिजली आफिस के पास शहडोल एवं मुन्ना सिंह पिता सिराजी सिंह उम्र 45 वर्ष दुर्गा मन्दिर के पीछे थाना
कोतवाली शहडोल को पुलिस अभिरक्षा में ले लिया गया है।
मौके पर मृतिका के मर्ग जांच शव पंचनामा की कार्यवाही की गई थी। मृतिका का पीएम मेडिकल कॉलेज शहडोल से
कराया गया। मृतिका के पीएमकर्ता डॉक्टर द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृतिका सरिता सोनवानी की मृत्यु सिर मे आई
चोटो के कारण होना लेख किया गया है। जिसकी प्रकृति होमीसाइडल है। मर्ग जांच से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा
मृतिका सरिता सोनवानी के सिर में चोट पहुंचा कर हत्या कर देना एवं शव को झाडियों में छिपा देना पाया गया। इस
कारण अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा 302, 201 ताहि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। सम्पूर्ण कार्यवाही
में उपुअ. मुख्या. राघवेन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में टीआई थाना प्रभारी उप निरीक्षक सुभाष दुबे, उप निरी. वैष्णवी
पाण्डेय, सउनि. कामता पयासी, रामराज पाण्डेय, (सउनि0 एम) अमित दीक्षित, प्रआर. महेन्द्रपाल शुक्ला, लवकेश
शुक्ला, ठाकुरदास, सुनील शर्मा, आर. उमेश तिवारी, रमेश पाटले, हृदेश एवं अन्य स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।

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