शराब माफिया को सामने लाने में पुलिस नाकाम

ठेकेदारों के नाम जानने में पुलिस को छूट रहा पसीना
शराब तो पकड़ी, लेकिन ठेकेदार का बदल दिया नाम
(संतोष टंडन)
शहडोल। माफियाओं के खिलाफ अतिक्रमण सहित रासुका और अन्य बड़ी कार्यवाहियों के बाद ऑपरेशन शंखनाद चलाने वाली शहडोल पुलिस आबकारी ठेकेदारों के सामने बैकफुट पर नजर आ रही है। जिले की ब्यौहारी और जयसिंहनगर पुलिस ने बीते दिनों मुखबिर की सूचना के बाद अवैध शराब की दो बड़ी खेप तो पकड़ी, लेकिन ठेकेदारों के नाम में गोलमाल कर शायद पुलिस उन्हें सीधे-सीधे राहत देना चाहती है या फिर पुलिस के हाथ इतने छोटे पड़ गये हैं कि आबकारी विभाग से ठेकेदारों के नाम जानने तक का पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो चुका है। दूसरी तरफ बीते एक माह से लगातार जिले के विभिन्न थानों में ठेकेदारों के माध्यम से संचालित पैकारों को खुली छूट देने के साथ ही सिर्फ महुआ वाली शराब के खिलाफ दर्जनों कार्यवाहियां की गई।
यह हुआ ब्यौहारी में
ब्यौहारी पुलिस ने बीती 8 जुलाई को अंग्रेजी शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी, पुलिस ने पकड़ी गई शराब व मशरूके की कीमत 5 लाख बताई है, इस मामले में पुलिस ने ग्राम पौड़ी पर पहुंचकर नाकाबंदी की और रात्रि लगभग 3: 20 पर मानपुर तरफ से एक सफेद रंग की बोलेरो को पुलिस द्वारा रोका गया, जिसमें 3 आदमी बैठे हुए थे और नाम पता पूछने पर गाड़ी चलाने वाला अपने आपको अंकुर तिवारी पिता करुणा शंकर तिवारी उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम रोहनिया थाना मानपुर जिला उमरिया बताया गया तथा साथ में बैठे अशोक कुमार कुशवाहा पिता हीरामणि कुशवाहा उम्र 42 वर्ष निवासी नीमगहना बताया गया। इस मामले में उक्त आरोपियों के साथ ही मानपुर स्थित अंश इंफ्रास्ट्रक्चर नामक फर्म का मालिक शुक्ला जी बताते हुए उसके खिलाफ मामला कायम किया गया। जिले की संवेदनशील पुलिस मानपुर स्थित शराब दुकान या फिर आबकारी कार्यालय से ठेकेदार का नाम तक स्पष्ट नहीं कर पाई, शर्म तो इस बात की है कि 3 दिनों बाद तक जो पुलिस असली माफिया के नाम तक नहीं पहुंच पाई, उसने दूसरे की सूचना पर की गई कार्यवाही के प्रेस नोट बांटकर वाह-वाही जरूर बटोर ली।
ठेकेदार एक-नाम दो
9 जुलाई को जयसिंहनगर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अवैध शराब की एक खेप पकड़ी, लाखों की शराब के साथ पकड़े गये वाहन चालक के नाम पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने जिले के बुढ़ार स्थित शराब दुकान के संचालक फर्म आर्या ग्रुप के मालिक का नाम एफआईआर में सुनील सिंह सेंगर दर्ज किया गया, इस संदर्भ में आबकारी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि आर्या ग्रुप के संचालक जिसके नाम पर दुकान आवंटित की गई है, वह विजय बहादुर सिंह है, सवाल यह उठता है कि पुलिस ने जिस सुनील सिंह सेंगर को आर्या गु्रप का मालिक बताया है, यह व्यक्ति कौन है। चर्चा तो यह भी है कि नाम की हेराफेरी के कारण विजय बहादुर सिंह को मामले के न्यायालय में जाने के दौरान राहत दिलाने का यह पूरा खेल है।
एनएच सहित हर मोहल्ले में बैठे हैं पैकार
लॉक डाउन-2 खत्म होने के साथ ही जब शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया समाप्त हुई तो, शहडोल पुलिस ने ठेकेदारों के माध्यम से वर्षाे से बिकने वाली पैकार के माध्यम से शराब पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, लेकिन एक से दो माह के भीतर पुलिस का ऐसा ह्दय परिवर्तन हुआ कि एनएच-43 से लेकर स्टेट हाईवे और गांव की तंग गलियों व नुक्कड़ों तक पैकार ही पैकार नजर आने लगे हैं, यही नहीं पुलिस की ठेकेदारों के साथ सह्दयता यहीं नहीं रूकी, जो काम पहले आबकारी पुलिस कच्ची शराब विक्रेताओं के खिलाफ मुहीम चलाकर अकेले करती थी, बीते 2 माह से जिले के लगभग थानों की पुलिस ने भी महुआ के खिलाफ कार्यवाहियों के सैकड़ों पन्ने भर दिये।
इनका कहना है…
इस संदर्भ में मुंशी से बात कर लीजिए, मुझे ठेकेदार का नाम नहीं मालूम।
अनिल पटेल
थाना प्रभारी, ब्यौहारी
***
सुनील सिंह सेंगर के नाम पर मामला कायम हुआ है, यह नाम पकड़े गये आरोपियों के द्वारा बताया गया था।
राजेश चंन्द्र मिश्र
थाना प्रभारी, जयसिंहनगर
****
आर्या गु्रप के नाम पर बुढ़ार की दुकान संचालित है, आबकारी दस्तावेजों में विजय बहादुर सिंह का नाम ठेकेदार के रूप में दर्ज है।
सुनील सिंह चंदेल
निरीक्षक, आबकारी वृत्त बुढ़ार
****
मानपुर स्थित शराब दुकान अंश इन्फ्रास्क्चर के नाम पर है, इस फर्म में शायद 3 लोग साझेदार हैं, पूरी जानकारी कार्यालयीन दिवस में दस्तावेज देखकर दी जायेगी।
विजय सिंह
आबकारी विभाग, उमरिया