वीडीपी सुविधा से लैस हुए थाने, एक क्लिक में मिलेगी पूरी हिस्ट्री

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चोरी के वाहनों को पकडऩा हुआ आसान, एक क्लिक में पूरी हिस्ट्री सामने
यातायात थाने सहित जिले के समस्त थाने हुए वीडीपी सुविधा से लैस
शहडोल।आये दिन लावारिश वाहनों की पहचान और चोरी गये वाहनों धरपकड़ अब पुलिस के लिए आसान हो चुकी है, इससे चोरियां तो रूकेंगी ही, वीडीपी पोर्टल से बदमाशों की भी खोज में मदद मिलेगी। इस पोर्टल से गाड़ी और मालिक के मोबाइल तक की पूरी हिस्ट्री एक क्लिक में पुलिस के सामने होगी।
शहडोल। लावारिस या पुलिस एक्ट में जब्त वाहन अब उनके मालिकों तक पहुंचाने की जवाबदारी पुलिस की होगी। इसके लिए वीकल डिटेक्शन पोर्टल (वीडीपी) पर वाहन का डिटेल अपडेट करना होगा। ऐसा करते ही वाहन स्वामी का पता लग जाएगा। शहडोल पुलिस ने पिछले महीने में ऐसे सैकड़ों वाहनों का डाटा इस पोर्टल पर अपलोड किया। इसमें लगभग वाहनों के स्वामियों का पता चल गया और वाहन मालिकों को सौंपने की प्रक्रिया भी आगे की जानी है।
वीडीपी से आसान हुई जांचे
हर थाने में चोरी, लावारिश में बड़ी संख्या में वाहन जब्त हैं। इनके मालिकों का पता नहीं चलने से ये थाने में खड़े वाहन कबाड़ हो जाते हैं। देश की सम्पत्ति की एक बड़ी बर्बादी मानते हुए इसके निराकरण के लिए ही वीडीपी शुरू किया गया है। वीकल डिटेक्शन पोर्टल के माध्यम से वाहनों के स्वामियों का पता लगाने और उन्हें सौंपने का अभियान चलाने के साथ ही इसकी रिपोर्ट मांगी गई थी।
इस तरह काम करता है ये पोर्टल
वीकल डिटेक्शन पोर्टल पर देश भर के वाहनों का डाटा अपलोड है। इसमें वाहनों के मॉडल, इंजन या चेचिस नम्बर की मदद से वाहन स्वामियों को तलाशा जाता है। इसके लिए हर थाने को यूआरएल नम्बर और अलग-अलग पासवर्ड मुहैया कराया गया है। वाहन का मेक और मॉडल के साथ इंजन नम्बर या चेचिस नम्बर के लगातार पांच या इससे अधिक अंक प्रविष्ट कर सर्च करना होता है।
मौखिक रूप से सूचना देती थी पुलिस
चोरी के वाहन का पता लगाने के लिए पुलिस के पास कोई विशेष तकनीक नही थी। पुलिस वाहन चोरी होने पर आसपास के जिलों के थानों को मौखिक रूप से सूचना भेजती थी। इसमें समय अधिक लगने के कारण अपराधी वाहन लेकर फरार हो चुके हैं। नई तकनीक से समय की बचत होगी और वाहन चोर पकडऩे में भी आसानी होगी।
जल्द पकड़े जायेंगे चोरी के वाहन: कप्तान
पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अब चोरी गए वाहन का पता लगाने के लिए पुलिस को अब अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। वाहन प्रदेश के किस जिले में दौड़ रहा है, पुलिस इसका आसानी से पता लगा सकेगी। इसके लिए प्रदेश के पुलिस दूर संचार मुख्यालय ने वाहन डिटेक्शन नाम का एक पोर्टल तैयार किया है। पोर्टल को पुलिस विभाग सड़कों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, आरटीओ व हर जिले के थानों से जोड़ेगी। उसको ऑपरेट करने के लिए हर थाना प्रभारी को लॉगिन आइडी व पासवर्ड दिया जाएगा। इसके अलावा यह कंट्रोल रूम से भी जुड़ा होगा। सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी-कर्मचारी आसानी से चोरी गए वाहन को देख सकेंगे। शहडोल जिले के हर थाने में अब हमारी पुलिस इस पोर्टल से लैस हो चुकी है, यह सुविधा पुलिस की जांच में मील का पत्थर साबित होगी।
प्रशिक्षित हो रहे वर्दीधारी: डीएसपी
यातायात डीएसपी अखिलेश तिवारी ने बताया कि मप्र पुलिस दूर संचार मुख्यालय द्वारा तैयार किए गए पोर्टल को चलाने के लिए जिले के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, इसके लिए जिले के पुलिसकर्मियों को भोपाल में प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे ये पुलिसकर्मी अब यहां पर प्रशिक्षण दे चुके हैं, अब इस पोर्टल से सभी थाने अपडेट होकर काम कर रहे हैं।
कैमरे में वाहन आते ही सेल फोन पर आयेगा मैसेज: अभिनव
यातायात अधिकारी अभिनव राय ने बताया कि अब चोरी गए वाहन की शिकायत पोर्टल में अपलोड़ की जाने लगी है। इसमें जिले के पुलिस विभाग के सारे वरिष्ठ अधिकारियों का नंबर रहेगा। ऑटो मैटिक नंबर प्लेट रीडर, सीसीटीएन और आरटीओ से जुड़ा होने की वजह से वाहन का नंबर सभी जिले के अधिकारियों के पास पहुंचेेगा। इसके अलावा रिपोर्ट पोर्टल में अपलोड होने के कारण वाहन सीसीटीवी कैमरे की रेंज में आएगा और वह दूसरे जिले में चल रहा है तो उस जिले के पुलिस संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर पर मैसेज आ जाएगा।