शहडोल में सड़क नामकरण को लेकर उठा सियासी संग्राम : कांग्रेस का आयोजन, नगर पालिका का पत्राचार, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
शहडोल। जिले में एक सड़क के नामकरण को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मामला नगर के प्रमुख मार्ग सिंहपुर तिराहे से पोंड़ा नाला मार्ग एवं तिराहे का है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष गुप्ता द्वारा स्व. दीनदयाल गुप्ता के पुण्यतिथि पर इस सड़क का नाम “दीनदयाल गुप्ता मार्ग” घोषित करते हुए एक लोकार्पण कार्यक्रम का आमंत्रण कार्ड वितरित किया गया। आमंत्रण पत्र में कार्यक्रम की तिथि 3 सितंबर 2025 तय की गई और इसमें कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल समेत कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया गया।
इस आमंत्रण के बाद नगर पालिका शहडोल के मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने सुभाष गुप्ता को एक पत्र जारी कर कार्यक्रम की वैधता और प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। पत्र में साफ कहा गया कि नगर की किसी भी सड़क का नामकरण शासकीय स्तर पर तय प्रक्रिया और बोर्ड की स्वीकृति से होता है। बिना अनुमोदन के किसी भी मार्ग का नामकरण या शिलान्यास मान्य नहीं है। इस प्रकार यदि निजी स्तर पर ऐसा आयोजन किया गया है तो यह नियम विरुद्ध है और प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।
मामले की संवेदनशीलता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि केंद्र और प्रदेश में जहां भाजपा की सरकार है, वहीं शहडोल नगर पालिका पर कांग्रेस का कब्जा है। नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और उन्हें इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया। इसके अलावा कांग्रेस विधायक और स्थानीय नेतृत्व की मौजूदगी ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है।
भाजपा खेमे का मानना है कि कांग्रेस ने नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का आयोजन कर जनता को गुमराह किया। वहीं कांग्रेस पक्ष इसे जनभावनाओं से जुड़ा कदम बताते हुए इसे दिवंगत सामाजिक कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि का स्वरूप दे रहा है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा जारी पत्र को कांग्रेस नेता राजनीतिक दबाव की कार्रवाई बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थकों का कहना है कि यह केवल कानून और प्रक्रिया की बात है।
कुल मिलाकर, यह विवाद शहडोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता संतुलन की नुमाइश का उदाहरण बन गया है। जहां कांग्रेस संगठन और नगर पालिका अपने नेताओं को आगे कर जनता से जुड़ने का प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा कानूनी और प्रशासनिक तर्कों के सहारे कांग्रेस की इस कवायद को चुनौती दे रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि शहर की सियासत में सड़क नामकरण का यह प्रसंग अब कांग्रेस-भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ चुका है।