घटिया स्तर के धान का हो रहा भंडारण

लालपुर पहुंचकर मिलरों ने किया विरोध
शहडोल। जिले के लालपुर हवाई अड्डा में बन रहे कैबो में इन दिनों विगत तीन दिनों से लगातार संभाग के अनूपपुर जिला व शहडोल जिला से क्रय किए हुए सहकारी सोसायटी से आ रहे धान की खेपों को लेकर मिलरो ने विरोध करते हुए उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचाते हुए, धान को घटिया स्तर का बताया है। आरोप लगाते हुए मिलरो द्वारा कहा गया है कि जो भी धान की खेप अनूपपुर जिले से आ रही है वह ज्यादातर घटिया स्तर की है, जिसे बाद में हम लोगों को मिलिग करने के लिए दिया जाएगा, तब अमानक स्तर का चावल ही निकल पाएगा क्योंकि अभी जो भी गाड़ी धान की लाई जा रही है, उसमें अधिकतर धान काला, नीला, पीला रूप में उतर रहा है। जिसे सर्वेयर द्वारा खड़े होकर गुणवत्ता की देखरेख नहीं की जा रही है। और ना ही पर्याप्त रूप से सर्वेयरों की उपलब्धि हैं। जब भी कोई जांच टीम या आम लोग इक_ा होकर विरोध करने पर, तब एक गाड़ी के पीछे एक सर्वेयर लगाया जाता है। वह भी मात्र दिखावे का ही काम कर रहे हैं। जब यहां से आम आदमी या विभाग का कोई व्यक्ति नहीं होता है, तो इनके द्वारा किसी प्रकार का सर्वे नहीं किया जाता है। साथ ही यह भी आरोप लगे हैं कि जिन केंद्रों से भी धान खरीदी हुई है उनमें अनूपपुर जिले से कई गाडिय़ों में पिछले साल के धान भी सैकड़ों बोरियों की संख्या में प्रत्येक गाड़ी से उतारा जा रहा है। जबकि होना तो यह चाहिए गाड़ी में आए हुए माल को तत्काल खराब स्तर के होने पर परिवहन को वापस कर देना चाहिए लेकिन जानबूझकर खराब स्तर के धान को भी कमाई का जरिया बनाए हुए है। सर्वेयर द्वारा पास कर दिया जाता है इस विषय को लेकर आज शहडोल जिले के मीलरों के अलावा अन्य लोगों ने एक साथ विरोध करते हुए जिला प्रबंधक से शिकायत की जिस पर बीएम उपाध्याय ने पहुंचकर उतर रहे, धान के खेपों को देखा और रिजेक्ट मिल रहे दानों को अलग से चट्टी लगाकर रखने की बात कहे साथ ही उनका कहना था कि जो धान सर्वेयर द्वारा रिजेक्ट किया जा रहा है उसे अलग कर दिया जा रहा है ,और शाम होते ही रिजेक्ट धानों की सूची बनाकर जिला प्रबंधक को पंचनामा के साथ सौंप दी जा रही है।
शहडोल के मिलरो ने किया विरोध
जिले के मिलरो ने घटिया स्तर के आ रहे धान के खेपों को लेकर भारी विरोध किया है उनका कहना है कि विशेषकर अनूपपुर जिले से लाई जा रही धान की गुणवत्ता अमानक स्तर की है जोकि मिलीग करने पर अमानक स्तर का ही चावल निकल पाएगा। और बाद में पूरा ठीकरा मिलरो के ऊपर फोड़ दिया जाएगा लेकिन आज जब घटिया स्तर का धान कैब लाया जा रहा है तो इसे देखने के लिए नहीं पर्याप्त रूप में सर्वेयर हैं और ना ही उच्च स्तर के अधिकारी । पूरा काम मिलीभगत के अनुसार चल रहा है जोकि सर्वेयरों को विशेष रकम देकर अपने-अपने क्षेत्रों से लाये धान को उतरवाकर कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। आरोप लगाते हुए मिलरो का कहना है कि अनूपपुर जिले से आने वाले धानों की मिलिंग शहडोल जिले के मिलर नहीं करेंगे क्योंकि अनूपपुर जिले की धान में ज्यादातर घटिया स्तर के मिलावट स्पष्ट नजर आ रहा है । इस बात को लेकर मिलर अधिकारियों से लिखित में चाहते हैं कि अनूपपुर के धान को मिलीग करने की जिम्मेदारी शहडोल के मिलर को ना देकर अनूपपुर जिले के मिलरो को दिया जाना चाहिए। इस बात को लिखित में जारी किया जाने की मांग करते भी दिखे।
घटिया स्तर के रिजेक्ट धान को किया जा रहा है अलग
घटिया स्तर के आ रहे धान के खेपों को लेकर बीएम उपाध्याय से बात करने पर बताया गया कि शिकायत मिलने के बाद वह 3 दिन पहले से ही वह लगातार यहां पर नजर बनाए हुए हैं। गुणवत्ता विहीन निकल रहे धानों को सर्वेयर विभाग के द्वारा लगातार छानबीन की जा रही है और खराब स्तर के धानों की छलनी अलग से लगवा कर रोजाना पंचनामा बनवा कर प्रबंधन को सौंपी जा रही है। साथ ही अनूपपुर जिले के अधिकारियों को फोन में चर्चा करते हुए हैं कहा गया है कि अनूपपुर जिले के सर्वेयर की संख्या को बढ़ाते हुए एक अधिकारी को परमानेंट यहां रुक कर धान उतरवाने की बात कहीं गई है। बीएम उपाध्याय द्वारा बताया गया कि अमानक स्तर के धान को चाहे वह जिला शहडोल हो या की अनूपपुर सर्वेयरों द्वारा देखने के बाद गलत पाए जाने पर अलग से रखी जा रही है। गिनती करके प्रबंधक को बताया जा रहा है यह काम लगातार तीन दिनों से अनवरत जारी है जिसकी जानकारी विभाग से प्राप्त की जा सकती है और उनका कहना है कि जो धान जिस जिले से आ रहा है वहीं के मिलरो को वह धान मिलींग करने के लिए दी जाएगी साथ ही उनका कहना है कि आम आदमी का पूरा हक है कि अपने सामने खड़ा होकर संदेह होने पर शिकायत कर सकते हैं शिकायत मिलने पर बराबर कार्यवाही की जाएगी ।
परिवहन व सर्वेयर के बीच हो रही मिलीभगत
सूत्रों के द्वारा पता चला है कि अनूपपुर एवं शहडोल जिले से आ रही धान की परिवहन मैं लगी गाडिय़ों के ठेकेदार व सर्वेयरों के बीच लेन-देन का खेल काफी जोरों पर चल रहा है जिसके कारण लगे हुए सर्वेयर घटिया स्तर के धान के गाडिय़ों को भी तत्काल खाली करा कर परिवहन के ठेकेदार से मोटी कमाई कर रहे हैं क्योंकि नियम तो यह कहता है कि घटिया स्तर के धान अगर परिवहन से आ रहे हैं तो उन्हें बिना बोरी उतारे ही उसी गाड़ी से वापस भेज दिया जाए लेकिन अगर एक भी बोरी कैब में उतर गई तो फिर उसे पूरा खाली ही करना पड़ेगा सूत्रों ने बताया कि आ रहे गाडिय़ों में सैकड़ों बोरी पुराने धान के मिल रहे हैं लेकिन सर्वेयर द्वारा उन्हें पास कर दिया जा रहा है नाम न बताने की शर्त पर कई मजदूरों का भी कहना है कि अनूपपुर से आ रहे कई गाडिय़ों में सैकड़ों बोरी धान पिछले वर्ष के हैं जिन्हें वापस ना ले जाना पड़े। परिवहन विभाग के ठेकेदार और सोसाइटी वाले आपस में मिले हुए हैं । इसलिए परिवहन का काम लेने वाले खड़े होकर रुपयों का लालच देकर तत्काल खाली कराने में लगे रहते हैं। ताकि सोसाइटी वालों से उनका व्यवहार बना रहे और उन्हें काम बराबर मिलता रहे।
धान खरीदी केंद्रों में सर्वेयर द्वारा किया गया भ्रष्टाचार
आज घटिया स्तर की धान के हजारों बोरिया कैबो में उतारा जा रहा है सवाल तो यह उठता है कि क्या धान खरीदी केंद्रों पर सर्वेयर अपनी ड्यूटी करना भूल गए थे। या फिर किसानों से मोटी रकम लेकर घटिया स्तर के धान को भी रिजेक्ट ना करते हुए पास करते चले गए हैं, और अपनी जेब भी भरते चले गए, जो कि आज साफ देखा जा सकता है क्योंकि इनके द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन खरीदी केंद्रों में ही कर लिया गया होता तो आज यह स्थिति नहीं बनती आज शिकायत मिलने पर बीएम उपाध्याय द्वारा दौरा करने पर एवं सर्वेयर के चेक करने पर प्रतिदिन कई टन धान की बोरियां घटिया स्तर होने के कारण अलग किया जा रहा है इन सर्वेयर को लेकर विभाग के द्वारा कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जिन्होंने अपना कर्तव्य ना निभाते हुए घूस लेकर खराब स्तर के धान एवं पिछले वर्षों के पुराने धानों को भी लिया गया। शासन के द्वारा प्रदत्त राशियों का बंदरबांट करते हुए भ्रष्टाचार किया है साथ ही कल मिलीग करने के बाद यही अमानक स्तर का चावल गरीबों को दिया जाएगा और तरह-तरह के आरोप मिलर के ऊपर लगेगा और गरीब जनता को भी इसका दंश झेलना पड़ेगा इससे पहले भी हवाई पट्टी में घटिया काले पड़े हुए कच्चे ईटों का चबूतरा निर्माण किया गया है, जो पहली बारिश में ही धराशाई हो सकता है इस बात को लेकर पहले दिन से ही शिकायत की जा रही है। जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई समय रहते अगर इन मामलों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले बरसात स्थिति और भी खराब हो सकती है और कैबो में रखें पूरा धान अमानक स्तर का हो सकता है जिसकी जवाबदारी शासन द्वारा जांच के ठंडे बस्ते में डालकर छोड़ दिया जाएगा लेकिन इस नुकसान की भरपाई या भुगतना सिर्फ आम जनता को ही पड़ेगा।