कलेक्ट्रेट सभागार में पोषण महोत्सव माह के शुभारंभ पर कार्यक्रम सम्पन्न
राकेश सिंह
शहडोल । कलेक्ट्रेट सभागार में राज्यशासन के निर्देशानुसार पोषण महोत्सव माह कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में विधायक जयसिंहनगर श्री जयसिंह मरावी, विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे, कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री पार्थ जयसवाल, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल महिला श्री बी0एल. प्रजापति, जिला कार्यक्रम प्रबंधक महिला एवं बाल विकास श्री मनोज लालोरकर, समाजसेवी श्री सूर्यकांत निराला सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में राज्य स्तर से पोषण महोत्सव के प्रसारण को सभी ने लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा एवं सुना। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब प्रदेश के सभी आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चो को मीठा दूध भी दिया जायेगा, जिससे बच्चा कुपोशण से बच सकें। उन्होंने प्रदेश के ग्वलियर, बडबानी व अन्य जिलो के लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित बच्चियों एवं माताओं से चर्चा की तथा कहा कि मॉ का दूध बच्चे का प्रथम टीका है। साथ ही बच्चे को कुपोषण में लड़ने में सहायता करता है। मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि ऑगनबाडी केन्द्रों में बच्चो को टीका अवष्य लगवाएं। टीकाकरण से आपका बच्चा कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। बच्चे के स्वस्थ्य, सुंदर एवं निरोगी होने से हमारा परिवार, समाज प्रदेश एवं देश कुपोषण के कलंक से मुक्त होगा। प्रदेश के मुखिया ने कुपोषण मुक्त के लिए बनी पोषण प्रबंधन रणनीति पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी स्तरो पर कुपोषण के विरूद्ध जंग में हर वर्ग शामिल हो, इसके लिए ग्राम स्तर पर पोषण सरकार तथा अन्नपूर्णा पंचायत बनायी जा रही है। साथ ही प्रत्येक ऑगनबाड़ी केन्द्रो में कुपोषण मुक्त वाटिका का निर्माण किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण सरकार में समाज के सभी वर्गो के लोग तथा शासकीय अमला स्वयंसेवी संस्थाएं सभी शामिल होकर अपने-अपने गॉव को कुपोषण से मुक्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साग-सब्जी, फलो एवं अनाजो से बने पोषण आहार से बच्चो को सुपोषित करें, क्योकि लोकल से ही वोकल है।
आयोजित कार्यक्रम में विधायक जयसिंहनगर श्री जयसिंह मरावी ने कहा कि कुपोषण एवं बच्चो को दागना, कम उम्र में शादी हमारे समाज में एक बदनुमा दाग है, इसे हम सब को मिलकर हटाना होगा। ग्रामीण स्तर पर योजना का सही क्रियान्वयन हो और उसकी सतत मॉनिटरिंग की जायें। जिससे हमे यह मालूम हो सके कि कुपोषण मुक्त होने के लिए हमे किस तरह की रणनीति की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से जंग, पोषण महोत्सव के संग में सभी वर्ग अपनी सहभागिता निभाएं। तभी हम अपने उद्देश्यों में सफल हो सकेंगे और कुपोषण मुक्त समाज की स्थापना कर सकेंगे।
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री मनोज ललोरकर ने जिले में इस योजना का कैसे क्रियान्वयन किया जायेगा विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जिले के किन-किन क्षेत्रो में बच्चो एवं माताओं में कुपोषण का स्तर अधिक है, उन्हें चिन्हित किया गया है और अन्य सहयोगी विभागो तथा जन सहयोग से उन क्षेत्रो में विषेष प्रयास किया जायेगा। जैसे गर्भवती माताओं का शीघ्र रजिस्ट्रेषन, बच्चो को जन्म के बाद शीघ्र स्तनपान, माताओं को आयरन फोलिक गोलियों का वितरण एवं सेवन, जोखिम वाली गर्भवती माताओं की पहचान तथा अति कुपोषित बच्चो को एनआरसी में भर्ती कराया जायेगा। जिससे षिषु मृत्यु एवं मातृ मृत्यु में कमी लाई जा सके। श्री ललोरकर ने बताया कि अटल बाल आरोग्य योजना के अंतर्गत जिले में नवाचार किए जायेंगे, जिससे गॉव के लोग कुपोषण मुक्त समाज की स्थापना में सहयोग करें तथा सामाजिक कुरीतिया बच्चे को दागना, मॉ का दूध न पिलाना व अन्य कुरीतियों को समाज से दूर कर सकें।