मेडिकल कॉलेज चौक पर निजी अस्पतालों का हो रहा प्रचार

प्रकाश व्यवस्था बिना रात को दुर्घटनाओं का बना रहता है भय
(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। मुख्यालय में मेडिकल कालेेज का संचालन शासन द्वारा अवश्य किया जा रहा है लेकिन जरूरी सुविधाओं का आज भी अभाव है। चापा ग्राम में मेडिकल कालेज चौराहे पर अभी तक रात्रिकाल के लिए पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। जिससे यहां दिन ढलते ही अंधकार हो जाता है और दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। हाइवे को पार करते हुए मेडिकल कालेज की ओर जाना पड़ता है, इसलिए यहां सदैव अनहोनी का अंदेशा बना रहता है। इसके अलावा मेडिकल कालेज के लिए बोर्ड भी ऐसा लगाया गया है कि वह दिखाई ही नहीं पड़ता। मार्ग में भी कहीं मेेडिकल बेार्ड की सूचना व संकेतक नहीं लगे हैं। नगर के निजी डाक्टरों ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है। इस ओर प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। निजी डाक्टर मेेडिकल कालेज तक अपनी पहुंच बना रहे हैं।
बढ़ रहे निजी डाक्टरों के बोर्ड
मेडिकल कालेज के चौराहे पर निजी डाक्टरों का प्रचारतंत्र सक्रिय हो गया है। यहां मेडिकल कालेज का बोर्ड तो दिखाई नहीं पड़ता लेकिन निजी डाक्टरों के बोर्ड दूर से ही दिखाई पड़ जाते हैं। जिस जगह इतना बड़ा मेडिकल कालेज हो और लोग वहां जा रहे हों उनके सामने अपने अस्पताल का प्रचार करना कहां तक उचित है। कहा जाता है कि लोगोंं को बरगलाने के लिए प्रचार के बोर्ड लगाए गए हैं। जबकि निजी अस्पतालों में कितनी सुविधाएं हैं वह सबको पता है। इनके पास न तो डाक्टर हैं, न ब्लड बैंक की सुविधा है, ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं है, एम्बुलेंस की कमी है और रकम तो इतनी वसूली जाती है कि मरीज का दिवाला ही निकल जाता है। पिछले दिनों ही नगर के एक निजी अस्पताल का मामला प्रकाश में आया था। यही लूट खसोट लगभग सभी निजी अस्पतालों में है।
मेडिकल कालेज का बड़ा बोर्ड जरूरी
जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आज भी मेडिकल कालेज की तलाश करते नजर आते हैं। पूछते हैं कि कॉलेज कहां पर है? सर्वप्रथम न्यू बस स्टैण्ड चौक पर एक बड़ी होर्डिंग लगवायी जाए। जो कि दूर से ही दिखाई पड़े। इसके बाद मार्ग पर कुदरी ग्राम मेंं मेडिकल कॉलेज मार्ग का संकेतक लगाया जाए ताकि पता चले कि कालेज इसी मार्ग पर आगे है। इसके बाद चापा ग्राम में चौराहे पर एक मेडिकल कालेज की बड़ी होर्डिंग लगाई जाए। ताकि लोगों को सहज ही जानकारी मिले कि मेडिकल कालेज कहां है। छोटे छोटे बोर्ड वह भी ऐसी जगह जहां लोगों की नजर भी नहीं पड़ती लगाया जाना किसी मतलब का नहीं है।
शीघ्र हटे निजी अस्पतालों का प्रचार
मेडिकल कालेज के चौराहे पर जो कई निजी अस्पतालों और डाक्टरेां के बोर्ड लगे हैं उन्हे शीघ्र ही हटवाया जाए। उन्हे प्रचार के लिए अखबारों से संपर्क करना चाहिए और शहर के अन्य भागों में अपना बोर्ड लगवाया जाना चाहिए। प्रशासन को इस दिशा में तत्काल कदम उठाना चाहिए। यह पूछा जाना चाहिए कि किसकी अनुमति से बोर्ड लगाकर रखा गया है। जमीन का उपयोग तो किया जा रहा है लेकिन उस जमीन का किराया किसे दिया जा रहा है। मुफ्त में मेडिकल कालेज के समीप ही प्रचार करना आखिर किस बात का संकेत देता है।
लाइट की कराएं व्यवस्था
मेडिकल कालेज चौराहे पर रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था की जानी अति आवश्यक है। यहां दिन ढलते ही अंधकार व्याप्त हो जाता है। कालेज के लिए सड़क पार करना जोखिम का काम रहता है। आते जाते वाहनोंं की भिड़ंत का खतरा बना रहता है। बताते हैं कि रात के समय यहां अचानक वन्यजीव भी निकल आते हैं जिनसे भी खतरा बना रहता है। चौराहे पर एक विद्युत पोल और उसमें हैलोजन लाइट की व्यवस्था कराई जानी जनहित में रहेगी। इसके लिए जनप्रतिनिधि भी प्रशासन से मांग कर सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब जनहित और जनसुविधाओंंं से उनका कोई सरोकार होगा।