दागना कुप्रथा के विरूद्ध चलाया जा रहा जन जागरूकता अभियान

उमरिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने बताया कि आदिवासी इलाको मे नवजातो को दागने की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत आंगनबाडी केंद्रो में आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओ द्वारा दीवार लेखन, रैलियां, संगोष्टियां, पंपलेट के माध्यम से दागना कुप्रथा के विरूध्द प्रचार प्रसार करते हुए दागना कुप्रथा के दुष्प्भावो से अवगत कराया जा रहा है। दीवार लेखन के माध्यम से बच्चो को दागना एक अमानवीय अपराध है। दागने पर बाल संरक्षण एवं देख रेख अधिनियम के तहत दो साल एवं एक लाख का जुर्माना होने की जानकारी, बच्चो के बीमार होने पर दागने के बजाय निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार कराने की जानकरी दी जा रही है ।