लोक अभियोजन विभाग ने आयोजित किया दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार
शहडोल। महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों के सामाजिक एवं विधिक परिपेक्ष्यि विषय पर मध्य प्रदेश लोक अभियोजन विभाग द्वारा दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ शुक्रवार को पुरूषोत्तिम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशांत माली, प्रेसीडेन्टा सायबर लॉ बाम्बे , सुश्री सुमन श्रीवास्ताव, अपर जिला एवं सत्र न्याायाधीश, खुरई, सागर, सत्य प्रकाश, मैनेजर-प्रोग्राम एफएक्सबी इंडिया सुरक्षा, दिल्ली एवं प्रो. आशा शुक्ला्, वाईस चान्सयलर, डॉ. बी.आर. अम्बेरडकर, विश्व विद्यालय, महू के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अत्याचार एवं अपराध सभ्य समाज के समक्ष गंभीर चुनौती : पुरूषोत्तम
पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अत्या्चारों एवं अपराधों पर चिंतित होते हुए कहा कि महिलाओं पर होने वाले लैंगिक भेद-भाव एवं लैंगिक आधार पर होने वाले अपराध सभ्य समाज के समक्ष एक गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार माँ के गर्भ में आते ही प्रारम्भ हो जाते हैं जैसे- कन्या भ्रूण हत्या तथा अन्यय अपराध जैंसे- दहेज प्रताडऩा, छेड़-छाड़, वैश्योवृत्ति कराना, बलात्कार, कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीडऩ, ऐसिड अटैक जैसी घटनाऐं महिलाओं के विरूद्ध होती हैं।
वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 45000 मामले महिला अपराध के संबंध में पेण्डिंग हैं। जिसमें रेप एवं दहेज हत्या् जैंसे गंभीर अपराधों की संख्या सेशन न्यांयालय में 7000 है तथा सजा का प्रतिशत् बहुत कम है। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की वृद्धि चिंतित करने वाली है। जिनपर नियंत्रण का प्रभावी तरीका ऐसे अपराधियों को न्या्यालय के माध्यपम से कठोर दण्ड दिलाना है। महिला अपराध से संबंधित मामलों की पैरवी प्रभावी ढंग से करने एवं उनपर निगरानी रखने हेतु मेरे द्वारा श्रीमती मनीषा पटेल, विशेष लोक अभियोजक को स्टेखट को ऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्तर किया गया है। मुझे आशा है कि श्रीमती पटेल के कुशल नेतृत्वट में महिला अपराध कारित करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा करायी जावेगी।
श्रीमती मोसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, लोक अभियोजन म.प्र. द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा श्रीमती मनीषा पटेल, राज्यभ समन्व यक महिला अपराध के द्वारा तैयार की गई तथा कार्यक्रम का संचालन भी किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से लोक अभियोजन अधिकारी सम्मिलित होकर प्रशिक्षण प्राप्त। कर रहे हैं।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस शुक्रवार को प्रशांत माली, सायबर एक्सिपर्ट, प्रेसीडेन्टर सायबर लॉ बाम्बे, द्वारा व्याख्यारन दिया गया। उन्होंने इलेक्ट्रॉशनिक साक्ष्या के बारे में विस्तार से चर्चा की। उनके द्वारा बताया गया कि इलेक्ट्रॉकनिक साक्ष्य् क्या् होती है? उसकी उपयोगिता क्या है? किस तरह इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य् न्यायालय में ग्राह्य होती है? इस संबंध में उन्होंतने भारतीय साक्ष््या अधिनियम, 1872, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला तथा माननीय उच्च तम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये निर्णय भी बताये गये। व्यायख्यान पश्चायत् उनके द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये।
सुश्री सुमन श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीन, खुरई, सागर द्वारा व्यारख्यान दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि महिला संबंधी अपराधों का अन्वेश्वषण किस तरह किया जाना चाहिए तथा अन्वेयषण के दौरान किन बातों का ध्या न रखा जाना चाहिए साथ ही यह भी बताया कि क्याअ त्रुटियॉं नहीं करना चाहिए, जिससे आरोपी को सख्ता से सख्तभ सजा दिलाई जा सके। उनके द्वारा ऐसे अपराधों के विचारण के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया गया कि महिला संबंधी अपराधों के अभियोजन में किन बातों का विशेष ध्याशन रखा जाना चाहिए जिससे अपराधी को कठोर दण्डम दिया जा सके। व्याबख्या न पश्चात् उनके द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये।
प्रशिक्षण उपरान्त राजेन्द्र उपाध्याय, डीपीओ, भोपाल द्वारा आभार प्रकट किया गया। साथ ही उन्होंने इस प्रशिक्ष्ण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन एवं पवन श्रीवास्तरव संचालक, सीएपीटी भोपाल का धन्यवाद् अर्पित किया गया कि उन्हीं के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संभव हो सका। प्रशिक्षण में शहडोल से विश्वधजीत पटेल (डीपीओ), अनूपपुर से रामनरेश गिरी (डीपीओ), उमरिया से श्रीमती अर्चना मरावी (डीपीओ) एवं शहडोल संभाग के समस्त अभियोजन अधिकारी सेमीनार में उपस्थित रहे।