जनप्रतिनिधियों अफसरों व पदाधिकारियों ने हड़ताल रोकने नही किए प्रयास,सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सड़कों , गलियों , चौराहों पर कचरे के ढेर…शहर में सफाई व्यवस्था बेपटरी

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जनप्रतिनिधियों अफसरों व पदाधिकारियों ने हड़ताल रोकने नही किए प्रयास,सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सड़कों , गलियों , चौराहों पर कचरे के ढेर…शहर में सफाई व्यवस्था बेपटरी

कटनी ॥ सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जिसके चलते शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए है। नगर निगम सफाई कर्मचारियों नें अपनी अपनी 8 सूत्रीय मांगों कों लेकर अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के बैनर तले अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है । जिसके बाद शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से वेंपटरी हों गई और जगह जगह कचरों का अंबार लग गया है । सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का सातवा दिन है। सातवें दिन तक शहर में कचरा ही कचरा नजर आ रहा था। सड़कों पर कचरा, गलियों में कचरा। चौराहों पर कचरे के ढेर। ऐसा लग रहा है कि कचरों के बीच शहर है। महापौर और विधायक व हड़ताली सफाई कर्मचारियों के बीच में बातचीत भी हुई। लेकिन बातचीत में कोई निर्णय नहीं निकल सका।
उल्लेखनीय है कि नगरनिगम के सफाई कर्मी 26 सितंबर से अपनी विभिन्ना मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़ताल की वजह से पूरे शहर की सफाई बंद है और कचरा नहीं उठ रहा है। ऐसे में पूरे शहर में कचरा ही कचरा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर की स्टेशन रोड, झंडा बाजार व सुभाष चौक, सब्जीमंडी सहित मुख्य मार्गों पर कचरा पसरा हुआ है। साथ ही गली मोहल्लों में भी हालत खराब है। सभी प्रमुख चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इससे गंदगी तो फैल रही है और आवारा मवेशियों की समस्या और बढ़ गई है। नगरनिगम में मेयर प्रीति संजीव सूरी ने हड़ताली कर्मचारियों के पास उपस्थित होकर उनसे बातचीत की। साथ ही शहर के कई जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों नें हड़ताल कर रहे सफाई कर्मचारियों के मंच पर अपनी उपस्थिति देते हुए मौके पर गए, लेकिन चर्चा में बात नहीं बनी। सफाई कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े है । इन सबके बीच कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इस बात की जानकारी नगरनिगम के अफसरों व पदाधिकारियों को थी, लेकिन उन्होंने हड़ताल को रोकने का प्रयास नहीं किया। इस वजह से शहर के आम लोगों को मुश्किल उठानी पड़ रही है। शहर में कचरा ही कचरा हो रहा है और बीमारी फैल सकती हैं। सात दिन से शहर की हालत खराब है, लेकिन शासन व प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की। यदि समय रहते कर्मचारियों को संभाल लेते तो शहर की हालत खराब नहीं होती। वही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के आगे न तो नगर निगम सरकार झुकने को तैयार है और न ही सफाई कर्मचारी पीछे हटने का नाम ले रहे हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में कचरे की स्थिति क्या होगी।

ये है कर्मचारियों की मांगे
इस संबंध में अभासमकाट्रेयू के पदाधिकारियों नें बताया कि विगत 1 वर्ष पुर्व 18 सूत्रीय मांगों कों लेकर उक्त संघ द्वारा मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा कों ज्ञापन पत्र सौंपा गया था जिसमें 10 मांगो कों सरकार के द्वारा निराकरण किया गया लेकिन 8 सूत्रीय मांगों कों आज दिनांक तक पुरा नही किया गया । मप्र सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों की मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है जिससे सफाई कर्मचारियों में अत्याधिक रोष व्याप्त है। ज्ञापन पत्र में महत्वपूर्ण बिन्दुबार उल्लेख किया गया है कि, मध्यप्रदेश की समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदों में सफाई कार्य में ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर स्थाई भर्ती की जाए। सफाईदार कर्मचारियों द्वारा सेवाकाल में रहते हुये मेडिकल के आधार पर स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को सफाईदार पद या योग्यता अनुसार उसकी नियुक्ति दी जावे। समस्त नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में सफाई कामगार के पद से रोस्टर प्रणाली को मुक्त कर नियम में शिथिलता की जाये । मध्यप्रदेश के नगर पालिका, नगर निगम में सफाईदार वर्ग के कर्मचारी जो अन्य पदों पर कार्यरत हैं, जैसे वाहन चालक, सुपरवाईजर, फायर, हेल्पर इत्यादि उनके पद नाम के साथ समान पद, समान वेतन का लाभ दिया जाए । मध्यप्रदेश की समस्त नगर पालिका, नगर निगम व नगर परिषद के अन्तर्गत कार्यरत सफाई कर्मचारियों पिता/पति/पत्नि में से सेवा में रहते हुये आकस्मिक मृत्यु होती है तो उस परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाये । मध्यप्रदेश में सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों में कार्यरत सफाई कामगारों को जो आज दिनांक तक कार्यरत है। चाहे वह दैनिक वेतनभोगी, संविदा अंशकालीन मस्टर या आउट सोर्स एवं अस्थाई दैनिक वेतन पर कार्यरत है, उन सभी को नियमितीकरण कर स्थाईकरण का लाभ दिया जाये । मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदर्श कार्मिक संरचना 2014 को लागू किया गया है जिसमें 500 की आबादी पर 01 पद सफाई कामगार का सर्जन होता है जिसकी वजह से हमारे पदों की वृद्धि नहीं हो पा रही है जिसमें संशोधन किया जावे । संपूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यरत नगर निगम / नगर पालिका / नगर परिषदों में कार्यरत सफाई कामगार दैनिक वेतनभोगी संविदा, विनियमित, आउट सोर्स कर्मचारियों को एक समान वेतन 25000 प्रतिमाह का भुगतान किया जावे।

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