बिसाहू-द्विवेदी और जिला अध्यक्ष के साथ नहीं रामलाल और उनकी स्लीपर सेल..!!

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(सीताराम पटेल @9977922638)

अनूपपुर। सोमवार को प्रदेश के चौथी बार मुखिया बनने के बाद पहली बार शिवराज सिंह चौहान अनूपपुर पधारे थे, इससे पहले दो बार उनके कार्यक्रम अनूपपुर आने के लिए तैयार हुए, लेकिन प्रशासनिक कारणों के कारण उनका दौरा स्थगित हुआ, सोमवार को जब वह यहां पर आए तो उन्होंने कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक बिसाहू लाल सिंह के समर्थन में प्रचार प्रसार किया। हालांकि मुख्यमंत्री ने औपचारिक तौर पर उपचुनाव का शंखनाद तो नहीं किया, लेकिन यह माना जा रहा है कि अनूपपुर से उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनावों का शंखनाद कर दिया है।

मुख्यमंत्री के प्रथम आगमन और चुनावों की तैयारी को लेकर पहले कार्यक्रम में ही भाजपा के पूर्व विधायक और उनकी स्लीपर सेल ने बिसाहूलाल सिंह,भाजपा के जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम और वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश द्विवेदी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया, ओम प्रकाश द्विवेदी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जिस नेेता के कारण अभी तक अनूपपुर में फ्लाई ओवर ब्रिज बन पाया और दूसरे विकास कार्य भी सिर्फ इन्हीं की बदौलत रुके हुए हैं, आज ओम प्रकाश द्विवेदी कैबिनेट मंत्री लाल सिंह सबसे नजदीकी बने हुए हैं और उन्हीं की सलाह पर कैबिनेट मंत्री हर फैसले ले रहे हैं।

पूर्व विधायक रामलाल रौतेल ने मीडिया को दिए गए बयान में खुलकर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि उनसे इस कार्यक्रम की रूपरेखा और संचालन के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं की गई, जबकि वे चुनाव संचालन समिति के सदस्य हैं, रामलाल के साथ पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पति व ग्रामीण मंडल अध्यक्ष फुक्कू सोनी थे ,पूर्व भी संभवत रामलाल के इशारे पर फुक्कू सोनी ने बीते माह में भाजपा के जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम को हटाने के लिए मंडल अध्यक्षों और अन्य भाजपा नेताओं को लामबंद किया था और पत्र प्रदेश भाजपा तक पहुंचा था, जाहिर है फुक्कू सोनी और पर्दे के पीछे से रामलाल रौतेल के इस कारगुजारी ओ की जानकारी बृजेश गौतम को भी रही होगी।
जहाँ तक ओम प्रकाश द्विवेदी का सवाल है, वह पूर्व में रामलाल रौतेल के काफी करीबी माने जाते थे,बाद में गुटबाजी ने रामलाल से इन्हें दूर कर दिया और दूसरा खेमा रामलाल के करीब आ गया, हालांकि रामलाल और ओम प्रकाश द्विवेदी के व्यक्तिगत संबंध और बृजेश गौतम से उनकी राजनीतिक रस्साकशी अलग मामला है,

 

http://halehulchal.com/angry-or-now-the-only-red-left-in-anuppur/

 

लेकिन जहां तक सवाल प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी तथा भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री का है, बिसाहू लाल सिंह ने किसी भी स्तर पर रामलाल को अभी तक भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद ना तो कम वजन दिया और ना ही उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया, रामलाल भी सोमवार से पहले तक के कार्यक्रमों में बिसाहूलाल सिंह के साथ नजर आ रहे थे।

रामलाल और उसकी स्लीपर सेल ने कल जिस तरह खुलकर बिसाहू लाल सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, उसका फायदा आने वाले चुनावों में विरोधी पार्टी को मिलना तय माना जा रहा है ।राजनीति में यह भी माना जाता है कि ऊपर से भले ही कितने ही संबंध मधुर क्यों ना हो लेकिन अंदर नेताओं के मन में जो गांठ एक बार बैठ गई, वह नतीजों के साथ ही सामने आती है।

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