ग्रामपंचायतों के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का रेला, न नियमों की याद है, न जांच पड़ताल की हो रही पहल
(अमित दुबे)
उमरिया। जिले की ग्रामपंचायतों में नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाना राज चलाया जा रहा है। महंगी दरों पर निर्माण सामग्री की खरीद, नियमविरुद्ध ठेकेदारी, फर्जी वेण्डर संस्थाएं खूब चल रही हैं। घटिया निर्माण यहां की पहचान सी बन गई है। यही स्थिति मानपुर जनपद की पंचायतों में भी है, यहां तो निर्माण के मूल्यांकन का जिम्मा देख रहे उपयंत्रियों ने भी सांठ-गांठ कर पूरे योजनाओं में पलीता लगा रखा है। कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक सुश्री मीना सिंह द्वारा सेहरा पंचायत में रपटा निर्माण के लिए विधायक मद से 14 लाख 67 हजार रूपये स्वीकृत किये थे। लेकिन पंचायत के सचिव कपिल पटेल और सरपंच की जोड़ी ने मिलकर उक्त राशि में सेंध लगा दी है। लेकिन मामला उजागर हो जाने के बावजूद इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो रही है।
यह है मामला
ग्राम पंचायत सेहरा में विधायक मद से रपटा निर्माण हुआ है। जिसमें निर्माण सामग्री के नाम पर नियम विरूद्ध भुगतान सचिव-सरपंच द्वारा किया गया है। निर्माण सामग्री के नाम पर 2200 रूपये ट्राली की रेत का 2500 रूपये में खरीदी की गई। मजे की बात तो यह है कि रपटा निर्माण में उपयोग होने वाली गिट्टी में भी पंचायत के जिम्मेदारों ने खेल कर दिया है। प्रति टन के हिसाब से 200 रूपये अधिक भुगतान हुआ है। लेकिन मूल्यांकन का जिम्मा देख रहे उपयंत्री प्रमोद खरे को आज तक कोई भी गलती नजर नहीं आई है।
बिना निविदा हुआ भुगतान
जानकारी यह भी मिली है कि पंचायत के जिम्मेदारों ने बगैर निविदा प्रकाशित किये ही पियूष ट्रेडर्स को मटेरियल सप्लाई का काम दिया गया था। इस संस्था द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। एक तो घटिया मटेरियल की सप्लाई की गई ऊपर से दाम भी महंगा वसूला गया। अधिकारियों ने जानकारियों के बावजूद उसके बिलों का भुगतान कर दिया है। फर्जी वेण्डर संस्थाएं जनपद के संरक्षण में जमकर पनप रहीं हैं। बिना टेण्डर मटेरियल सप्लाई का काम दिया जाना आम बात है। उपयंत्री के चहेते फर्जीवाड़ा कर लाभ कमा रहे हैं और कमीशन भी पहुंचा रहे हैं। विकास के नाम पर केवल फर्जीवाड़ा चल रहा है और लोगों ने कमाई का जरिया बना लिया है।
घटिया निर्माणों की जांच नहीं
यहां चूंकि इंजीनियर सब सरपंच व सचिव के सरपरस्त बने हुए हैं सब कमाई के खेल में शामिल हैं इसलिए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कोई न तो ध्यान देता है और न कोई जांच पड़ताल होती है। यहां लोगों की इच्छानुसार मूल्यांकन, मुआयना व सत्यापन कर दिया जाता है। पूरे पंचायतों की अगर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो कई चौंकाने वाले मामलेे उजागर हो सकते हैं। चूंकि मंत्री मीना सिंह के क्षेत्र की पंचायतें हैं इसलिए यहां तो लोगों को उम्मीद थी कि सही ढंग से कार्य होंगे और ग्रामीणों को विकास का लाभ मिलेगा। लेकिन यहां भी स्थितियां कुछ अलग नहीं हैं।
इनका कहना है…
मामले की जांच एई से करवाई जायेगी, गलती पाये जाने पर उचित कार्यवाही होगी।
राजेन्द्र शुक्ला
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत, मानपुर