रीयल हीरो: 35 वीं बार रक्तदान कर रमीत ने बचाई एएसआई की जान

चिकित्सकों ने देर रात तक ऑपरेशन कर पेट से निकाला चाकू
एडीजीपी और पुलिस अधीक्षक देर रात तक रहे मौजूद
मामला नौरोजाबाद में एएसआई पर हुए कातिलाना हमले का
शहडोल। जाको राखे सांईया, मार सके न कोय, सोमवार की रात उमरिया जिले के नौरोजाबाद थाना क्षेत्र में बलात्कार के आरोपी की मुखबिर द्वारा सूचना मिलने पर उसे पकडऩे पहुंची पुलिस खुद उसका शिकार हो गई, रात लगभग 8 बजे के आस-पास हुई इस घटना की खबर सोशल मीडिया से पूरे संभाग और प्रदेश में फैल गई, पीडि़त के इलाज के दौरान रात 10 बजकर 30 मिनट पर रक्तस्त्राव के कारण शहडोल में चिकित्सकों ने ए-पॉजीटिव रक्त की आवश्कता बताई, हालाकि मौके पर पूरा अस्पताल छावनी के रूप में तब्दील था, लेकिन जब ब्लड डोनेट की बात आई तो, शहडोल में सांझी रसोई के रूप में सेवा का इतिहास लिखने वाले रमीत सिंह ने रीयल हीरो के रूप में अपनी भूमिका निभाई, जिससे घायल की जान बच सकी।
35 वीं बार किया रक्तदान
शहडोल के युवा समाज सेवी रमीत सिंह ने लगभग 2 वर्ष पहले सांझी रसोई की कल्पना कर मित्रों व अन्य परिचितों के माध्यम से इसकी शुरूआत की थी, गरीबों को महज 5 रूपये में भरपेट भोजन कराने वाली यह संस्था संभाग में किसी नाम या पहचान की मोहताज नहीं रही है, कोरोना काल में अभूतपूर्व सेवा का आयाम स्थापित करने में रमीत के साथ सैकड़ों लोगों ने अपनी महती भूमिका दर्ज की थी, सांझी रसोई में गरीबों के पेट भरने के साथ ही रमीत और उनके साथी शहडोल में ब्लड डोनेट की एक चैन भी चलाते हैं, जिसमें सैकड़ों समाजसेवी जुड़े हुए हैं। सोमवार की रात रमीत के पास जब किसी पुलिसकर्मी का फोन ब्लड के लिए आया तो, रमीत खुद मौके पर पहुंच गये, चूंकि इससे पहले 34 वीं बार रमीत ने 3 माह पहले रक्तदान किया था, अत: रमीत ने फिर रक्त देकर पीडि़त मानवता की सेवा का उदाहरण पेश किया।
यह था पूरा मामला
नौरोजाबाद थाना अंतर्गत बलात्कार के एक आरोपी की सूचना मिलने के बाद पुलिस का दल उसे पकडऩे के लिए रवाना हुआ था, लेकिन आरोपी के पास दो पहिया वाहन में सबसे पहले पहुंचे एसआई वेद प्रकाश ठाकुर खुद आरोपी का शिकार बन गये, घटना के संदर्भ में यह जानकारी सामने आई कि शाम को ही पुलिस को यह सूचना मिली कि आरोपी गोलू कोल उर्फ प्रमोद थाना क्षेत्र के बाजारपुरा अंतर्गत बरामोहल्ला में देखा गया है, जिसे पकडऩे के लिए तीन मोटर सायकलों पर 6 पुलिसकर्मी अलग-अलग दिशाओं से उसे घेरने की नीयत से मौके पर पहुंच रहे थे, लेकिन सबसे पहले जैसे ही वेद प्रकाश ठाकुर वहां पहुंचे, आरोपी ने धारदार चाकू उनके पेट में घोंप दिया था, थोड़ी ही देर में अन्य वर्दीधारी भी वहां पहुंच गये, उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन एसआई की हालत लगातार बिगडऩे के कारण पेट में लगभग 3 से 4 इंच तक घुसे चाकू को निकालने और स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्हें जिला अस्पताल शहडोल के लिए रेफर कर दिया था।
जिम्मेदारों ने सम्हाला मोर्चा
घटना की जानकारी लगते ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर और शहडोल के पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे थे, साथ ही दोनों ने अस्पताल में चिकित्सकों की टीम को पहले से ही बुला लिया था, पुलिस कर्मी के नौरोजाबाद से जिला चिकित्सालय शहडोल पहुंचने से पहले ही सिविल सर्जन डॉक्टर जी.एस. परिहार और पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा ख्याति प्राप्त सर्जन डॉक्टर राजेश पांडे मौके पर पहुंच गए थे। दोनों पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य एवं पुलिस कर्मियों ने शहडोल अस्पताल में एम्बुलेंस पहुंचते ही तत्काल उसे आपातकाल चिकित्सा कक्ष में ले जाया गया जहां एनेस्थीसिया के बाद राजेश पाण्डेय ने उनकी सर्जरी की, तब जाकर एएसआई की जान बच सकी।