पंजीयक कार्यालय ने स्टॉम्प और रजिस्ट्रेशन की जाँच कर 1 माह में कोषालय में जमा कराये 40 लाख

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कलेक्टर के निर्देश पर पंजीयक विभाग रखे कर चोरी करने वालों पर नजर

शहडोल। कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के मार्गदशन, एडीएम अर्पित वर्मा और जिला पंजीयक अधिकारी गोवर्धन प्रसाद के निर्देशन में उप पंजीयक संतोषी गुप्ता और जे. एस. सिकरवार लगातार जिले में हो रही भू-बिक्री और पंजीयन और स्टाम्प की राशि पर नजर रखे हुए है। उपपंजीयक अधिकारी जे.एस. सिकरवार ने बताया कि हमारा विभाग गैर क़ानूनी रूप से रजिस्ट्री करवाने, भ्रामक जानकारी देकर या जानकारी छुपाकर टैक्स की चोरी करने वाले लोगो पर नजर रखे हुए है और ऐसे लोगों के द्वारा करवाई गई रजिस्ट्री में लगे स्टाम्पों और पंजीयन की राशि की जाँच कर रहा है।
सितम्बर में मिले 16 प्रकरण
लगातार निगरानी करने पर सितम्बर माह में 16 ऐसे पक्षकारों के प्रकरणों निकल कर सामने आये जो इन सब कार्यो में लिप्त पाए गए थे। इन प्रकरणों की जाँच करने पर स्टॉम्प ड्यूटी के 3420818 रुपये एवं पंजीयन शुल्क की 595083 रुपये की कर चोरी सामने आई। इन प्रकरणों से कुल 4015901 रुपये की वसूली सितम्बर माह में की और इस राशि को शासन के खाते में जमा करने के लिए प्रस्तावित कराया गया है।
ऐसे होती है जाँच
उप पंजीयक जे. एस. सिकरवार ने बताया कि हमारे सामने कई बार भी ऐसे प्रकरण आते रहते है जिसमे पक्षकार कर चोरी करने के उद्देश्य से सही जानकारी प्रस्तुत नहीं करते। इनके द्वारा दी जानकारी में भवन का आकार,भूमि में लगे वृक्ष , सड़क से भूमि की दूरी , कूटरचित दस्तावेज शामिल रहते है जिसके आधार पर हमे प्रकरणों की सूक्ष्मता से जाँच करनी पड़ती है। कई ऐसे मामले जो कि धारा 165 / 6 का उललंघन करते है ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर सम्पूर्ण रजिस्ट्री प्रक्रिया ही कलेक्टर द्वारा रद्द कर दी जाती है। इसीलिए रजिस्ट्री कराते समय पक्षकार को सही जानकारी देना चाहिए क्योंकि यदि सालों बाद भी कर चोरी के प्रकरण सामने आते है तो इस पर कार्रवाई की जाना संभव है। जिसपर पक्षकार को जुर्माना स्वरुप राशि देनी पड़ सकती है या उनके द्वारा की गयी रजिस्ट्री रद्द की जा सकती है।
45 करोड़ का है लक्ष्य
उप पंजीयक जे एस सिकरवार ने बताया कि इस वर्ष सम्पूर्ण जिले वित्तीय वर्ष 21 – 22 के लिए कुल 45 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है जिसमे पूरे जिले के पांचो ब्लॉक शामिल है। राजस्व वसूली कि लक्ष्य प्राप्ति की बात करे तो अभी तक सितम्बर माह में 720 दर्ज हुए दस्तावेज पंजीयन से 2 करोड़ 93 लाख की राशि शासन के खाते में जमा करने के लिए प्रस्तावित की गयी है। वहीं 01 अप्रैल से लेकर सितम्बर तक दर्ज हुए 3537 दस्तावेज पंजीयन में 17 करोड़ 7 लाख का राजस्व प्राप्त हो चुका है। शेष लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभाग सक्रियता से कार्य कर रहा है।

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