शहडोल में 5 करोड़ का रजिस्ट्रेशन घोटाला,वाहन शोरूम संचालकों की चालबाजी से सड़क पर दौड़ रहे ‘गुमनाम’ वाहन

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(शुभम तिवारी)
शहडोल। जिले में वाहन रजिस्ट्रेशन टैक्स में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिससे न सिर्फ शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ है बल्कि सड़क पर चल रहे हजारों वाहन जनता की जान के लिए खतरा बन चुके हैं। ऑटोमोबाइल शोरूम संचालकों ने उपभोक्ताओं से आरटीओ शुल्क वसूल तो किया लेकिन उसे आरटीओ कार्यालय में जमा ही नहीं किया।
अचानक निरीक्षण में सामने आया फर्जीवाड़ा
बुधवार को नवागत जिला परिवहन अधिकारी अनुपा खान ने उत्सव होंडा, गुप्ता हीरो, मनोज टीवीएस और जयश्री बजाज सहित अन्य शोरूम में औचक निरीक्षण किया। दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला कि 2570 वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूला गया, लेकिन विभाग में जमा नहीं किया गया। आरटीओ दस्तावेजों के मिलान के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि वाहन बिक्री और रजिस्ट्रेशन की संख्या में भारी अंतर है।
टैक्स लिया, जमा नहीं किया
वाहन शोरूम संचालकों ने उपभोक्ताओं से पूरे पैसे वसूल किए जिनमें आरटीओ टैक्स भी शामिल था। लेकिन यह टैक्स शासन को जमा करने की बजाय खुद के व्यापार विस्तार में उपयोग कर लिया गया। एक दोपहिया वाहन पर लगभग 6000 रुपए का रजिस्ट्रेशन टैक्स होता है, इस हिसाब से 2000 दोपहिया से 1.20 करोड़ और लगभग 600 चारपहिया वाहनों से 4 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है।
सालों से चल रहा है खेल
यह घोटाला अचानक नहीं हुआ है। पूर्व आरटीओ आशुतोष सिंह भदौरिया के कार्यकाल से ही यह प्रक्रिया चल रही थी। तब से कई वाहन डीलर उपभोक्ताओं से टैक्स वसूलते रहे लेकिन उसे विभाग में नहीं जमा करते रहे। अब तक यह आंकड़ा 5 करोड़ के पार पहुंच गया है।
सात दिन की सीमा, फिर जुर्माना
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के मुताबिक, वाहन बिक्री के सात दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। ऐसा न करने पर धारा 192ए और 177 के तहत भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही यह जीएसटी अधिनियम का भी गंभीर उल्लंघन है, जिसमें ₹10,000 या कर की राशि के 100% तक का जुर्माना हो सकता है।
बिना रजिस्ट्रेशन वाहन बने ‘मौत के औजार’
इन वाहनों का न तो बीमा मान्य होता है और न ही सरकारी पोर्टल पर कोई रिकॉर्ड रहता है। दुर्घटना की स्थिति में न तो पीड़ित को मुआवजा मिलेगा और न ही वाहन मालिक को बीमा राहत। इससे अपराधियों को बचने का मौका मिल जाता है, जबकि आम नागरिक कानूनी पचड़े में फंसता है।
आरटीओ का अल्टीमेटम
आरटीओ अनुपा खान ने सभी डीलरों को नोटिस थमाकर निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द लंबित फाइलें निपटाएं और बकाया राशि जमा करें, अन्यथा उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए जाएंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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