एक जमीन की तीन बार रजिस्ट्री, 26 लाख की ठगी, 6 पर अपराध दर्ज

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एक जमीन की तीन बार रजिस्ट्री, 26 लाख की ठगी, 6 पर अपराध दर्ज


कटनी । तहसील बड़वारा अंतर्गत ग्राम नन्हवारा में 10.60 एकड़ की भूमि के विक्रय में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जगमोहन वार्ड कटनी दो भाईयों प्रभात और प्रशांत तिवारी पुस्तैनी जमीन का चार लोगों से रुपये लेकर रजिस्ट्री करा दी। छठवें खरीदार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी सुभाष बंसल 26 लाख रुपये में जमीन खरीद कर कब्जा लेने पहुंचे तब पता चला कि उसके पहले तीन अन्य लोगों को भी जमीन बेची जा चुकी है लेकिन उन तीन ने अपने रुपये वापस लेकर जमीन बेचने की बात छिपा ली। एक ही जमीन को बार-बार बेचने के मामले को लेकर सुभाष बंसल ने पुलिस की शरण ली और कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने प्रभात-प्रशांत तिवारी सहित बृज किशोर, शिवकुमार गुप्ता एवं अमरुल कय्यूम, अविनाश चंद्र तिवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस के अनुसार मामला दर्ज होने के बाद आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
मामले का मास्टरमाइंड  प्रभात और प्रशांत
इस पूरे मामले के मास्टर माइंड प्रभात कुमार और प्रशांत तिवारी हैं। जिन्होनेे तहसील बड़वारा अंतर्गत ग्राम नन्हवारा स्थित ईटा भट्टा व्यवसाय और उसकी समस्त भूमि को बेचने के लिए गांधीगंज निवासी शिवकुमार गुप्ता से पहले 10 लाख में सौदा किया था। बाद में शिवकुमार गुप्ता ने जमीन का पता लगाया, तो पाया कि यह जमीन पहले ही बृजकिशोर को बेची जा चुकी है। जिसके बाद उसने सौदा रद्द कर दिया और 10 लाख रुपये की राशि मांगी। प्रभात ने माली हालत का हवाला दिया। प्रभात कुमार तिवारी 2 हेक्टेयर जमीन आमीरुल कय्यूम को भी बेच कर 3.com फरवरी  2013 को  रजिस्ट्री कराया था। प्रशांत तिवारी ने अविनाश चंद्र तिवारी को 0.56 हेक्टेयर जमीन बेच कर 11 अगस्त 2015  को रजिस्ट्री कराया था। .com धोखाधड़ी में अन्य खरीदार भी शामिल होते गए।  प्रभात कुमार तिवारी ने अलग-अलग जमीन मालिक के नाम पर सुभाषचंद्र बंसल के नाम रजिस्ट्री कराई। प्रभात कुमार तिवारी अपने नाम की  1.68 हेक्टेयर जमीन बंसल को बेची। इसके साथ अविनाश चंद्र तिवारी के नाम की 0.56 हेक्टेयर, आमीरुल कय्यूम के नाम से 2 हेक्टेयर जमीन का रजिस्ट्री कराई। इस तरह से कुल 10.60 एकड़ जमीन का सौदा हुआ। इसके एवज में बंसल ने प्रभात कुमार तिवारी को 6 लाख 22 हजार रुपये, आमीरुल कय्यूम को 7 लाख 92 हजार रुपये, अविनाश तिवारी को 2 लाख 8 हजार रुपये और शिवकुमार गुप्ता को नगद 10 लाख रुपये दिए। जबकि ये जमीन ब्रजकिशोर  को बेची जा चुकी थी।
पूरे सौदे में बृजकिशोर का नाम चर्चित
इस पूरे सौदे में बृजकिशोर भार्गव का नाम सबसे अधिक चर्चित रहा। प्रभात और प्रशांत की जमीन सबसे पहले इन्होंने ही खरीदी थी। इसके बाद भी दाखिल-खारिज नहीं करवाया था। सौदे के बाद जब अन्य लोगों को जानकारी लगने पर वे बृजकिशोर भार्गव के पास पहुंचते तो श्री भार्गव यह कहकर अनभिज्ञता जाहिर करते कि उक्त जमीन में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इस तरह से पुलिस ने इस मामले में इन्हें भी आरोपी बनाया है।

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