परिजनों ने पड़ोसी पर लगाये गंभीर आरोप

पुलिस ने दर्ज किया अपराध, आरोप गिरफ्तार
-साहब! सूदखोरों की धमकियों से पिता बहुत परेशान हो चुके थे, पड़ोसी ने 60 हजार देकर 3 लाख रूपये बना लिया था, हमारे पिता ने धमकी से परेशान होकर आत्महत्या की है। सूदखोरी का रैकेट आज भी संभागीय मुख्यालय में खूब चल रहा है, कम ब्याज पर पैसे देकर चंगुल में फंसाने के बाद सूदखोर 10 से 20 प्रतिशत तक ब्याज वसूल रहे हैं और पैसा न चुकाने और ब्याजखोर की धमकियों से डरकर बिंदेश दहिया जैसे लोग फांसी पर झूल रहे हैं।
शहडोल। कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्याणपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां सूदखोरी से परेशान होकर एक व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली है। खबर है कि बिंदेश दहिया, जो ड्राइवर का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था, उसने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस को जांच के दौरान मृतक के परिजनों द्वारा बताया गया कि, मृतक बिन्देश कुमार दाहिया ने श्याम सुन्दर गुप्ता पिता स्व. मनभरन गुप्ता उम्र 67 वर्ष निवासी कल्याणपुर से 60,000 रूपये की राशि उधार ली थी। बिंदेश की सुसाइड किए जाने को लेकर परिजनों ने पड़ोसी पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है।
60 हजार का बनाया 3 लाख
बिंदेश के पुत्र राहुल दहिया और पुत्री का कहना है कि श्याम सुंदर गुप्ता की प्रताडऩा से तंग आकर उनके पिता ने यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया, श्याम सुंदर ने पिता को 60 हजार रुपए ब्याज पर दिया था। जिसका पड़ोसी ने ब्याज सहित 3 लाख रुपए लेना बना लिया। वह ब्याज सहित पैसे की मांग करता था और इस बात पर आए दिन पिता को धमकी देता था। कल रात भी श्याम ने घर आकर पैसे मांगा और धमकी देकर गया था। जिसके बाद परिवार के इस मुखिया ने अपना भरा-पूरा परिवार छोडक़र मौत को गले लगा लिया।
गरीबों की जिंदगी से खेल रहे सूदखोर
संभागीय मुख्यालय सहित आस-पास के ग्रामीण इलाकों में बगैर लाइसेंस के साहूकारी करने का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। जरूरतमंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मनमाना ब्याज वसूला जा रहा है। सूदखोरों द्वारा गरीबों का शोषण किया जा रहा है। इस दिशा में प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने से सूदखोरों के हौसले बुलंद हैं। सेठ साहूकारों द्वारा बगैर लाइसेंस के साहूकारी की जा रही है। जिला मुख्यालय में ही कई सूदखोर लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं।
श्याम सुंदर अकेला नहीं
गरीब को जब अपने आवश्यक कार्यों के लिए रुपयों की आवश्यकता पड़ती है तो वह मजबूरन इन ब्याज खोरों की चौखट चूमते हैं। यहीं से उनके शोषण का सिलसिला शुरू हो जाता है। सूदखोरों द्वारा जरूरतमंदों को मनमाने ब्याज पर रुपया उधार दिया जाता है। यह ब्याज दर इतनी अधिक होती है कि कर्ज लेने वालों को मूलधन के साथ ब्याज चुका पाना काफी मुश्किल होता है। श्याम सुंदर गुप्ता की प्रताडऩा से तंग आकर आखिर बिंदेश दहिया ने मौत को गले लगा लिया, ऐसा नहीं है कि जिले में श्याम सुंदर भर ब्याज का कारोबार करता है, संभागीय मुख्यालय में टेढक़ा, बब्बू, गुड्डा, भईयन, बग्गी जैसे कई नामचीन आज भी हैं जो, लोगों को ब्याज पर पैसा देकर ब्याज वसूली का खेल कर रहे हैं।
8 से 10 प्रतिशत वसूली
वसूलीबीते वर्षाे में सूदखोरों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के बाद सूदखोर बिल में छुप गये थे, लेकिन एक बार फिर जिला मुख्यालय में सूदखोरों ने अपने काम शुरू कर दिया है, चूंकि लोगों को रुपए की जरूरत है, ऐसे में उनसे मनमाना ब्याज वसूला जा रहा है। आमतौर पर बाजार में एक रुपए सैकड़ा पर रुपया दिया जाता है, लेकिन इन दिनों 8 से 10 प्रतिशत का ब्याज भी लिया जा रहा है। साहूकारी के जरिए रुपया लेकर कारोबार करने का काम शहर में नया नहीं है, लेकिन बीते वर्षाे में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी के कार्यकाल में सूदखोरों पर जमकर कार्यवाही की गाज गिरी थी, लेकिन बीते कुछ माहों से एक बार फिर सूदखोर सक्रिय हैं।
यह किया पुलिस ने
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को मृतक एवं श्याम सुन्दर के मध्य पैसे को लेकर विवाद हुआ था। जिससे तंग होकर मृतक बिन्देश कुमार दाहिया ने 23 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सम्पूर्ण मर्ग जांच से आरोपी श्याम सुन्दर गुप्ता के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध धारा 306 भादवि एवं म.प्र. ऋण संरक्षण अधिनियम की धारा 4 एवं 3(2)(अं) एससी/एसटी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। उक्त कार्यवाही में कोतवाली थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह परिहार के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक कामता पयासी, आरक्षक मंटू यादव एवं सोनी नामदेव की भूमिका रही।
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