तीन माह में शिविर लगाकर करें समस्याओं का निराकरण: सांसद

जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न
शहडोल। शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विभिन्न विकास विभागों के कार्यों की विस्तार से समीक्षा करते हुए सांसद ने कहा कि पीएम जेएसवाई के कार्य गुणवत्ताविहीन होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है। साथ ही वर्षों से लंबित कार्यों में आ रही कठिनाईयों को आपसी समन्वय बनाकर दूर करें तथा तय सीमा में पूर्ण कराकर नवीन स्वीकृत कार्य शीघ्र प्रारंभ कराये। उन्होंने कहा कि संभाग के अन्य जिलों में सडक़ों की मरम्मत के अपग्रेडेशन के कार्य किये जा रहे है परन्तु जिले में अपग्रेेडेशन के कार्य हाथ में नहीं लिये गये, इस पर भी तत्काल कार्य करना सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की लोगों की छोटी-छोटी समस्याएं जैसे निराश्रित, विधवा, दिव्यांग तथा वृद्वा पेंशन, नक्शा खसरा सुधार, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन सहित अन्य कार्य से लोग जिला मुख्यालय तक आते है और उनकी समस्याओं का समय पर निदान नहीं हो पाता, इस हेतु जिले के गरीब आदिवासी वर्ग के लोगों की स्थितियों को ध्यान में रखकर 3-3 माह में जनपद स्तरीय शिविर लगाकर उनकी समस्याओं का स्थल पर ही निराकरण कराना सुनिश्चित किया जाए, जिससे उन्हें जिला मुख्यालय तक नही आना पडें़। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की मंशा है कि उनके द्वारा संचालित योजनाओं को जमीन स्तर पर उतारने विभागीय अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें तथा क्षेत्रों का भी भ्रमण कर विकास के कार्यों को मूर्त रूप देने जनप्रतिनिधियों से भी समन्वय स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैंडपंपों का सुधार समय पर नहीं किये जाने की शिकायतें मिलती है, लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु शिकायत आने पर तत्काल मरम्मत कराई जाए। बैठक में बताया गया कि नल-जल योजना के तहत जिले के 819 ग्रामों में से 512 में कार्य कराये जा रहे है, जिसमें जिले के गोहपारू जनपद के 36 गांवों में पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में आदिवासी विकास, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी, जिला पंचायत के नरेगा, अमृत सरोवर, शौचालय, पीएम आवास, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, कृषि एसईसीएल आदि के विकास कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई तथा प्रगति की भी जानकारी ली गई।
बैठक में समिति के सदस्य अनिल द्विवेदी ने प्रस्ताव रखा की, जिले के सिंहपुर में स्थित रजहा तालाब के विकास हेतु कई लाख रूपये खर्च किये गए है परन्तु बजट के बावजूद भी प्यौर्स एवं सीमेंट के कार्य सीढ़ी आदि अधूरे होने के कारण अधिक पानी के भराव से कटाव हो रहा है जिससे तालाब की सुरक्षा खतरे में है। 13 एकड़ में निर्मित इस तालाब में 30 फुट गहरा पानी भरा है, इससे इस गांव के जल स्तर में वृद्वि हुई है। सांसद ने इसकी तत्काल मरम्मत कराये जाने और कार्य पूर्ण कराये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। इसी प्रकार जिले की सडक़ों की खुदाई का विषय भी बैठक में उठाया गया जिस पर सांसद ने निर्देशित किया कि निर्माण कार्य के पश्चात् तत्काल संबंधित ठेकेदार से सडक़ों की यथास्थिति बनवाई जाए।बैठक में कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु चंद्र, डीएफओ उत्तर वन मंडल गौरव चौधरी, डीएफओ दक्षिण वन मंडल महेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रभा मिश्रा, नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल, एसईसीएल के के.के. सिंह, जल निगम के विवेक गुप्ता, शिवेन्द्र सिंह, श्रीमती शालिनी तिवारी, डॉ. वाई. के. पासवान, समिति के सदस्य संजीव प्रताप सिंह, सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहें।
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