प्यादे पर वार कर बिसाहू की खींज मिटा रहे रोतेल ..!!
प्यादे से मिटा रहे, बिसाहू की खीज
मरा सांप लेकर मंत्री की साख निपटाने की कवायत
अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़े कर रहे रौतेल
6 जनवरी 2016 की शाम को मामूली से विवाद पर सिफारिश के बाद दर्ज एफआईआर जिसका निपटारा माननीय न्यायालय में समझौते के बाद 12 मई 2022 को हो चुका है, पूर्णतः मृत हो चुके मामले को सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री की साख गिराने के उद्देश्य से उछाला जा रहा है। प्रदेश के दूसरे जिले के दूरस्थ गांव से सुनियोजित शिकायत भी कराई गई, लेकिन मरे सांप में जान नहीं डाल सके तो, मरा सांप लेकर ही अपनी खीज निपटाने की कवायत चरम पर है।
अनूपपुर/शहडोल। सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफार्म पर 30 अगस्त को अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और अनूपपुर के पूर्व विधायक रामलाल रौतेल के द्वारा एक पोस्ट की गई, जिसमें लिखा गया कि मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य मंत्रालय के पत्र क्रमांक 248/229/ 2022/25-1 भोपाल दिनांक 04/02/2022 के पत्र के परिपालन में श्री महेश साहू सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया जाता है…? तो एक वसूली कर्ता कम हो जाता, इस पोस्ट को लेकर अनूपपुर सहित आस-पास के जिलो की राजनीति गरमाई हुई है, राजनीति के जानकारों का सीधे मानना है कि यह पोस्ट अनूपपुर के वर्तमान भाजपा विधायक और मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह को ध्येय कर लिखी गई है और महेश साहू, जिसका नाम और पत्र आदि का उल्लेख किया गया है, वह बिसाहूलाल सिंह के निज सचिव हैं। अनूपपुर की राजनीति में बिसाहूलाल सिंह पहले कांग्रेस की धुरी थे और अब भाजपा की धुरी बन चुके हैं, जाहिर है कि बिसाहूलाल के भाजपा में आने के बाद रामलाल रौतेल का राजनैतिक भविष्य दांव पर लग चुका है।
लेकिन अनुशासन का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी और पार्टी का चाल-चरित्र और चेहरे वाला नारा अब अनूपपुर में शायद सड़को पर उतर आया है। जिला पंचायत चुनाव से लेकर निकाय चुनाव में खुलकर बगावत करने वाले तो पार्टी से बाहर हो गये, लेकिन अभी कुछ को बाहर करने के लिए मंथन चल रहा है, यदि यह समय पर हो गया तो, विधानसभा चुनावों में शायद पार्टी को संभावित नुकसान से बचाया जा सके।
यह है महेश साहू का पूरा मामला
लगभग 8 साल पहले जब अनूपपुर में भाजपा से रामलाल रौतेल विधायक थे, उसी दौरान 6 जनवरी 2016 को भालूमाड़ा थाना अंतर्गत ग्राम बम्हनी में आपसी विवाद की घटना हुई, इसमें महेश प्रसाद साहू पिता स्व. गेंदलाल साहू उम्र 46 साल पर संतोष कुमार तिवारी के यहां जाकर गाली-गलौज सहित अन्य आरोप लगे, इसकी शिकायत भालूमाड़ा थाने में हुई और महेश साहू के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 198/16 दर्ज हुआ और आईपीसी की 294, 506, 190, 451 धाराएं लगाई गई, यह भी चर्चा आई कि विवाद राजनीति से प्रेरित था और एफआईआर भी राजनीति से प्रेरित होकर थाने पहुंची थी और उसी प्रभाव के कारण दर्ज भी हुई। यह मामला अनूपपुर न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र कुमार उइके के द्वारा 12 मई 2022 को आपसी समझौते के बाद समाप्त कर दिया गया, मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष अग्रवाल के द्वारा की गई।
मामला निलंबन व बहाली का
भालूमाड़ा पुलिस के द्वारा इस मामले में 27 अगस्त 2016 को महेश साहू को गिरफ्तार किया गया, यह भी बताया गया कि पुलिस ने इस मामले में बयान लेने के लिए महेश साहू को तलब किया था और यह सब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था, ताकि 27 अगस्त के शनिवार के दिन उसे गिरफ्तार कर 48 घंटे बाद माननीय न्यायालय में पेश किया जाये, जिसके बाद 48 घंटे पुलिस अभिरक्षा में रहने को आधार बनाकर उसे शासकीय सेवा से पृथक किया जा सके, लेकिन 29 अगस्त 2016 को माननीय न्यायालय में जब महेश साहू को पेश किया गया तो, माननीय यू.एस. मरावी मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट ने जमानत दे दी, बावजूद इसके 29 अगस्त 2016 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के पत्र क्रमांक 4169 के माध्यम से महेश साहू सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय पतेरा टोला, छिल्पा बम्हनी को पुलिस अभिरक्षा में रखे जाने के कारण निलंबित किया गया। जिसके बाद 28 दिसम्बर 2016 को सहायक आयुक्त ने एक और पत्र क्रमांक 5788 जारी करते हुए उसमें उल्लेख किया कि चूंकि 24 अक्टूबर 2016 को सहायक आयुक्त अनूपपुर द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन में महेश साहू को पुलिस अभिरक्षा में 48 घंटे से कम अवधि में रखा गया है, जिस कारण यू.एस. मरावी माननीय मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट न्यायालय अनूपपुर द्वारा 29 अगस्त 2016 को रिहा किया गया। अतः श्री साहू को 48 घंटे से कम समय तक पुलिस अभिरक्षा में रखे जाने के कारण निलंबन से बहाल किया जाता है तथा उनकी पदस्थापना प्राथमिक विद्यालय पतेरा टोला छिलपा बम्हनी में आगामी आदेश पर्यन्त तक की जाती है।
पियूष ने बना दिया शिक्षक को अपराधी
यह पूरा मामला अनूपपुर जिले का था, न तो अनूपपुर और न ही पड़ोस के दूसरे जिले में इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने आई, लेकिन उमरिया जिले के ग्राम बडेरी के वार्ड नंबर 02 में रहने वाले पीयूष प्रताप सिंह ने जागरूक भारतीय होने का फर्ज निभाया और इस पूरे मामले की जानकारी एकत्रित करते हुए 28 जनवरी 2021 को जनजातीय कार्य विभाग भोपाल सहित अनूपपुर कलेक्ट्रेट और अन्य को पत्र लिखते हुए इस मामले में महेश साहू को न सिर्फ आपराधिक व्यक्ति बताया गया, बल्कि उसे निलंबित करने की भी मांग की गई, चूंकि इस मामले में पहले ही रामलाल रौतेल के विधायक काल के दौरान निलंबन और बहाली हो चुकी थी, जिस कारण कलेक्टर अनूपपुर ने पूर्व के पत्र संलग्न कर मामले की जांच वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी, इधर के माहो में माननीय न्यायालय के समक्ष दोनों पक्षों का समझौता हो जाने के बाद मामला लगभग शून्य और मृत हो चुका है, बावजूद इसके सोशल मीडिया पर मरे हुए मामले को परोसा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व के माननीय मरे हुए सांप को दिखाकर लोगों में भय पैदा करने के साथ ही अपना माहौल बनाने व मंत्री से अपनी खीज मिटाने के लिए प्यादो को निशाना बना रहे है। सवाल तो यह भी उठता है कि जिस मामले में माननीय न्यायालय ने राजीनामें के बाद शून्य कर दिया हो, उसमें अब अपराधी तो दूर आरोपी की संज्ञा देना भी विधि के विरूद्ध है।