खोडियार के सौदों में उलझकर, रुखसत हो गई साबिर की जिंदगी

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(अनिल तिवारी)

अनफिट वाहन व दुर्घटना के बाद कि सौदेबाजी बनी मौत का कारण

शहडोल। 7 नवम्बर की दोपहर मुख्यालय से सटे ग्राम जोधपुर में रहने वाले साबिर खान पिता अब्दुल रहीम उम्र 42 वर्ष श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्य में चोटिल हो गये, इन्हें पहले स्थानीय निजी चिकित्सालय, फिर जिला चिकित्सालय और फिर यहां से रेफर करवाकर जबलपुर के अनंत हॉस्पिटल ले जाया गया, ऑपरेशन के लिए लगने वाली रकम के मोलभाव को लेकर कंपनी के कारिंदों की अस्पताल प्रबंधन से बात नहीं बनी तो, अंत में मेडिकल कॉलेज जबलपुर में भर्ती करा दिया गया, इलाज में हुई इस लेटलतीफी के कारण वाहन चालक की मौत हो गई। परिजनों ने यह आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से राहत व कार्यवाही की मांग की है।
यह हुआ 7 नवम्बर को

7 नवम्बर की सुबह 9 से 12 बजे के बीच 42 वर्षीय साबिर श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी के टैंकर क्रमांक एमपी 18-6312 को चला रहा था, परिजनों व प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो, टैंकर की यांत्रिकी स्थिति काफी जर्जर थी, ब्रेक ठीक न होने के कारण घाट पर टैंकर आगे-पीछे करने में साबिर काफी परेशान था, अंतत: जब उससे टैंकर नहीं सम्हाला गया तो, वह उससे कूद पड़ा, लेकिन इस दौरान वह उसी की चपेट में आ गया, कमर के नीचे एक हिस्सा टैंकर से बुरी तरह कुचल गया, स्थानीय ग्रामीणों और कंपनी के कारिंदों की मदद से उसे इलाज के लिए शहडोल भेजा गया।
रामायण के मोलभाव में बीते 12 घंटे

मृतक के परिजनों ने बताया कि सुबह हुई घटना के बाद उसे मेवाड़ अस्पताल लाया गया, लेकिन कंपनी के कारिंदे रामायण मिश्रा व मेवाड़ प्रबंधन के बीच इलाज को लेकर रूपयों का सौदा नहीं जमा, तो उसे जिला चिकित्सालय लाया गया, दोपहर ढ़ाई बजे के आस-पास हालत खराब होती देख जबलपुर के अनंत अस्पताल निजी एम्बुलेंस से ले जाया गया, अनंत अस्पताल में भी सौदा नहीं जमा तो, मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 7 से 8 के बीच में भर्ती कराया गया, जहां दो से तीन घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गई। साबिर की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज जबलपुर स्थित पुलिस चौकी में पदस्थ रविन्द्र मिश्रा ने मृतक के परिजनों आदि के बयान दर्ज किये और शून्य पर मामला कायम किया।
अनफिट है कंस्ट्रक्शन कंपनी का वाहन

मृतक साबिर जिस वाहन को चला रहा था, वह एमपी 18-6312 नंबर का वाहन सुशील खोडियार के नाम पर रजिस्टर्ड है, 1995 मॉडल के उक्त टैंकर का फिटनेस बीती 16 अक्टूबर को खत्म हो चुका है, अलबत्ता उसका परमिट जरूर 2 अप्रैल 2021 तक वैध है, लेकिन जब फिटनेस ही नहीं है तो, बाकी सब दस्तावेज संभवत: शून्य ही माने जाते हैं।

खोडियार-श्रीराम के बीच फंसा पेंच

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की जिस सड़क के निर्माण के दौरान हादसे में साबिर की मौत हुई, वह उमरिया जिले के अंतर्गत कार्य कर रही एजेंसी में आता है, बकौल के.के. खरे महाप्रबंधक पीएमजीएसवाई उमरिया कहते हैं कि कार्य श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर आवंटित है, जो खोडियार कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ मिलकर काम करती है, संभवत: इसे विवेक खोडियार संचालित करते हैं, वाहन मालिक सुशील खोडियार उनके भाई हैं।

जंगल में मोर नाचा….

शहडोल जिले के सिंहपुर थाना क्षेत्र के वाशिंदे की दुर्घटना में मौत हो गई, हालाकि यह मौत जबलपुर में हुई, लेकिन इसकी खबर न तो शहडोल जिले के पुलिस के रोजनामचे में दर्ज है और न ही उमरिया के, जहां उक्त दुर्घटना कारित हुई। शहडोल में दुर्घटना के बाद जिला चिकित्सालय भी लाया गया था, जहां से वह जबलपुर के लिए एम्बुलेंस में भेजा गया, लेकिन अस्पताल चौकी के दस्तावेजों से भी साबिर गायब है, यही नहीं उमरिया जिले के पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घुनघुटी-मंगठार पुलिस चौकियों के बीच उलझे उमरिया जिले के उस क्षेत्र जहां सड़क निर्माण के दौरान यह घटना कारित हुई, उस क्षेत्र की पुलिस को भी इस घटना की कोई खबर हैं। सवाल तो यह उठता है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जिस अभियंता के निगरानी में सड़क का निर्माण हो रहा था, उसने भी निर्माण एजेंसी से भाईचारा निभाते हुए, इसकी सूचना या शिकायत थाने व विभाग तक में नहीं दी।

इनका मत..

यह पूरा काम विवेक खोडियार देखते हैं,टैंकर भले ही मेरे नाम पर है, लेकिन मैं इस संदर्भ में कुछ नहीं जानता।
सुशील खोडियार
टैंकर मालिक
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मौत की खबर के बाद ‘जीरोÓ पर मर्ग कायम किया गया है, जिसे संबंधित क्षेत्र के थाने में भेज दिया जायेगा।
रविन्द्र मिश्रा
विवेचना अधिकारी
मेडिकल कॉलेज चौकी, जबलपुर
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घटना के संदर्भ में मुझ कोई जानकारी नहीं है, संभवत: मंगठार या घुनघुटी चौकी से जानकारी मिल सकती है।
आर.के. धारिया
थाना प्रभारी, पाली
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टैंकर के फिटनेस के संबंध में जानकारी नहीं और नही घटना के संबंध में, कार्य श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था।
के.के. खरे
जीएम
पीएमजीएसवाई, उमरिया

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