विश्वविद्यालय में हुआ साधना क्लब का गठन

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शहडोल। पंडित एस. एन. शुक्ला विश्वविद्यालय द्वारा साधना क्लब का गठन किया गया। क्लब का उद्घाटन विश्व विद्यालय के कुलगुरु प्रो. रामशंकर द्वारा किया गया। क्लब में विश्वविद्यालय के सभी संकाय के विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों ने सहभागिता ली। कुलगुरु ने अध्यात्म एवं ध्यान का महत्व बताया एवं प्रयोगिक रूप में भी ध्यान मुद्रा की गयी। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि किसी भी मनुष्य का सभी बाहरी कार्यों से विरक्त होकर किसी एक कार्य में लीन हो जाना ही ध्यान है, ध्यान एक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है, इसमें मन को विशान्ति देने की सरल तकनीक से लेकर आन्तरिक ऊर्जा या जीवन-शक्ति (की, प्राण आदि) का निर्माण तथा करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास आदि सब समाहित हैं। साधना क्लब की संयोजक डॉ. सुनीता वाथरे ने बताया कि किसी भी मनुष्य का सभी बाहरी कार्यों से विरक्त होकर किसी एक कार्य में लीन हो जाना ही ध्यान है ध्यान करने से आत्मिक तथा मानसिक शक्तियों का विकास होता है। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आशीष तिवारी, साधना क्लब के सदस्य सहायक प्राध्यापक डॉ.सौरभ शिवा, डॉ. अंजनी सूर्यवंशी, डॉ. सिधार्थ मिश्रा, डॉ. प्रज्ञा यादव, डॉ. धानी जमोद, डॉ. गीता सराफ़, डॉ. संगीता धुर्वे, डॉ. जितेंद्र सेन, डॉ. संजली गुप्ता, डॉ. संस्तुति पांडे, श्रीमति अर्चना विश्वकर्मा एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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