कांग्रेस नेता के इशारे पर चल रही सरपंची

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सीईओ के अल्टीमेटम के बाद भी महिला सरपंच ने नहीं दिया सचिव को प्रभार

तीन माह से रूके खन्नौधी के विकास के पहिए

(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। पंचायती राज्य व्यवस्था की जिले में खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है, जनपद और जिला पंचायत में बैठे जिम्मेदार आंखे मूंदकर सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर वरिष्ठ कार्यालयों से वाह-वाही बटोर रहे हैं, जमीनी स्तर पर विकास के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार के द्वारा भेजी जा रही राशि किस कदर बंदर बांट हो रही है और जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण गोहपारू जनपद के खन्नौधी ग्राम पंचायत में देखा जा सकता है। कोरोना संक्रमण काल के कारण पंचायतों की चुनावों की तिथियां क्या बढ़ी, पंचायतों में बैठे सरपंच और अन्य पंचायती राज्य व्यवस्था के जनप्रतिनिधि खुद को भस्मासुर मानने लगे। अकेले ग्राम पंचायत खन्नौधी वर्तमान महिला सरपंच और तीन माह पहले तक सचिव रहे क्रमश: हीरालाल प्रजापति, रामकृपाल सिंह व बिसाहू सिंह गोंड के ऊपर 40 लाख से अधिक का भ्रष्टाचार शिकायत के बाद प्रमाणित हुआ था, मजे की बात तो यह है कि इसके बाद भी न तो वसूली हुई और न एफआईआर और तो और महिला सरपंच वहीं पदस्थ हैं और शासकीय राशि की होली बदस्तूर खेली जा रही है।
यह हो रहा तीन माह से
शासन द्वारा तीन माह पूर्व भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित होने के बाद तात्कालीन सचिव बिसाहू सिंह गोड़ को खन्नौधी से हटा दिया गया, महिला सरपंच के खिलाफ धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित की गई और दोनों से 40 लाख रूपये गबन की राशि वसूलने के आदेश हुए, महिला सरपंच उच्च न्यायालय से स्थगन लेकर आ गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उसके वित्तीय अधिकार नहीं छीने, जिस कारण सचिव तो हट गये, लेकिन नये सचिव के आने के बाद भ्रष्टाचार करने के रास्ते फिर साफ हो गये, किन्तु महिला सरपंच और उसे रबर स्टांप के रूप में इस्तेमाल करने वाले कांग्रेस नेता ओम प्रकाश मिश्रा उर्फ लल्लू के इशारे पर सचिव के न चलने के कारण उसे महिला सरपंच ने पंचायत का प्रभार ही नहीं दिलवाया।
नाम लल्लू पर चला रहे पंचायत
खन्नौधी पंचायत के वाशिंदे तथा जनपद में बैठे दर्जनों कर्मचारी और अधिकारी अर्से से इस बात के गवाह हैं कि खन्नौधी में भले ही सरपंच कोई भी रहा हो, लेकिन वहां चलती सिर्फ लल्लू की है, खुद महिला सरपंच इस संदर्भ में बड़ी बेबाकी से बताती भी हैं कि बिना लल्लू भईया के मैं कुछ नहीं करूंगी। लल्लू न तो गांव में पंच या किसी अन्य जनप्रतिनिधी वाले पद पर है, बल्कि बीते कई वर्षाे से वे कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता और संभवत: पार्टी में पदाधिकारी भी हैं।
सचिव को नोटिस, लल्लू का अडंगा
तीन माह पूर्व प्रशासन के द्वारा अवधेश कुशवाहा को ग्राम पंचायत खन्नौधी का प्रभार दिया गया था, लेकिन सरपंच द्वारा किये जा रहे असहयोग करने के कारण सचिव को वित्तीय प्रभार नहीं मिल पा रहा है, इस वजह से गांव का विकास भी रूका हुआ है, मजे की बात तो यह है कि जनपद पंचायत गोहपारू के सीईओ द्वारा बीते 10 सितम्बर को विभागीय पत्र क्रमांक 1245 के माध्यम से ग्राम पंचायत की कथित महिला प्रधान (सरपंच) को पंचायत का खाता संचालन कराने के संदर्भ में नोटिस दिया गया था, जिसमें जिला पंचायत के द्वारा भेजे गये पूर्व के पत्रों का भी हवाला भी दिया गया था। 10 सितम्बर के इस पत्र में सरपंच को तीन दिवस के अंदर खाता संचालन करने के आदेश दिये गये थे और न करने पर कार्यवाही का अल्टीमेटम भी दिया गया था, लेकिन लल्लू का अडंगा और महिला सरपंच की हठधर्मिता पूरे प्रशासन पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
इनका कहना है…
पंचायत में कार्य करने में मुझे जो दिक्कते आ रही हैं, उसकी जानकारी मैंने वरिष्ठ कार्यालय को दे दी है।
अवधेश कुशवाहा
सचिव, ग्राम पंचायत खन्नौधी
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मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं, जिस कागज में ओम प्रकाश मिश्रा उर्फ लल्लू हस्ताक्षर करने को कहते हैं, उसी में हस्ताक्षर करती हँू।
फूलबाई बैगा
सरपंच, ग्राम पंचायत खन्नौधी
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इस संबंध में जब मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गोहपारू से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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