सतगुरु की मेहर बरसी माधवधाम में हरे माधव के जयघोषों से गूंज उठा नगर
सतगुरु की मेहर बरसी माधवधाम में हरे माधव के जयघोषों से गूंज उठा नगर
कटनी।। माधवनगर की पावन धरा गुरुकृपा से सरोबार हो उठी, जब 9 अक्टूबर को सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी ने माधवनगर रेलवे स्टेशन पर दीप प्रज्वलित कर हरे माधव वर्सी पर्व का शुभारंभ किया। आरती, पुष्पवर्षा और भजन की मधुर गूंज के बीच जैसे ही दीपक की ज्योति प्रज्वलित हुई, पूरा वातावरण आध्यात्मिक आलोक में नहा उठा।
भव्य शोभायात्रा सतगुरु जी के पावन रथ के साथ हरे माधव दरबार से प्रारंभ हुई, जो मुख्य मार्गों से होती हुई हरे माधव सत्संग स्थल तक पहुंची। मार्ग में श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर सतगुरु जी का स्वागत किया। जहाँ तक दृष्टि जाती, श्रद्धा और प्रेम का समुद्र उमड़ पड़ा था। भक्तों के कंठ से निकले “हरे माधव… हरे माधव…” के जयघोष वातावरण में गूंज रहे थे। सुसज्जित रथ में विराजमान सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी ने सभी पर मेहर दृष्टि बरसाई। भक्ति भाव में डूबे सेवक नृत्य, डांडिया और “ईश्वरनादम् पथक” की संगीतमय ध्वनियों पर झूमते रहे। देश-विदेश से पहुँचे हज़ारों श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के दर्शन कर आत्मिक शांति का अनुभव किया। हरे माधव सत्संग स्थल पर पहुँचने के पश्चात सतगुरु जी को विशाल पंडाल में विराजमान कर भजन, कीर्तन और सत्संग की अमृतवर्षा आरंभ हुई। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर प्रेम और समर्पण में डूब गए। इस अवसर पर जीवनमुक्त सतगुरु साहिबानों की रुहानी लीलाओं की वीडियो प्रस्तुति ने सबका हृदय भक्ति से भर दिया। इस दो दिवसीय वर्सी पर्व के दौरान बाबा माधवशाह चिकित्सालय में विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया है, जहाँ सेवा ही साधना बन गई।
10 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे से सत्संग, भजन-कीर्तन और सतगुरु साई ईश्वरशाह साहिब जी की पावन अमृतवर्षा का आयोजन किया गया है, जिसके उपरांत विशाल लंगर से प्रेमरस की धारा बहाई जाएगी। वर्सी पर्व केवल स्मरण नहीं, बल्कि रुहानी जागरण का उत्सव है — जहाँ जीवनमुक्त सतगुरु साहिबानों की मेहर से जीव आत्मा अपने मूल स्वरूप की ओर अग्रसर होती है। जिस प्रकार सूर्य के उदय से अंधकार मिट जाता है, उसी प्रकार सतगुरु की कृपा से अज्ञान का तमस मिटकर परम प्रकाश की अनुभूति होती है।
हरे माधव वर्सी पर्व ने एक बार फिर यह सन्देश दिया —“सेवा, सत्संग, सिमरन और ध्यान ही वह मार्ग है, जो जीव को परमात्मा से अभेद कर देता है।