कोलकाता की अंतर्राष्ट्रीय कराटे चैम्पियनशिप में शहडोल की सौम्या विश्वकर्मा ने अर्जित किया कांस्य पदक

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सुधीर यादव (9407070722) 

शहडोल – जिले की प्रतिभा एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर चमकी है। सम्भाग के प्रतिष्ठित विद्यालय सेंट्रल एकेडमी हायर सेकेंडरी स्कूल, पुलिस लाइन, शहडोल की कक्षा 6वीं की छात्रा कुमारी सौम्या विश्वकर्मा ने कोलकाता में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कराटे चैम्पियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 वर्ष आयु वर्ग के ‘काता’ स्पर्धा में कांस्य पदक (ब्रॉन्ज मेडल) अर्जित किया है।

यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 25 जुलाई से 27 जुलाई 2025 तक नेताजी इंडोर स्टेडियम, ईडन गार्डन, कोलकाता में आयोजित की गई थी। इस अन्तर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 15 देशों के 8000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें भारत की ओर से चयनित टीम का हिस्सा बनी सौम्या ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का मान बढ़ाया।

सौम्या की इस सफलता का श्रेय उनके कोच अजय कुमार चौधरी को भी जाता है, जो ब्लैक बेल्ट 4थ डान, नेशनल रेफरी एवं जज हैं। उनके मार्गदर्शन एवं निरंतर प्रशिक्षण ने सौम्या को इस मुकाम तक पहुंचाया। सौम्या की कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और समर्पण ने उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूती से प्रस्तुत किया।

विद्यालय परिवार में इस गौरवमयी क्षण को लेकर हर्ष का माहौल है। विद्यालय के प्राचार्य श्री संजय मिश्र ने सौम्या की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारी छात्रा ने विद्यालय, परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। उसकी यह उपलब्धि अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।”

सौम्या की इस उपलब्धि पर विद्यालय के शिक्षकों डी०पी० मिश्र, के०व्ही०आर० मूर्ति, स्नेहाशीष राय, खलील खाँन, ज्ञानेन्द्र तिवारी, परशुराम पयासी, के०के० तिवारी, नीरज मिश्र, लियाकत खॉन, श्रीमती फरहत खॉन, सिमरनजीत कौर, कंचन, प्रीति कुर्रे, सेजल केशरवानी, एवं शैलजा शर्मा सहित समस्त विद्यालय परिवार ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सौम्या की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह जिले में खेल संस्कृति के विकास और विद्यालयी स्तर पर खेल प्रशिक्षण की गुणवत्ता को भी दर्शाती है। इस अवसर पर विद्यालय में विशेष सभा का आयोजन कर सौम्या को सम्मानित भी किया गया।

शहडोल जैसे छोटे शहर से निकलकर अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर कांस्य पदक जीतने वाली सौम्या विश्वकर्मा आने वाले समय में निःसंदेह देश का नाम और भी ऊँचाइयों तक पहुंचाएंगी। उनकी यह जीत यह साबित करती है कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और उचित मार्गदर्शन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।

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