घोटालों की जांच नहीं, सीएम हेल्प लाइन शिकायत मेें सजिस

ग्रामपंचायत पदाधिकारियों की कारश्तानियों का किया खुलासा
शहडोल। गोहपारू जनपद अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत देवरी नंबर 2 में पूर्व सरपंच, उपसरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा किए भारी भ्रष्टाचार की शिकायत सीएम हेल्प लाइन में एक ग्रामीण द्वारा की जाकर जांच की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक उस शिकायत में कोई निर्णय नही हुआ। इसके विपरीत प्रशासन का बिकाऊ अमला शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर बदल कर शिकायत बंद कराने की शाजिस रचा है। शिकायतकर्ता ग्रामीण का आरोप है कि मोबाइल नंबर परिवर्तित होने से संपर्क टूटने और किसी दूसरे से संपर्क होने पर शिकायत का पटाक्षेप सरलता से हो जाएगा। धनलोलुप अमला किसी भी हद तक गिर सकता है।
भ्रष्टाचार की जनसुनवाई में शिकायत
जनसुनवाई 5 जनवरी 2022 के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसकी जांच कार्यवाही जो अभी तक लंबित है। शिकायत में लेख था कि ग्रम पंचायत देवरी नं. 2 जनपद पंचायत गोहपारू के पूर्व सरपंच/उपसरपंच,सचिव व गाम रोजगार सहायक के व्दारा पंचायत अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्य कराये गये हंै। जिसमें भारी वित्तीय आनियमितता की गई है। साथ ही जो भी निर्माण कराये गये है वह गुणवत्ताविहीन घटिया मटेरियल का उपयोग कर किया गया है। जिसकी जांच कराई जाकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित आवश्यक कार्यवाही की जाए। पंचायत के अंदर सीसी रोड खेरमाता रोड जो सियाराम बैगा के घर के पास से गोड़ारू रोड से जोड़ी गयी है तथा उससे ही लगे एक अन्य केवट मोहल्ला रोड़ का तीन-चार साल पहले ही बनाया गया था, जो आज टूट-फूटकर लोगों के चलने-फिरने लायक नहीं बचा है। जिस पर भारी वित्तीय अनियमितता कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है। जिसे संबंधित सरपंच/उपसरपंच एवं सचिव व रोजगार सहायक से शासकीय राशि की वसूल कर पुन: पक्की रोड बनाये जाने की आवश्यकता है।
शासकीय योजनाओं में धांधली
भारत सरकार व्दारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक घरों में शौचालय का निर्माण करवाया गया हैं। वह ऐसी दयनीय स्थिति में बनाया गया है जो लोगों के शौच के लिए उपयोग लायक ही नहीं है। घटिया मटेरियल का उपयोग कर निर्माण कराया जाकर राशि बचाकर अपास में बंदर बाट कर हड़प लिया गया है। जिससे ग्रमीणजनों को शौचालय के लिए आज भी बाहर जाने को मजबूर हैं। यह कि सभी गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना लागू कर आवास बनायें जाने की पंचायत को जिम्मेदारी दी गई थी कि पात्र हितग्राहियों को आवास बनवाया जाए, जो आज भी गांव में गिने चुने लोगों को ही लाभ दिया गया है। ग्रामीण परेशान हैं।
प्रयास भी रुके पड़े
शेष लोगों को अभी तक न मिलने की कोई सर्वे करके या जानकारी शासन को नहीं भेजी गई है और न ही पात्र हितग्राहियों को आवास दिलाये जाने का कोई प्रयास किया जा रहा है। जिससे गरीब झुग्गी झोपड़ी व कच्चे मकानों में रहने को मजबर है। साथ ही शासन से पात्र हितग्राहियों के नाम से आवास आते ही पूर्व सरपंच/उपसरपंच, सचिव व रोजगार सहायक के व्दारा अपने चहेते लोगों के नाम से स्वीकति बताकर उनसे पैसा लेकर उनके आवास बना दिये गये है। मजदूरो को मनरेगा मजदूरी की राशि नहीं दिया गया है तथा आवास एक ही घर/परिवार के चार से पांच सदस्यों के नाम से अलग-अलग दिया गया है।
पशुशेड योजना में गड़बड़ी
शासन जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सरपंच, सचिव व ग्राम रोजगार सहायक के व्दारा प्रचार-प्रसार कर लोगो को नहीं बताया जाता है। जिससे शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का सही लाभ नहीं मिल पाता है। मध्य प्रदेश शासन की पशुशेड/बकराशेड योजना को पंचायत के पात्र हितग्राहियों को लाभ से वंचित रखा गया है और पूछने पर नहीं बताया जाता है कि पंचायत आन्तर्गत कितने पात्र हितगाहियों को लाभ दिया गयां हैं। जिसके सही जानकारी नहीं बताया जाता है। सूत्रो से पता चला है कि कई लीगों के नाम से पशुशेड/बकरीशेड स्वीकृत है, किन्तु आज तक सही जानकारी नहीं दिया जा रहा है कि कौन-कौन लोगों का स्वी$क ृत किया गया है तथा किन लोगों को इस योजना से वंचित भी रखा गया है। जिससे लोग अपने मवेशियों को खुले में व बाहर बांधते है। जहां तक पशुशेड/बकरीशेड में भी फर्जीवाड़ा किया जाना लग रहा है, जिसकी जांच कराये जाने की आवश्यकता है।