शहडोल सब्जी मंडी पर ठेला कारोबारियों का कब्जा, नागरिक और फुटकर व्यापारी परेशान

0

 

शहडोल से अनिल तिवारी की रिपोर्ट

शहडोल की सब्जी मंडी, जिसे नगर पालिका ने वर्षों पहले बाकायदा व्यवस्थित तरीके से चिन्हित कर बनाया था, आज अव्यवस्था और कब्जों का गढ़ बन चुकी है। नगर पालिका द्वारा बनाए गए शेड और बैठने की व्यवस्थाएं अब नाम मात्र को रह गई हैं। जिन छोटे व्यापारियों को यहां सब्जियां बेचने के लिए जगह उपलब्ध कराई जानी थी, वहां अब ठेला कारोबारी और थोक व्यापारी कब्जा जमाए बैठे हैं।

जानकारी के अनुसार, नगर पालिका द्वारा तैयार किए गए इस मंडी परिसर में 40 से 50 ठेले स्थायी तौर पर खड़े रहते हैं। इन्हें किराए पर चलाया जाता है और ठेला कारोबारी खुद भी इन्हीं से व्यापार करते हैं। सवाल यह उठता है कि जब ठेला किराए पर चलाने का कारोबार ही हो रहा है, तो इन्हें मंडी परिसर में रखने की क्या जरूरत है? इस पर आपत्ति करने वाले छोटे दुकानदारों को दबंगई और मारपीट की धमकी तक दी जाती है।

मंडी का हाल यह है कि जिन दुकानदारों को पहले छोटे भूखंड और स्टॉल दिए गए थे, उन्होंने समय के साथ पट्टे बनवा लिए और जगह को अपने निजी धंधे का अड्डा बना लिया। सब्जी बेचने की बजाय यहां जूते-चप्पल और अन्य कारोबार चलने लगे हैं। इससे फुटकर सब्जी व्यापारी, जिन्हें सरकार की ओर से व्यवस्था का लाभ मिलना चाहिए था, अब खुले मैदान और पानी भरे रास्तों पर बैठकर मजबूरी में सब्जियां बेच रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेला कारोबारी खुलेआम दावा करते हैं कि नगर पालिका के जिम्मेदार कर्मचारियों को वे हर महीने किराया देते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। यह आरोप मंडी में चल रही अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। हालात इस हद तक बिगड़ गए हैं कि अब नागरिक और खरीदार भी अंदर जाना पसंद नहीं करते और बाहर से ही सब्जियां खरीदने पर मजबूर हो गए हैं।

फुटकर व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल, सीएमओ अक्षत बुंदेला और उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ठेला कारोबारियों के कब्जे हटाकर मंडी को व्यवस्थित किया जाए, ताकि मूल उद्देश्य पूरा हो सके और छोटे सब्जी विक्रेता भी राहत महसूस कर सकें।

शहडोल की यह सब्जी मंडी, जो नगर पालिका की योजनाओं का हिस्सा थी, आज ठेला कारोबारियों की गुंडागर्दी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण अराजकता का केंद्र बन चुकी है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कब और कैसी कार्रवाई करता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed