श्रीजी प्लाजा ने की 50 लाख की धोखाधड़ी, मामला पहुंचा थाने

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बंधक मकान का जानकारी छुपाकर कर दिया 50 लाख मे सौदा

18 माह में देना था आवास, 5 साल बाद भी नहीं सौंपा
कोतवाली शहडोल में उपभोक्ता ने दी धोखाधड़ी की लिखित शिकायत

शासकीय कुक्कट प्रक्षेत्र के प्रबंधक व पशु चिकित्सक अपने पत्नी व मां के नाम पर कर रहे कारोबार का मामला कोतवाली पहुंचा है। श्रीजी प्लाजा के नाम पर क्रिएशन बिल्डर्स एण्ड कालोनाइजर के संचालकों पर महिला उपभोक्ता ने 50 लाख के धोखाधड़ी के आरोप लगाये हैं, साथ ही धोखे से बंधक मकान बेचने के मामले में भी कार्यवाही की मांग की है।

(सुनील मिश्रा) -9755476196

शहडोल। मुख्यालय के नये बस स्टैण्ड के पास रहने वाली महिला अर्चना केशरवानी पति दीनदयाल केशरवानी ने क्रिएशन बिल्डर्स एण्ड कालोनाइजर की दो महिला संचालकों, जिसमें श्रीमती गुलाब बाई एवं श्रीमती नलिनी सिंह शामिल हैं। इनके ऊपर धोखाधड़ी की नीयत से जानकारी छुपाते हुए बंधक मकान बेचने और 50 लाख की राशि हड़पने के आरोप लगाये हैं। गौरतलब है कि श्रीमती नलिनी सिंह शासकीय कुक्कट प्रक्षेत्र के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह की पत्नी हैं और श्रीमती गुलाब बाई शासकीय चिकित्सक डॉ. उमेश मिश्रा की मां हैं, दोनो शासकीय कर्मचारियों पर यह भी आरोप है कि विभाग से कमाई गई काले धन को उन्होंने इस कारोबार में परिजनों के नाम पर लगाया है, फिलहाल मामला कोतवाली पुलिस के पास है।

यह लिखा शिकायत में

शिकायतकर्ता ने कोतवाली प्रभारी को दी गई शिकायत में यह उल्लेख किया है कि ग्राम बलपुरवा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 17 ज.नं. 662 प.ह. नं. 76 रा.नि.मं. सोहागपुर नं. 1 तहसील सोहागपुर में स्थित आराजी खसरा नंबर 79/1 एवं खसरा नंबर 58/2 का जुज रकवा 80000 वर्गफिट अर्थात 7153 वर्गमीटर पर समूह आवासीय परिसर का निर्माण क्रियेनशन बिल्डर्स एण्ड कालोनाइजर्स द्वारा किया जा रहा है। जिसका कि श्रीमती गुलाब बाई मिश्रा विकासकर्ता है तथा नंदिनी सिंह क्रियेनशन बिल्डर्स एण्ड कालोनाइजर्स की डायरेक्टर है।

प्रायोजित थी धोखाधड़ी

शिकायतकर्ता ने बताया कि श्रीमती अर्चना केशरवानी द्वारा इस आवासीय परिसर में (रूबी विला क्र. 3) जिसका प्लाट एरिया 25&55 1/2=1380 वर्गफिट तथा 2196 वर्गफिट  है, जो कि खसरा नंबर 79/1 में स्थित है, क्रय करने का मौखिक अनुबंध एवं शर्ताे के अनधीन फरवरी 2016 में 60,51,000 रूपये में किया गया था तथा एडवांस 51000 राशि अदा की गई थी, उसी समय लिखित अनुबंध  पत्र का निष्पादन किया जाना था, किन्तु श्रीमती गुलाब बाई व नंदिनी सिंह द्वारा लिखित अनुबंध में हीला-हवाली व टाल मटोल किया जाने लगा। बड़ी मशक्कत के बाद अनुबंध 7 मई 2016 को ई पंजीयन के माध्यम से किया गया था। इस तरह शुरू से ही बदनीयती की जा रही थी।

बंधक मकान दिया बेच

शिकायतकर्ता ने कहा कि विक्रय अनुबंध किया गया, मकान पूर्व से ही नगर पालिका परिषद में बंधक था, जिसकी जानकारी छिपाते हुए फरियादी के साथ श्रीमती गुलाब बाई व नंदिनी सिंह के द्वारा विक्रय अनुबंध पत्र का निष्पादन छल व कपट पूर्वक कराया गया, जो पूर्व से ही गंभीर अपराध है। उक्त अनुबंध के शर्तों के अनुसार उपरोक्त मकान का निर्माण आपको 18 माह के अंदर कम्पलीट करके उसका स्वामित्व श्रीमती अर्चना केशरवानी को सौंपा था।

बीते 5 साल, नहीं मिला मकान

कालोनी के संचालकों के द्वारा अनुबंध दिनांक से अभी तक लगभग 5 वर्ष हो रहे हैं, किन्तु उक्त लोगों के द्वारा मकान का निर्माण कर फरियादी को नहीं सौंपा गया। जबकि अनुबंध के शर्तों के अनुसार श्रीमती अर्चना केशरवानी के द्वारा अभी तक पचास लाख अठासी हजार छ: सौ रूपये अनुबंध के शर्तों के आधार से किया जा चुका है।

निर्माण में भी मनमानी

श्रीमती गुलाब बाई एवं श्रीमती नलिनी सिंह के द्वारा अनुबंध के शर्तों के अनुसार जो सामग्रियां उक्त मकान में लगाने हेतु तय हुई थी, वह भी उक्त मकान में नही लगाई गई, बल्कि उससे हल्के व घटिया क्वालिटी की सामग्री उक्त मकान में लगाई गई है तथा वर्तमान में भी लगाई जा रही थी। विक्रय अनुबंधित जमीन बंधक के कारण फरियादिया को बैंक लोन प्राप्त नहीं हो सका है। श्रीमती अर्चना केशरवानी के पति व्यवसायी है तथा उनके द्वारा अपने व्यापार से उक्त राशि निकालकर अनुबंध के शर्तों को पूरा करने श्रीमती गुलाब बाई एवं श्रीमती नलिनी सिंह को अदा किया गया, किन्तु आज दिनांक तक उक्त मकान का निर्माण कर श्रीमती अर्चना केशरवानी को नहीं सौंपा गया, जिससे श्रीमती अर्चना केशरवानी के पति के व्यापार में भी काफी क्षतियां हुई तथा आज दिनांक तक उक्त मकान प्राप्त न होने से मानसिक, आर्थिक एवं व्यापारिक क्षतियों का भी सामना करना पड़ा।

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