साहब….गुड्डू है कि मानता नहीं: गुरूदीन

(अनिल तिवारी+7000362359)
शहडोल। अरबपतियों की सूची में शुमार युवा कारोबारी गुड्डू उर्फ प्रकाश रस्तोगी के खिलाफ 75 वर्षीय गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गुरूदीन शर्मा ने मानसिक प्रताडऩा के आरोप लगाये और गुरूवार को कलेक्टर और एसपी को पत्र सौंपकर आज शुक्रवार 23 जुलाई को जमुआ एनएच-43 स्थित गृह ग्राम में आत्मदाह करने की सूचना दी। गुरूवार को संयुक्त रूप से दोनों अधिकारियों को लिखे गये पत्र में गुरूदीन ने यह उल्लेख किया कि वह गुड्डू उर्फ प्रकाश रस्तोगी पिता रामेश्वर प्रसाद रस्तोगी शहडोल तथा राम प्रसाद बैगा, राम गोपाल, कस्तूरी बाई, सादिक खान व कमलेश सिंह गोड़ से त्रस्त हो चुका है।
उसने न्याय के लिए नीचे से लेकर उच्च न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाया, जहां से उसे अवैध निर्माण व कब्जे के खिलाफ स्थगन भी मिला, लेकिन गुड्डू के रसूख के कारण तहसीलदार ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को किनारे करते हुए निर्माण की अनुमति दे दी। मैं गुरूदीन शर्मा इन लोगों से त्रस्त हो चुका हँू, अब मुझे धमकियां व लालच दी जा रही है, मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, जिस कारण मैं शुक्रवार को इन सबसे त्रस्त होकर आत्मदाह करूंगा।
यह थे न्यायालय के आदेश
गुरूदीन ने गुरूवार को कलेक्टर और एसपी को दिये गये पत्र में भी इन तथ्यों का हवाला दिया कि उसके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में इस मामले में रिटपिटीसन नंबर डब्ल्यूपी 26300/2019 में न्याय मांगा था, जिसकी सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने 17 फरवरी 2020 को सुनवाई के उपरांत इस मामले में दिये गये अंतरिम आदेश में यह स्पष्ट किया कि उक्त भू-खण्ड पर यथास्थिति बनी रहे, इस संदर्भ में दूसरे पक्ष को आगे कर गुड्डू रस्तोगी ने तहसील न्यायालय में आवेदन दिया, अचरज की बात है कि हाईकोर्ट के स्थगन को तहसील न्यायालय ने किनारे कर दिया और 7 अप्रैल 2021 को पटवारी के प्रतिवेदन को आधार तथा समाचार पत्र में इश्तेहार प्रकाशित कर किसी के उपस्थित न होने को बिन्दु बनाते हुए आदेश जारी करते हुए निर्माण की अनुमति दे दी।
चौकीदारी को बनाया करोड़पति
कमलेश सिंह गोड़ से गुड्डू का कनेक्शन क्या है, कमलेश के संदर्भ में बताया गया कि वह ग्रीन सिटी में चौकीदार है। तो सवाल यह उठता है कि उसके पास करोड़ों रूपये जमीन खरीदने के लिए कहां से आये, आरोप तो यह भी है कि अकेला कमलेश ही नहीं, जिसके नाम पर गुड्डू ने सीमेंट की कालाबाजारी व प्रापर्टी का हेरफेर कर कमाये गये काले धन से दर्जनों स्थानों पर बेनामी संपत्ति खरीदी हुई है।