साहब व्हीसी में, चालक वाहन के एसी में

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शहडोल। भले ही केंद्र सरकार ने देश भर से सरकारी वाहनों से वीआईपी कल्चर समाप्त कर दिया हो परंतु सरकारी वाहनों का अभी भी धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। हैरानी की बात है कि यह दुरुपयोग कोई और नहीं बल्कि विभिन्न विभागों के सरकारी वाहनों के चालक कर रहे हैं। हालात यह है कि इस तरह के दुरुपयोग से जहां सरकारी नियमो की धज्जियां उड़ा रही है, वही सरकार को लाखों रुपए के पेट्रोल व डीजल का भी प्रतिदिन चूना लग रहा है। गुरूवार को कलेक्टर कार्यालय में व्हीसी के दौरान जिले के तमाम विभागों के अधिकारियों का आना हुआ, सबसे मजे की बात तो यह है चंद कदमों की दूरी पर भी कार्यालय होने के बावजूद अधिकारी रौब गाढ़ने के लिए वाहनों से कलेक्टर कार्यालय आते है, आरईएस विभाग के कार्यपालन यंत्री एच.आर.कोष्ठी का वाहन एमपी 18 सीए 6210 भी व्हीसी में पहुंचा, साहब व्हीसी में चले गये, संभवतः साहब वातानुकूलित वाहन का तापमान ने बिगड़े इसके लिए वाहन चालक को सख्त हिदायत देकर गये, साहब वाहन में न रहने के बावजूद वाहन चालक ने वाहन का तापमान सामान्य बनाये रखने के लिए साहब के व्हीसी में रहने के दौरान वाहन चालू कर वातानुकूलित वाहन का जमकर लुफ्त उठाया।

सब कर रहे सरकारी पैसे पर एैश
लगभग सरकारी वाहन न तो रात को अधिकारी के कार्यलय में रहते है न ही उनके घर पर। यह वाहन ड्राइवरों के आवास पर उनकी शान बढ़ाते है। इससे प्रतिदिन लाखों का नुकसान सरकारी खजाने में हो रहा है। यही नहीं इन सरकारी वाहनों में सुबह शाम अधिकारी के बच्चे व बीवियां घूमती नजर आती, इसके अलावा जो समय बच जाता है उस समय ड्राइवरों के बच्चे व बीवियां शासन के पैसों को चूना लगा रहे है। जानकारी के मुताबिक लोग भी इस बात से काफी खफा है कि एक और तो सरकार वीआईपी कल्चर समाप्त कर रही है, वहीं दूसरी और सरकारी वाहनों के दुरुपयोग पर कोई लगाम नहीं लग रही है। अधिकारियों के ड्राइवर धड़ल्ले से ड्यूटी के बाद सरकारी वाहनों में अपने आवास पर पहुंचा कर मजे कर रहे है। यदि समय रहते इस प्रक्रिया पर रोक नहीं लगी तो सरकारी नियमों को लागू करने का भी कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।

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