देश के बड़े मंचों पर लाइव परफारमेन्स का कौशल

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शहडोल। म.प्र. लोकसेवा आयोग से वर्ष 1994 में म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग में चयनित पंडित एस.एन. शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल के स्पोर्ट्स ऑफीसर एवं डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन डॉ. आदर्श तिवारी की संस्कृतिक गतिविधियों में विशेष रूचि है, छात्र जीवन से ही आप सक्रिय रहे। टी.वी. पर आपके कई शो प्रसारित हुए। आज भी आपकी रूचि सक्रिय है और देश के बड़े मंचों पर आप लाइव परफारमेन्स करते हैं। सिंगिंग, कामेडी एवं एंकरिंग में आपको समान रुप से महारत हासिल है। कई अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सेमीनारों में विषय विशेषज्ञ के रूप में आपकी सहभागिता रही है। अभी हाल ही में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया में आपको नेशनल अनाउंसर के लिए चयनित किया गया है।
शारीरिक शिक्षा एवं योग
कटनी में सेवानिवृत्त रेलवे स्टेशन प्रबंधक श्याम सुन्दर तिवारी एवं रेलवे स्कूल से रिटायर्ड अध्यापिका श्रीमती इंदिरा तिवारी के घर में जन्में तथा बी.एस.सी., बी.पी.एड, एम.पी.एड व पीएचडी तक की शिक्षा प्रापत डॉ. आदर्श तिवारी ने इस आदिवासी अंचल में पंडित एस.एन.शुक्ल विश्वविद्यालय में शारीरिक शिक्षा एवं योग के पाठ्यक्रम प्रारंभ की है, जिसके अन्तर्गत बेचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स एवं पी.जी. डिप्लोमा इन यौगिक साइंस के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। अगले सत्र से मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोटर््स एवं योग विषय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश तिवारी के मार्गदर्शन में एम.ए. एवं एम.एस.सी.पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की तैयारी चल रही है।
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी
सहज, सरल, मृदुभाषी डॉ.आदर्श तिवारी की मेहनत से उनके विभाग के लगभग 100 से अधिक विद्यार्थी शासकीय सेवाओं में कार्यरत हैं, जिनमें पुलिस, वन सेवा, रेलवे, एयरफोर्स एवं सेना में चयनित छात्र-छात्राएं शामिल हैं। कई राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी आपके विभाग की पहचान हैं, जो समूचे शहडोल संभाग को गौरवान्वित कर रहे हैं। आपने शारीरिक शिक्षा एवं खेल पर तीन पुस्तकें भी लिखी हैं।
एथलेटिक्स एवं फुटबाल प्रिय खेल
छात्र जीवन में पढ़ाई, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में डॉ. आदर्श तिवारी ने समान रूप से नियोजित किया है। जीवन के लक्ष्य के प्रति पूर्णत: अनुशासित एवं दृढ़ संकल्पि डॉ. तिवारी के प्रिय खेल एथलेटिक्स तथा फुटबाल रहे। साथ ही आपने छात्र जीवन में उच्च स्तरीय युवा उत्सव प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया।
कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता
डॉ. आदर्श तिवारी का मानना है कि ईश्वर ने हमें मानव रूप में इस पृथ्वी पर भेजा है तो हमारा जीवन मानवीयता से परिपूर्ण होना चाहिए। दया, करूणा, सहयोग, प्रेम, ममता का भाव हमारे मन में होना चाहिए। हम सभी जीवन के इस रंगमंच पर एक किरदार के रूप में जन्म लेते हैं तो उस किरदार को पूरे अनुशासित रूप से परिश्रम के द्वारा जीना चाहिए। हमारे विद्यार्थी राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति हैं और अपने माता-पिता की आशाएं भी हैं, उन्हें अपना महत्व समझना चाहिए तथा अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करना चाहिए। कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, बस संकल्प और इच्छा शक्ति प्रबल होनी चाहिए। हमारे युवा जब परिपूर्ण होंगे तब एक सजग राष्ट्र की स्थापना होगी।
विन्ध्य गौरव सम्मान
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा वर्ष 2018 में शारीरिक एवं क्रीड़ा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के परिप्रेक्ष्य में डॉ. आदर्श तिवारी को विन्ध्य गौरव सम्मान से नवाजा गया था। आप अपने घर पर लगभग 12 वर्षों से कुछ आदिवासी बच्चों को रखकर पढ़ाते-लिखाते हैं, जिसमें आपकी धर्मपत्नी एवं महर्षि विद्या मंदिर की प्राचार्य डॉ. श्रीमती भावना तिवारी विशेष रूचि लेती हैं। इन्हीं बच्चों में से कुछ बच्चे शासकीय सेवाओं के लिए चयनित हुए हैं।

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