तो क्या वंशिका ने प्रतिबंधित क्षेत्र में उतार दी मशीन

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निर्धारित स्थल से हटकर हो रहा रेत का उत्खनन

प्रशासन की चुप्पी ने बढ़ाये कारोबारी के हौसले

(सुनील मिश्रा) -9755476196

शहडोल। 63 करोड़ की 52 खदानों का काम लेने वाली वंशिका कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की मनमानी के आगे प्रशासन ने शायद घुटने टेक दिये हैं। यही वजह है कि प्रशासनिक मैनेजमेंट के बाद अब कंपनी के कारिंदे स्थानीय जनप्रतिनिधियों को खुलेआम कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं। दूसरी तरफ खनिज व कलेक्टर कार्यालय की कृपा पर निर्धारित स्थलों को छोड़कर, जहां से चाहें वहां से उत्खनन की राह पर काम हो रहा है। ब्यौहारी क्षेत्र अंतर्गत बनास नदी पर कंपनी ने आवंटित स्थल छोड़कर दूसरे स्थान से उत्खनन करना शुरू कर दिया है। यहीं स्थिति पोड़ी में भी है। अचरज तो इस बात का है कि न तो खनिज अधिकारी, न किसी मातहत और न ही किसी अन्य प्रशासनिक अधिकारी ने माह भर से लगातार शिकायतों के बाद भी इस क्षेत्र का निरीक्षण नहीं किया।

गुलदस्ते से ज्यादा कुछ नहीं

वंशिका कंस्ट्रक्शन के श्रीकांत चतुर्वेदी ने बताया कि हमें 27 लाख हर दिन चाहिए, 63 करोड़ की खदान ली है, बाजार में मंदी है, पैसा कहां से लाये, बमुश्किल 7 लाख रूपये प्रतिदिन आ रहा है। नदियों का क्या है, छलनी हो जायेगी तो, बरसात में फिर भर जायेंगी। 52 खदानें थी, जिसमें से 18 की ईटीपी जनरेट है। चल सिर्फ बोड्डिहा और पोंडी की खदान रही है, विधायक, सांसद, पत्रकार, नेता सभी को अपनी फिक्र हैं, लेकिन कंपनी की नहीं। हमने तो, विधायक व सांसद से स्पष्ट कहा है कि हम भेंट में सिर्फ गुलदस्ता दे सकते हैं और कुछ नहीं। चाहें तो अनशन में बैठ जाये, हम गुलदस्ते से ज्यादा और कुछ भेंट नहीं कर पायेंगे।

हो रहा अवैध उत्खनन

वंशिका कंस्ट्रक्शन के द्वारा बोड्डिहा और पोड़ी खदान की ईटीपी इन दिनों काटी जा रही है, लेकिन रेत नीलामी वाले निर्धारित स्थल से नहीं निकाली जा रही है। ब्यौहारी के बोड्डिहा नामक स्थान पर बनास नदी में 4.22 हेक्टेयर की खदान स्वीकृत हुई थी, शुरूआती महीनों में ही विशालकाय मशीनें और हाईवा नदी में उतारकर पूरी रेत छान ली गई। बीते डेढ़ माह से नदी के दूसरे तरफ, बायोस्फियर रिजर्व एरिया में मशीने उतारकर रेत निकाली जा रही है। इसी तरह पोड़ी स्थित सोन नदी के आवंटित रेत खदान स्थल से भी पूरी रेत निकाली जा चुकी है और अब चरकवाह नामक स्थान से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

रूकी कार्यवाही की फाइल

खनिज कार्यालय से जुड़े सूत्रों पर यकीन करें तो, बीते माह बोड्डिहा में निर्धारित स्थल से हटकर आगे की ओर अवैध उत्खनन करने की शिकायत मिली थी। हम मौके पर भी गये थे और केश भी बनाया था, यही स्थिति चरकवाह में भी मिली थी, यह भी बात सामने आई कि खनिज निरीक्षक ने मौके पर निर्धारित स्थल से हटकर उत्खनन करना पाया और इसके बाद करीब डेढ़ करोड़ रूपये के अवैध उत्खनन के मामले की फाईल भी चली, लेकिन शायद कलेक्टर की टेबिल पर जाकर फाईल वहीं रूक गई।

शिकायतों पर गंभीर नहीं

बीते लगभग एक से डेढ़ माह से न तो खनिज निरीक्षक प्रभात कुमार पट्टा और न ही खनिज अधिकारी सुश्री फरहत जहां व अन्य मातहतों ने बोड्डिहा और चरकवाह में लगातार चल रहे अवैध उत्खनन का न तो निरीक्षण किया और न ही लगातार आ रही शिकायतों को गंभीरता से लिया। जिस कारण वंशिका कंस्ट्रक्शन के मुरारी व श्रीकांत चतुर्वेदी जैसे कारिंदे खादी के संरक्षण में बेलगाम हो चले हैं।

पर्दे के पीछे कारोबारी कौन

इस पूरे मामले में कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह की चुप्पी भी जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है, वंशिका ने तो, शहडोल क्षेत्र के भाजपा नेताओं को मैनेज कर लिया और उनके ऊपर ब्यौहारी व सीधी के विधायक व सांसद की नाराजगी कोई असर नहीं डाल पा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार ने जिन्हें जिले की जिम्मेदारी सौंपी है, जिनके मातहत खनिज विभाग का बड़ा अमला काम कर रहा है, कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह की इस मामले में चुप्पी बड़ा सवाल खड़ा करती है । यही नहीं गाहे-बगाहें कलेक्टर का सतना व मैहर कनेक्शन और पर्दे के पीछे कारोबार से जुड़े होने की चर्चा भी अब हर दूसरे की जुबान पर होने लगी है।

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