…तो 27 प्रतिशत में ही शामिल है नकली ओबीसी 

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पिछड़ों के हक पर डाका डालने की तैयारी में भाजपा 
 आगामी 8 अगस्त को जिले के चारों निकायों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव होने हैं, प्रशासन ने अधिकारी नियुक्त कर तैयारियां शुरू कर दी है, वहीं कांग्रेस और भाजपा ने भी इस मामले में अपना झण्डा फहराने के लिए पर्यवेक्षकों को तैनात कर दिया है, 3 परिषद और 1 एक पालिका के चुनावों में सबसे ज्यादा धनपुरी और ब्यौहारी की चर्चाएं सरगर्म हैं।
शहडोल। बकहो, धनपुरी, ब्यौहारी और खांड निकाय के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित हो जाने के बाद अब राजनैतिक दल और निर्दलीय ज्यादा सक्रिय हो गये हैं, खांड के निर्दलीय और भाजपा के कुछ पार्षदों को भाजपा के ब्यौहारी और बुढ़ार में बैठे नेताओं के द्वारा भोपाल में परेड कराने की जानकारियां सामने आ रही है, वहीं ब्यौहारी के भी भाजपाईयों का जत्था इस गुट में शामिल रहा, बकहो में बहुमत के बाद भी भाजपा जिलाध्यक्ष पर ठाकुरवाद के आरोपों के कारण अब यहां पार्टी फूंक-फूंककर कदम रख रही है, धनपुरी में भले ही भाजपा बहुमत से काफी पीछे रही, लेकिन यहां भी जोड़-तोड़ के दम पर तीसरी बार भाजपा की परिषद बनाने की तैयारियां हो रही हैं, हालाकि धनपुरी में असली और नकली पिछड़ा वर्ग को लेकर पार्षदों और आमजनों में भाजपा की किरकिरी हो रही है।
…तो 27 प्रतिशत में कौन-कौन शामिल
धनपुरी में इस बार अध्यक्ष की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है, रोस्टर पद्धति के तहत इस बार यदि भाजपा मूल पिछड़ा जाति के लोगों को तरजीह नहीं देती तो, अगली बार उन्हें 20 साल बाद मौका मिलेगा, धनपुरी के चौक-चौराहों पर भाजपा के समर्थन में आमजन नजर तो आते हैं, लेकिन यह चर्चा भी चल रही है कि आखिर 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग में किस-किस जाति के लोग शामिल है। यह भी चर्चा का विषय है कि भाजपा न तो वंशवाद और न ही परिवारवाद पर विश्वास रखती है, छत्तीसगढ़ के सिरगिट्टी नगर परिषद में हुए चुनावों के बाद सिख समाज के चुने गये अध्यक्ष पर असली और नकली पिछड़ा वर्ग के आरोप लगे थे और यह मामला माननीय उच्च न्यायालय तक पहुंचने के बाद, वहां से हुए फैसले के चलते सरदार सतनाम सिंह खनूजा को जीती हुई कुर्सी छोडऩी पड़ी थी।
नये चेहरों पर लग सकता है दांव 
शहडोल सहित पड़ोस के जिलों में भी निकायों में चुनाव के दौरान भाजपा ने हर बार नये चेहरों को न सिर्फ मौका दिया, बल्कि बहुमत और जीत स्पष्ट होने के बाद भी शहडोल में श्रीमती सत्यभामा गुप्ता के बाद, प्रकाश जगवानी और श्रीमती उर्मिला कटारे को आगे किया गया। धनपुरी में भी हंसराज तनवर के निर्विवाद कार्यकाल के बावजूद पार्टी ने अगले पंचवर्षीय के लिए श्रीमती रविन्दर कौर छाबड़ा को चुना था, पड़ोस के अनूपपुर जिले में भाजपा के रणनीतिकारों की ही देन थी कि कोतमा में भाजपा के दिग्गज नेता स्व. राजेश सोनी के शानदार कार्यकाल के बावजूद पार्टी ने नवोदित नेता श्रीमती मोहनी वर्मा को आगे किया, वहीं बिजुरी में पूर्व विधायक व जिलाध्यक्ष दिलीप जायसवाल की पत्नी श्रीमती अर्चना जायसवाल के बाद की पंचवर्षीय में विधायक जयसिंह मरावी की बहू मालती सिंह को आगे किया और फिर इसके बाद इन दोनों को दोबारा मौका न देकर आरएसएस खेमे से युवा पुरूषोत्तम सिंह पर दांव खेला और परिषद की कुर्सी उसे सौंप दी, ऐसे में धनपुरी में पुराने और विवादित चेहरों को किनारे करके संगठन यदि नये पर दांव लगाता है तो, आगे के रास्ते भी भाजपा के लिए साफ होंगे।
गुटबाजी में उलझी विधायक 
आगामी 8 अगस्त को धनपुरी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव होने हैं, इधर बुढ़ार व शहडोल निकाय के लिए भी संभवत: इसी माह के दूसरे पखवाड़े में वार्डाे का आरक्षण भी किया जायेगा, इसके बाद बुढ़ार और शहडोल के चुनाव की सरगर्मी भी तेज हो जायेगी, जिले की जयसिंहनगर और ब्यौहारी क्षेत्र के भाजपा विधायक को अपनी रणनीति में सफल नजर आ रहे हैं, लेकिन जैतपुर विधायक गुटबाजी में उलझ कर भाजपा के जनाधार को कम करती नजर आ रही है, यही कारण रहा कि जनपद चुनाव पार्टी हार गई, धनपुरी में भी 28 में से 9 सीटें मिली, बकहो का झगड़ा सुलझाने के लिए जिलाध्यक्ष को आगे आना पड़ा, यही स्थिति रही तो, धनपुरी की गुटबाजी बुढ़ार और जैतपुर विधानसभा चुनावों पर भी असर डालेगी। पार्टी ने वैसे ही नये और निर्विवादित चेहरों पर हमेशा से भरोसा किया है।
निर्वाचन के लिए अधिकारी नियुक्त
नगरीय निकाय के निर्वाचन के पश्चात अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन सम्मिलियन किया जाना है। सम्मिलियन की अध्यक्षता के लिए नगरीय निकायवार कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती वंदना वैद्य अधिकारियों की नियुक्त की है। जारी आदेश के अनुसार नगरीय निकाय धनपुरी के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर श्रीमती प्रगति वर्मा एवं  दीपक पटेल नायब तहसीलदार बुढार को 8 अगस्त 2022 प्रात: 10:30 बजे से नगरपालिका परिषद धनपुरी निर्वाचन सम्मिलियन के लिए प्राधिकृत किया गया है। पहले चरण में अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा और फिर दोपहर 2 बजे से उपाध्यक्ष के लिए प्रक्रिया शुरू होगी, अन्य निकायों में भी इसी तरह निर्वाचन प्रक्रिया होगी।

( मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी जातियां

 आती हैं 27% आरक्षण के अंतर्गत

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