तो क्या रोजगार सहायक करा रहा पशु तस्करी…..!

बंद पड़े बाजार की रोजगार सहायक काट रहा रसीद
शहडोल। जनपद पंचायत बुढ़ार के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत केशवाही में पशु बाजार लगा करता था, लेकिन कोरोना काल के चलते बाजार लगाने पर शासन ने प्रतिबंध लगाया है, पदस्थ रोजगार सहायक पशु तस्करों के अवैध कारोबार में ढाल बनकर चंद रूपयों के खातिर बेजुबान जानवरों को कत्लगाह तक पहुंचाने का काम कर रहा है। पशु तस्करी का नेटवर्क केशवाही, जैतपुर, कोतमा, लहसुई, गोहपारू, जयसिंहनगर, ब्यौहारी-देवलोंद होते हुए रीवा से उत्तरप्रदेश तक है, सप्ताह भर में जिले के थानों में पशु तस्करी से जुड़े मामले सामने आते हैं, काम का पैतरा बदल चुके तस्करों ने इस बार नया तरीका अपनाया है, केशवाही बंद पड़े बाजार की चंद रूपयो में रसीद रोजगार सहायक से लेने के बाद अवैध कारोबार को वैध कर लेते हैं।
अवैध कारोबार हो रहा वैध
अक्सर जब पशु तस्करी के वाहन या मवेशी पकड़े जाते हैं तो, खरीदी बिक्री की रसीद और पंचायत में जमा की गई राशि तस्करों के लिए ढाल बन जाती है, अगर पुलिस मामला कायम भी करती है तो, अदालत में तस्करों को आसानी से छूटने में रसीद काम आ जाती है, कुल मिलाकर पशु तस्करी के इस अवैध कारोबार में जितने दोषी तस्कर है, उतना ही कथित रोजगार सहायक भी है, जो कि अवैध कारोबार को वैध कर देता है।
कौन है शैलेन्द्र का अर्जुन
बताया गया है कि कथित रोजगार सहायक को इस पूरे कारोबार में सत्ताधारी दल के अर्जुन नामक नेता की ढाल का कमाल मिला हुआ है, जिसके चलते वह तस्करों के लिए बंद बाजार की रसीद काट रहा है, सत्ताधारी दल के नेता का संरक्षण होने के चलते कथित रोजगार सहायक के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं हो पा रही है।
इनका कहना है…
मेरे द्वारा रसीद काटकर शासन के खजाने में राशि जमा की गई है, इसमें मेरे द्वारा कोई गलती नहीं की गई, हां बाजार बस बंद है।
शैलेन्द्र तिवारी
रोजगार सहायक, केशवाही