फर्जी भर्तियों से रोशन हो रहा सोहागपुर एरिया
1988 में खरसिया चुनाव प्रचार के तोहफे में मिला था दर्जनों को
पद
नौकरी के साथ संबंधों की आड़ में बने सप्लायर
फोटो क्रमांक-01,02,03
(संतोष टंडन)
शहडोल। साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड के अकेले सोहागपुर एरिया में बीते कुछ वर्षाे से लगातार ऐसे नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने अपना पूरा सेवाकाल कहीं दूसरे के नाम पर नौकरी करके काट दिया, इस सूची में ऐसे भी नाम शामिल हैं, जिन्होंने खुद ही अंकसूची निर्मित कर नौकरी का काल बढ़ाने के लिए कूट रचना कर दी। ऐसे दर्जनों कर्मचारियों पर बीते एक दशक के दौरान कोल इंडिया ने लगातार कार्यवाहियां की हैं, इसी क्रम में शारदा खुली खदान में पदस्थ तकनीकी निरीक्षक रोशन लाल तोंदी पर आरोप लगे हैं कि उनके साथ दर्जन भर अन्य कर्मचारियों को पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता स्व. अर्जुन सिंह के 1988 में हुए खरसिया चुनाव के दौरान प्रचार करने के तोहफे के रूप में बिना किसी प्रक्रिया के कोल इंडिया में पदों से नवाजा गया था, हालाकि पूरा मामला जांच का विषय है, इस मामले में खुद रोशन लाल तोंदी कहते हैं कि उनकी नियुक्ति पूरी प्रक्रिया के साथ हुई थी, वहीं इस संदर्भ में सोहागपुर एरिया सहित एसईसीएल से लेकर कोल इंडिया मुख्यालय तक जांच के लिए शिकायतों का दौर शुरू हो चुका है।
इस तरह तोंदी हुए रौशन
रोशन लाल तोंदी के नियुक्ति के संदर्भ में जिन तथ्यों को शिकायत में समाहित किया गया है, उन पर यकीन करें तो, वर्ष 1988 के आस-पास संयुक्त मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के खरसिया में हुए उपचुनाव के दौरान जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने भाजपा के दिलीप सिंह जुदेव को 8 हजार मतों से पराजित किया तो, तत्कालीन मुख्यमंत्री के चुनाव की अगुवाई करने वाले 23 युवा नेता बाद में विधायक बने, तो उनका प्रचार करने गये बुढ़ार क्षेत्र के दर्जन भर युवाओं को तोहफे में केन्द्र सरकार की नौकरियों से नवाजा गया, खबर तो यह भी है कि रौशन लाल तोंदी प्रचार में नहीं गये थे, लेकिन जब प्रचार करने वाले युवाओं की सूची बन रही थी तो, रमन राव नाम के परिचित के माध्यम से रौशन का नाम उसमें शामिल हो गया, यहीं से कोल इंडिया का सेवाकाल शुरू हुआ।
बिना भर्ती निकले मिला पद
कोल इंडिया से जुड़े सूत्रों पर यकीन करें तो, उस समय रौशन लाल तोंदी बायो से एमएससी की योग्यता रखते थे, संभवत: नौकरी की चाहत में रोजगार कार्यालय सहित अन्य जगह आवेदन भी किया हुआ था, रौशन सहित दर्जन भर अन्य युवाओं की नियुक्ति बिना कोई भर्ती निकले ”सारे नियमों को शिथिल करते हुएÓÓ वाक्यांश के आधार पर की गई। हालाकि इस संदर्भ में रौशन पूरे आरोपों का खण्डन करते हैं, उनका कहना है कि उन्होंने बीएससी नेट से पढ़ाई की थी, कोल इंडिया में पदों का सृजन हुआ था, उन्होंने आवेदन के बाद परीक्षा, साक्षात्कार आदि प्रक्रिया से होकर नौकरी पाई है। बहरहाल पूरा मामला क्या है, यह तो, जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।
रोड सेल के साथ दुकान हो रही रौशन
वर्तमान में रौशन लाल तोंदी एसईसीएल के सोहागपुर एरिया की शारदा खुली खदान में रोड सेल के साथ ही कोयले के डीओ, कांटा घर, कोयले की छटाई और धनपुरी ओसीएम की तर्ज पर कोयले का हेरफेर सबकुछ इन्हीं की निगरानी में हो रहा है, बीते कुछ वर्षाे के दौरान जब सोहागपुर एरिया में तकनीकी निरीक्षक के पद पर पदस्थ उमर्लिया, पटेल जैसे तकनीकी निरीक्षक और जंदानी, बैनर्जी जैसे एरिया सेल्स अधिकारियों की सेवानिवृत्ति हुई है, दूसरी तरफ शारदा ओसीएम की लंबे समय तक जिम्मेदारी सम्हाले जगबंदन जैसे नाम बाहर हुए हैं। शारदा से लेकर एरिया तक तोंदी पूरी तरह से रौशन नजर आ रहे है, इतना ही नहीं फर्जी नियुक्ति के खुलासे के बाद कार्यवाही या फिर सेवानिवृत्ति के बाद का भी जुगाड़ रौशन तोंदी ने पहले से बना लिया है, जानकार बताते हैं कि जैतपुर चौराहे के समीप इंड्रस्ट्रियल शॉप नामक प्रतिष्ठान संचालित किया गया है, जहां से सोहागपुर एरिया सहित अन्य क्षेत्रों में हर तरह के मटेरियल सप्लाई किये जा रहे हैं।