विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा सोहागपुर क्षेत्र का केंद्रीय चिकित्सालय

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Santosh Sharma
धनपुरी। सुहागपुर क्षेत्र अंतर्गत संचालित केंद्रीय चिकित्सालय आईएसओ प्रमाणित चिकित्सालय है लेकिन वर्तमान समय में केंद्रीय चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों टेक्नीशियनों रेडियोलॉजिस्ट एवं दवाइयों का अभाव रहता है यह अस्पताल लॉकडाउन के पहले तक मरीजों के रेफर होने का प्रमुख सेंटर कहलाता था लॉक डाउन की वजह से लोगों ने रेफर करवाना बंद करवा दिया था विशेषज्ञ चिकित्सकों कमी से पहले ही केंद्रीय चिकित्सालय जूझ रहा था लेकिन अब स्थिति और भी गंभीर होने वाली है क्योंकि 30 जून को केंद्रीय चिकित्सालय से दो विशेषज्ञ चिकित्सक सेवानिवृत्त होने वाले हैं आगामी 30 जून को केंद्रीय चिकित्सालय में पदस्थ चीफ मेडिकल ऑफिसर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रजमोहन सिंह एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अखिलेश कुमार भारती सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
बीते माह भी नेत्र रोग विशेषज्ञ श्रीमती पटेरिया सेवानिवृत्त हो चुकी है केंद्रीय चिकित्सालय में पहले से ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी थी और अब सेवानिवृत्त होने जा रहे चिकित्सकों से यह कमी और भी बढ़ जाएगी एक जमाना था जब सोहागपुर क्षेत्र के केंद्रीय चिकित्सालय में कई नामी-गिरामी चिकित्सक पदस्थ थे डॉक्टर एपी मोहंती डॉक्टर मुर्मू डॉक्टर गोलास डॉक्टर पात्रा डॉक्टर मणि शेखर डॉक्टर आरसी जैन एवं डॉक्टर श्रीमती प्रतिभा पाठक इनके पदस्थ होने से केंद्रीय चिकित्सालय की ख्याति दूर-दूर तक थी जमुना कोतमा भालूमाड़ा अनूपपुर चिरमिरी मनेंद्रगढ़ हसदेव नरोजाबाद पाली उमरिया शहडोल कटनी आदि स्थानों से मरीज इलाज करवाने के लिए केंद्रीय चिकित्सालय आते थे गंभीर से गंभीर परिस्थिति में इलाज करवाने आए मरीज भी स्वस्थ होकर वापस जाते थे केंद्रीय चिकित्सालय में सभी वार्डों के सभी बेड हमेशा भरे रहते थे लोग जमीन पर बिस्तर लगा कर भी इलाज करवाने को तैयार हो जाते थे लोग कहते थे केंद्रीय चिकित्सालय आ गए हैं.
अब मुसीबत खत्म हो जाएगी लेकिन फिर केंद्रीय चिकित्सालय से कई विशेषज्ञ चिकित्सक स्थानांतरित कर दिए गए या फिर सेवानिवृत्त हो गए धीरे धीरे केंद्रीय चिकित्सालय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझने लगा और अब यह कमी निरंतर बढ़ती ही जा रही है केंद्रीय चिकित्सालय वर्तमान समय में सिर्फ दो चिकित्सकों के भरोसे चल रहा है इसलिए प्रबंधन को केंद्रीय चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के लिए प्रयास करने चाहिए
वर्षों से बंद पड़ी लाखों की सीटी स्कैन मशीन
वर्तमान समय में केंद्रीय चिकित्सालय में सीटी स्कैन एवं सोनोग्राफी मशीन मौजूद है लेकिन लाखों रुपए की यह मशीन किसी काम की नहीं है क्योंकि केंद्रीय चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से यह मशीन वर्षों से धूल खा रही है. गत वर्ष सह प्रबंध निदेशक ने सोहागपुर क्षेत्र का औचक दौरा किया था और उन्होंने शीघ्र रेडियोलॉजिस्ट पदस्थ करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन वह आश्वासन भी आज तक पूरा नहीं हुआ सोहागपुर क्षेत्र के कोयला श्रमिकों को आज भी सिटी स्कैन एवं सोनोग्राफी कराने के लिए शहडोल जाना पड़ता है जब इन मशीनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा तो फिर इनके होने ना होने का क्या फायदा क्योंकि नाम के लिए तो केंद्रीय चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन एवं सोनोग्राफी मशीन वर्षों से मौजूद है लेकिन इनका लाभ वर्षों से किसी को भी नहीं मिल पा रहा है यह मशीनें कब तक बंद रहेगी यह बात बताने के लिए कोई भी तैयार नहीं है।

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