वर्षो से गृह जिला में पदस्थ है श्रीवास्तव बाबू, राजस्व संबंधी कार्य को करता है प्रभावित

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नियम विरूद्ध तरीके से पदस्थापना, स्थानांतरण के बाद भी कार्यालय में कब्जा
एसडीएम कार्यालय में वर्षो से पदस्थ सहायक ग्रेड 03 दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव का एकतरफा राज चल रहा है, नियम विरूद्ध पदस्थ बाबू राजस्व संबंधी मामले में आंतरिक हस्ताक्षेप करने में माहिर माने जाते हैं, इनका गृह जिला होने के कारण अपने चहेतों को और दलालों को संरक्षण देने और उच्चाधिकारियोंं को भ्रम में रखकर दस्तावेज तैयार कर लिया जाता है, यही कारण है कि भू-माफिया दिव्य प्रकाश के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं।
अनूपपुर। जिले भर की राजस्व संंबंधी मामले को कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने तीव्र गति से समाधान करने के निर्देश दिये हैं, आम जन को पारदर्शिता के साथ उचित न्याय मिले उसके लिये लगातार बैठके कर अधिकारियों व कर्मचारियों को मैदानी स्तर तक जाकर कार्य करने के लिये निर्देश दिया गया है, लेकिन राजस्व संबंधी विवादित एवं अविवादित प्रकरणों को एसडीएम का रीडर दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव का आंतरिक हस्ताक्षेप कलेक्टर के पारदर्शिता को छिपाने में अपनी भूमिका निभाते हैं, यही कारण है कि तहसील कार्यालय और एसडीएम कार्यालय में इनका हुकूमत आज भी देखा जा रहा है।
गृह जिले में पदस्थ हैं बाबू
तहसील जैतहरी अंतर्गत ग्राम सोन मौहरी स्थित निवास स्थल में दशको पहले रहते थे, जहां उनको तहसील कार्यालय जैतहरी में पदस्थ होने का मौका मिला था, वहां पर श्रीवास्तव बाबू के द्वारा कई विसंगति पूर्ण कार्य किया गया था, यहां पर आने वाले आवेदक एवं अनावेदक एवं अधिवक्ताओं में नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद इनका स्थानांतरण तहसील कार्यालय अनूपपुर के लिये किया गया था। लेकिन जुगाड लगाते हुये नियम विरूद्ध तरीके से एसडीएम कार्यालय में अपनी पदस्थापना करवा ली। जबकि कई वर्षो से मुख्यालय अनूपपुर में निवास स्थान बनाकर रह रहे हैं और एसडीएम कार्यालय में आने वाले प्रकरणों में आंतरिक रूप से दखल देते हैं, जबकि कई बार गृह जिले से अन्यत्र स्थानांतरण की मांग की गई है।
राजस्व प्रकरणों में देते हैं दखल
एसडीएम कार्यालय में राजस्व संबंधी प्रकरणों में व दस्तावेज तैयार करने में इनका पूरा कार्यभार रहता है, इनसे जुडे दर्जनो भू-माफिया व कुछेक दलाल किस्म के अधिवक्ताओं की पकड़ सीधे दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव से रहता है। भोलेभाले ग्रामीणों को नियमों का हवाला देकर व अधिकारियों को भ्रमित करते हुये कई मामले निपटा दिये जाते हैं, तथा आंतरिक लेनदेन कर प्रकरणों को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर देते हैं, यही कारण है कि उचित न्याय व सुनवाई कई मामलो में नहीं मिल पाता है। यहां पर आने वाले लगभग मामलो में एसडीएम के रीडर का दखल रहता है।
अधिकारियों को रखता है जाल में
एसडीएम कार्यालय में नियम विरूद्ध पदस्थ अदना सा बाबू दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव यहां पदस्थ होने वाले अनुविभागीय अधिकारियों को अपने भ्रम के जाल में लपेटे रहता है। अधिकारियों के पास समय का अभाव व लंबित प्रकरणों को तीव्र गति से निपटाने के फेर में दस्तावेजों में हस्ताक्षर भर करना रहता है, जिसका फायदा उठाते हुये कई ऐसे मामलो में अधिकारियों से भ्रम में रखकर हस्ताक्षर ले लेता है। जिसका फायदा भू-माफिया व अन्य जुडे हुये लोगों को हो जाता है, जिसकी जानकारी अनुविभागीय अधिकारियों को भी नहीं हो पाती है और बाबू का यही कार्य आज भी अनवरत जारी है।
अन्यत्र स्थानांतरण की मांग
एसडीएम कार्यालय में वर्षो से पदस्थ दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव का अन्यत्र स्थानांतरण की मांग जनप्रतिनिधियों ने कई बार की है, जिसके बाद इनका स्थानांतरण के आदेश भी जारी हुये हैं, लेकिन अपने बुने हुये जाल में तथा मैनेजमेंट में माहिर बाबू सबको अपने काबू में कर लेता है। एक बार फिर जनपद पंचायत जैतहरी के अध्यक्ष राजीव सिंह ने कलेक्टर आशीष वशिष्ठ को पत्र सौंपते हुये स्थानांतरण की मांग की है। राजीव ने कहा कि अगर जिला प्रशासन एसडीएम के रीडर दिव्य प्रकाश श्रीवास्तव को जल्द ही स्थानांतरण नहीं करता है तो वह संभाग और राजधानी की तरफ रूख करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्षो से भोलेभाले लोग बाबू के कार्यो से परेशान है, और लोगों के लिये ऐसे बाबू का पदस्थ होना उचित नहीं है, इसलिये जिला प्रशासन से एक बार पुन: अनुरोध किया है कि एसडीएम के रीडर श्रीवास्तव बाबू का अन्यत्र स्थानांतरण किया जाये।
इनका कहना है
एक-दो सप्ताह के अदंर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होना है, आपने मामले को संज्ञान में लाया, हम विशेष रूप से ध्यान देंगे और उचित कार्यवाही करेंगे।
जे.पी. धुर्वे, अपर कलेक्टर अनूपपुर