स्टिंग ऑपरेशन : यहां है हर शख्स की कीमत, 22 सौ में बिके जेल के जिम्मेदार…watch Live video 📸📸

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अनूपपुर जिला जेल में भ्रष्टाचार का खुलासा: कमरा नंबर 5 में 5 हजार उपलब्ध होती है वीआईपी सुविधा, जेल में जेलर के लिए प्रधान आरक्षक पर कैदियों के परिजनों से खुलेआम वसूल रहा हजारों , घूस लेने का आरोप, वीडियो वायरल

शहडोल। संभाग अंतर्गत स्थित जेलों में बंदियों और कैदियों से उनके घरों फोन कॉल करवा कर वसूली की जा रही है, वही प्रताड़ना से राहत, अतिरिक्त सुविधा और वीवीआईपी ट्रीटमेंट तक स्पेशल शुल्क लेकर परेशान और सुविधा दी जा रही है।संभाग के अनूपपुर जिला जेल में भ्रष्टाचार का खुलासा HEH के पास शिकायत आने के बाद किया गया है, यहां कमरा नंबर 5 में 5 हजार में वीआईपी सुविधा, जेल में जेलर इंद्रदेव तिवारी प्रधान आरक्षक के मार्फत कैदियों के परिजनों से खुलेआम वसूलने का वीडियो ख़ुफ़िया कैमरे में कैद किया गया है, जो संभाग की जेलों में चल रहे इस खुले खेल को उजागर करता है। यहां शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश में भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। अनूपपुर जिला जेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक पर कैदियों से मिलने आए परिजनों से अवैध रूप से पैसे वसूलने का गंभीर आरोप कैमरे में कैद हुआ है। कथित प्रधान आरक्षक जेलर की जेब भरने के लिए लोगो से जेल में खुलेआम पैसा वसूलता नजर आ रहा है ,इस बात का पूरा खुलासा तब हुआ जब शहडोल जिले के बुढार की रहने वाली जेल में बंद कैदी से मिलने आई तो सबसे पहले उससे 22 सौ रु की मांग की गई, HEH news प्लेटफार्म से मदद की मांग की महिला के मांग पर HEH ने घूसखोर जेल के प्रधान आरक्षक का पैसा लेने का वीडियो अपने गुप्त कैमरे में कैद कर लिया, जिसमें प्रधान आरक्षक जेलर को 2 हजार रु व खुद के लिए दो सौ रु लिया, इतना ही नहीं उक्त प्रधान आरक्षक जेल में व्ही आईपी सुविधा दिलाने के नाम पर 5 हजार रु की तक डिमांड कर डाली और बताया कि 5 हजार देने के बाद कैदियों को कैसे व्हीआईपी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

गेट से शुरू होता है अवैध वसूली का खेल

अनूपपुर जिला जेल में प्रवेश करते ही अवैध वसूली का खेल शुरू हो जाता है, यहां पदस्थ प्रधान आरक्षक, बैच नंबर 107, एम.एस. ठाकुर, जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करवाने और व्हीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाने के नाम पर परिजनों से हजारों रुपए की मांग करता था। गेट से लेकर जेल के बैरकों और लगभग प्रहरियों तक रिश्वतखोरी की यह चैन बनी हुई है। इस पूरे खेल में वह खुद के लिए भी राशि ऐंठता था और दावा करता था कि यह रकम जेलर साहब के लिए ली जा रही है। अवैध वसूली हाथ में लेने के बाद इसे प्रहरी ने जेलर इंद्रजीत तिवारी तक पहुंचाया और जेल के बंद दरवाजे महज 2200 रूपये अंदर जाने के बाद नियमों को ताक में रखकर जेलर द्वारा खुलवा दिए गए। जेल के अंदर बाहर से भी ज्यादा रोचक नजारा देखने को मिला, जहां रुपए देकर दर्जन भर लोग बंदियों से मिलते नजर आए।

जागरूक महिला ने HEH से मदद ले भ्रष्टाचार का कराया पर्दाफाश

यह मामला तब उजागर हुआ जब शहडोल जिले के बुढार सरईकापा की रहने वाली एक महिला, जो अपने पति से मिलने अनूपपुर जिला जेल पहुंची थी, प्रधान आरक्षक एम.एस. ठाकुर द्वारा पैसे मांगने पर सतर्क हो गई। महिला का पति NDPS एक्ट के तहत जेल में बंद है। महिला के अनुसार, जेल के मुख्य गेट पर मौजूद प्रधान आरक्षक ने उनसे 2,000 रुपए जेलर साहब के नाम पर और अतिरिक्त 200 रुपए अपने नाम पर मांगे, महिला ने होशियारी दिखाते हुए घूस लेते समय प्रधान आरक्षक का वीडियो HEH के गुप्त कैमरे में कैद कर लिया , जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर प्रधान आरक्षक को पैसे लेते हुए देखा जा सकता है, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

लगातार होती थी पैसों की मांग

यह कोई एक बार की घटना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधान आरक्षक एम.एस. ठाकुर लंबे समय से जेल में मिलने आए सभी परिजनों से इसी तरह से पैसे वसूलता आ रहा था। हर मुलाकात पर कथित तौर पर ‘जेलर साहब के नाम’ पर मोटी रकम वसूली जाती थी। बंदियों तक खाने का समान पहुंचाने से लेकर जेल के अंदर गुटका,तंबाकू और मोबाइल तक की सुविधा उपलब्ध हों रही है,बस आपको शुल्क अदा करना पड़ता है।

 

5 हजार में उपलब्ध होती है जेल में व्हीआईपी ट्रीटमेंट

गुप्त कैमरे में बेहद ही हैरान कर देने वाला वाक्या भी कैद हो गया, जेल में मिलने आए परिजनों से पैसों की मांग कर रहे प्रधान आरक्षक के जेल में कैदियों के लिए 5 हजार रु देने पर वीआईपी सुविधा उपलब्ध हो जाती है, जिसके लिए बकायदा कमरा नंबर 5 उपलब्ध कराया जाता है । जहां कैदियों को हर ऐशो आराम हर सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, खाना से लेक गाना , नहाने से लेकर मनोरंजन, नशे की सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। प्रहरी ने 2000 रुपए इंद्रदेव तिवारी के नाम पर और 200 रुपए अपने लिए कैमरे की जद में लिए,यही नहीं जेलर साहब को रिश्वत की रकम लेने के बाद सफेद लिफाफे में देने की पुष्टि भी की,वही जेल में पदस्थ महिला प्रहरी और अन्य प्रहरियों को इसी अवैध वसूली का हिस्सा भी दिया, जेल के अंदर गेट पर महिला प्रहरी से होता हुई यह रकम अन्य प्रहरियों तक भी पहुंची,बड़ी ही सहजता से ठाकुर नाम के प्रहरी ने कैमरे में इस हिस्सा बाँट को स्वीकार करते हुए कहा कि सब स्पष्ट रूप से मिलबांट कर खाते है, भाई साहब बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपैया..।

जेल प्रशासन और जिला प्रशासन पर उठे सवाल

यह मामला उजागर होते ही जेल प्रशासन और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि वीडियो सबूत सामने आने के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर क्या सख्त कार्यवाही होती है। इस मामले में शहडोल जेल अधीक्षक भास्कर पांडे ने खुद को किनारे करते हुए कहा कि इस मामले जेल एस पी रीवा वरिष्ठ अधिकारी है,वही आधिकारिक बयान दे सकते है।
इधर इस मामले में अनूपपुर जिला जेल के रिश्वतखोर जेलर इंद्रदेव तिवारी से उनका पक्ष लेने के लिए जेलर अनूपपुर से उनके फोन नंबर 7974148874 पर शाम 7 बजकर 04 मिनट पर संपर्क किया गया ,तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया….

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