ज़हर परोसते स्ट्रीट फूड वाले, खाद्य विभाग बेपरवाह शहडोल मुख्यालय और आसपास के कस्बों में मोमोज, कटलेट, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइड राइस और नकली पनीर से बने खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बन रहे खतरा 

0

सड़क किनारे ज़हर परोसते स्ट्रीट फूड वाले, खाद्य विभाग बेपरवाह
शहडोल मुख्यालय और आसपास के कस्बों में मोमोज, कटलेट, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइड राइस और नकली पनीर से बने खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बन रहे खतरा

शहडोल। जिले में स्ट्रीट फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। खासकर जिला मुख्यालय समेत ब्यौहारी, जयसिंहनगर, धनपुरी और बुढ़ार जैसे कस्बों में सड़क किनारे ठेले और अस्थाई दुकानों पर रोज़ाना हजारों लोगों को मोमोज, कटलेट, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइड राइस, मंचूरियन, चाउमिन, हॉटडॉग, टिक्की, रोल, भुर्जी और नकली पनीर से बने व्यंजन बेचे जा रहे हैं। दिखने में भले ही यह खाने स्वादिष्ट और आकर्षक लगते हैं, लेकिन इनके पीछे छुपा ज़हर लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक बनता जा रहा है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, कई दुकानदार बाहर से आकर मुख्य बाजार, स्कूलों के सामने, अस्पतालों के आसपास, बस स्टैंड और चौराहों पर स्ट्रीट फूड का कारोबार कर रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये लोग एक ही तेल को कई दिनों तक उपयोग में लाते हैं। इसके अलावा नकली पनीर, सड़ा-गला सब्ज़ी मसाला, रंगीन सॉस, हानिकारक एसेंस और सस्ते कैमिकल युक्त सामग्री से इन खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाया जा रहा है।

कई विक्रेता तो खाने की सामग्री को दोबारा इस्तेमाल के लिए साफ कर नए रूप में पेश कर देते हैं। उदाहरण के लिए, बचा हुआ फ्राइड राइस अगली सुबह मंचूरियन या कटलेट में बदलकर परोसा जाता है। मोमोज की स्टफिंग में घटिया क्वालिटी की सब्जियां और नकली पनीर भरा जाता है, जिससे पेट संबंधी गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।

दुर्भाग्य की बात यह है कि इस पूरे मामले में जिला खाद्य एवं औषधि विभाग पूरी तरह निष्क्रिय बना हुआ है। विभागीय अधिकारी आरके सोनी और उनके अधीनस्थ कर्मचारी दुकानों पर निरीक्षण करना तो दूर, शिकायतों पर भी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। विभाग का ध्यान केवल कथित ‘लेन-देन’ और ‘मासिक वसूली’ तक सीमित रह गया है।

शहरवासियों ने बताया कि आए दिन बच्चों में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, फूड प्वाइजनिंग, स्किन एलर्जी और एसिडिटी जैसी बीमारियां सामने आ रही हैं। बावजूद इसके न तो कभी इन ठेलों की नियमित जांच होती है, और न ही किसी के खिलाफ कार्रवाई।

यह लापरवाही जनता के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ है। जिला प्रशासन से मांग की जा रही है कि वह खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी आरके सोनी सहित लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच करवाए।

यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले दिनों में यह खाद्य मिलावट एक गंभीर जनस्वास्थ्य संकट बन सकती है। जनहित में सख्त कार्रवाई अनिवार्य है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed