आर्थिक तंगी से जूझ रही छात्रा बेबी पासवान को मिला सहारा, रेडक्रॉस ने बढ़ाया मदद का हाथ
गिरीश राठौर
आर्थिक तंगी से जूझ रही छात्रा बेबी पासवान को मिला सहारा, रेडक्रॉस ने बढ़ाया मदद का हाथ
अनूपपुर जिले की एक प्रतिभाशाली छात्रा की शिक्षा पर मंडराता संकट जिला प्रशासन की संवेदनशील पहल से दूर हो गया। समय पर मिली सहायता ने न केवल उसकी पढ़ाई को नया संबल दिया, बल्कि शासन की जनहितकारी मंशा को भी सार्थकता प्रदान की।जिले के बदरा निवासी कक्षा 11वीं आर्ट्स की छात्रा बेबी पासवान के भविष्य पर घर की सीमित आर्थिक स्थिति के कारण अनिश्चितता की धुंध छा रही थी। पढ़ाई के प्रति उनकी निष्ठा और मेहनत के बावजूद आर्थिक विवशता शिक्षा की राह में बाधा बनती दिख रही थी। ऐसी स्थिति में समाधान की तलाश में बेबी पासवान जनसुनवाई में पहुँचीं और अपनी समस्या अपर कलेक्टर श्री दिलीप कुमार पांडेय के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने प्रशासन से अपनी शिक्षा जारी रखने हेतु आर्थिक सहायता की आवश्यकता बताई।
मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय देते हुए छात्रा की स्थिति को गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल मानवीयता और कर्तव्यनिष्ठा के भाव से रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से दस हजार रुपये की तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई ने छात्रा के शिक्षा–अभियान को नई गति प्रदान की।
सहायता राशि मिलने के बाद बेबी पासवान की आँखों में उमंग और आत्मविश्वास की नई किरणें झलक उठीं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा जिला प्रशासन के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि अब उनकी शिक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा शेष नहीं रहेगी। उन्होंने महसूस किया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाएँ तब ही सार्थक होती हैं जब वे समय पर जरूरतमंदों तक पहुँचकर उनके जीवन में परिवर्तन लाती हैं।
छात्रा की मदद के इस संवेदनशील उदाहरण ने प्रशासन की जनता के प्रति प्रतिबद्धता को एक बार फिर रेखांकित किया है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा समय–समय पर जनसुनवाई के माध्यम से समस्याओं के निराकरण की परंपरा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे जरूरतमंदों को उचित सहायता व समाधान उपलब्ध हो रहे हैं। बेबी पासवान को मिली यह तात्कालिक सहायता न केवल एक छात्रा की शिक्षा को संबल प्रदान करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि प्रशासनिक संवेदनशीलता ही जनहितकारी शासन की वास्तविक पहचान है।